जायौ जसोदा जलेवी सी रानी नें, आज रबडी सी रात में लडुआ सौ लाला

 जायौ जसोदा जलेवी सी रानी नें, आज रबडी सी रात में लडुआ सौ लाला ।

- पूत सपूत जन् ये जसुदा, इतनौं सुनि कें वसुधा सब दौडीं

आजु बधायौ ब्रजराज के रानी जायौ मोहन पूत

नंदगांव। 





अजय विद्यार्थी


नंदगांव >नंदगांव की विशेष परंपरा के अनुसार पंचागों की काल गणना के उलट रक्षा बंधन के ठीक आठ दिन बाद यहां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाता है। दोपहर लगभग साडे बारह बजे नंदगांव के गोस्वामीवृंदों द्वारा नंदभवन में अष्टछाप के कवियों की वाणियों का गायन किया । समाज गायन का दौर लगभग तीन घंटे से अधिक चला। संध्या के समय कुछ बरसाना के समाजी अपनी पारम्परिक वेशभूषा धोती, बगलबंदी से सुसज्जित हो नंदभवन पहुचें जिसके बाद दोनों गाँवों के गोस्वामीजनों के मध्य संयुक्त समाज गायन का दौर चला। इस दौरान लाला के जन्म की बधाइयाँ गायी गईं। समाज गायन के पश्चात बरसाना से आए गोस्वामी समाज को उपहार स्वरूप बधाई का लड्डू भेंट किया गया। श्री जी के लिए छबरिया में लडृडू भिजवाए गए। रात्रि दस बजे मंदिर प्रांगण में ढांढ पुरोहित द्वारा नंदबाबा की वंशावली का बखान किया गया। मध्यरात्रि को मंदिर के गर्भ गृह में गोस्वामीयों ने  पंचामृत से लाला के श्रीविग्रह का गुप्त अभिषेक किया गया। लॉकडाउन के चलते सभी पारम्परिक कार्यक्रमों की आपैचारिकताएं पूरी की गईं। 


ढांडिनियां मचल रही मोह नंद घर लै चलौ...

नंदगांव।


 कान्हा के जन्म की सुन गोवर्धन से आये ढांढ़ी ढांढ़िन ने नन्दबाबा के भवन में पहुंचकर उनकी वंशावली से जुडे पदों को सुनाया। इस दौरान लाला की बधाई गाते हुए ढांढ़िन नन्दभवन में मचल जाती है और लाला होने की खुशी में नन्दबाबा से नेग मांगती है। इस अद्भुत लीला को देखकर श्रद्धालु आनंद सें भाव विभोर हो जाते है।


मैया यषोदा के सिर पर बंधी प्रसूता की भांति पट्टी 


नंदगांव। नंदबाबा मंदिर में अभिषेक के दर्शन नहीं  कराए जाते हैं। कृष्ण बलराम का श्रृंगार कर मां यशोदा के सिर पर प्रसूता की भांति पट्टी बांध दी जाती है। यहां अभिषेक के दर्शन नहीं होते। दर्शनों का सौभाग्य सेवायतों को ही प्राप्त होता है। शयन के समय नव प्रसूता के लिए औषधिप्रद वस्तुओं का भोग लगाया जाता है। जन्म के बाद कन्हैंया ने कटि काछनी में नजर आए। 


नंदभवन में आज नंदोत्सव के कार्यक्रम

नंदगांव बरसाना के गोपों के बीच संयुक्त समाज गायन, 

दोनों गांवों के गोपों के बीच हास परिहास, प्रतिकात्मक मल्ल युद्ध, दधि कांधौ, बांस बधाई, शंकर लीला


नंदभवन में जन्म से पूर्व हुए परम्परागत कार्यक्रम




नंदगांव। लगभग 10 बजे ढांडी ढांडिन लीला का मंचन किया गया। नंदबाबा के पुरोहित ढांड ने नंदबाबा की वंशावली का बखान किया। करीब साडे 11 बजे भगवान कृष्ण का गौदुग्ध, गौघृत, दही, शहद, खांड से गोस्वामी समाज के गुरू द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ अभिषेक किया गया। मध्यरात्री को 12 नटखट नंदलाल ने अवतार लिया।

कृष्ण बलराम को बंधेगी राखी


नंदगांव। जन्मोत्स्व के अवसर पर श्री कृष्ण और बलराम को सेवायतों द्वारा राख्ी बांधी जाएंगी। इस दौरान जो बहिनें रक्षाबंधन पर अपने भाइयों की कलाई में राखी न बांध सकीं वो भी अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधेंगी।

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