नई शिक्षा नीति से अपनी मातृभाषा का जानने का भी अच्छा अवसर मिलेगा

 "यदि शिक्षा सही प्रकार से दी जाए

तो समाज से अनेक बुराईयां मिटाया जा सकता है"



गुरुग्राम: 5 सितंबर 2020 को शिक्षा को मानव व समाज का सबसे बड़ा आधार मानने वाले महान शिक्षाविद, स्वतंत्र भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा द्वितीय राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन करते हुए सर्व शिक्षा सुधार समिति ने 22 स्कूल संचालकों को किया सम्मानित। ब्लूमिंग डेल इंटरनेशनल स्कूल (सरस्वती एन्क्लेव, गुरुग्राम) की संचालिका 



श्रीमती रजनी तँवर ने समिति से सभी सदस्यों का धन्यवाद किया और इस प्रोफेशन को क्यो चुना इस के लिए अवगत कराया। समाज मे जो इज्जत गुरु को मिलती है वो किसी को नही मिलती है और गुरु ही बच्चों का सही निर्माण कर सकता है। कोई भी विद्यार्थी शिक्षा से वंछित न रहे इसलिए स्कूल का निर्माण किया और शिक्षा देनी शुरू की।2001 से पढ़ाना शुरू किया था और वे विद्यार्थी उच्चे पदों पर है। जब वे मिलते है और सम्मान करते है तो उन्हें देख कर  गर्व महसूस होता है।



सर्व शिक्षा सुधार समित के अध्यक्ष श्री राजेश राणा जी ने बताया कि कभी सपने देखना बंद नही करना चाहिए। जितने उच्चे सपने देखेगे तो कभी न कभी पूरा कर पाएंगे पर उस सपने को पूरा करने के लिए प्रयास जारी रखना चाहिए हार नही माननी चाहिए। एक न एक दिन सपना जरूर पूरा होगा।



समिति के द्वारा 80 साल के दो महान शिक्षाविद गुरु श्री केदारनाथ शर्मा जी व सुदर्शन शर्मा जी को भी घर जा कर सम्मानित किया।



शिक्षा है अनमोल रतन फाउंडेशन (सरस्वती एन्क्लेव, गुरुग्राम) के फाउंडर रविन्द्र सिंह तँवर ने नई शिक्षा नीति के बारे में बताया कि ये शिक्षा नीति बहुत अच्छी आ रही है। इस शिक्षा नीति से काफी बच्चों के सपने साकार हो सकते है क्योंकि विद्यार्थी को अपनी इच्छा अनुसार सब्जेक्ट ले सकता है अगर किसी को बायोलॉजी पढ़नी है उस के साथ वो अपनी इच्छा के कोई भी विषय ले सकता है और अपनी मातृभाषा का जानने का भी अच्छा अवसर मिलेगा अपनी संस्कृति से जुड़ा रहेगा। कुछ कमियों को दरकिनार करके इस का समर्थन करना है।



इस कार्यक्रम में समिति व स्कूल के गणमान्य सदस्य अध्यक्ष राजेश राणा जी, महा सचिव सुरेन्द्र महलावत जी, सरला महलावत जी, सोनू कटारिया जी, अवदेश जी, विजयानंद जी, रजनी तँवर, रविन्द्र तँवर जी, अनुराधा जी, चमन सिंह राघव जी, पायल जी, सुनील जी, रुपाली जी, राकेश जी आदि उपस्थित रहे।




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