युवा वर्ग जो कुसंग की ओर चला जा रहा है उसे भी भागवत की शरण लेनी चाहिए:सुरेश चंद्र शास्त्री

आज श्रीमद् भागवत कथा के प्रारंभ होने से पूर्व भव्य कलश यात्रा का आयोजन कराया गया जो मंदिर से प्रारंभ होकर आयोजित स्थल तक पहुंची।



गुरुग्राम सेक्टर 10 अल्पाइन स्कूल के पास श्री विनोद वशिष्ट जी द्वारा आयोजित कराई जा रही है।श्रीमद् भागवत कथा के प्रारंभ होने से पूर्व भव्य कलश यात्रा का आयोजन कराया गया जो मंदिर से प्रारंभ होकर आयोजित स्थल तक पहुंची। 



दिनेश वशिष्ठ प्रेसिडेंट आर॰डबल्यू॰ए॰ सेक्टर 3,5 और 6 बताया कि आज श्रीमद् भागवत कथा जो परम पूज्य पंडित श्री सुरेश चंद्र शास्त्री जी महाराज वृंदावन से पधारे हुए हैं ये उनकी आठवीं कथा है जो पिछले आठ साल से साल मैं एक बार कथा कर रहें हैं जोकि इस कथा के यजमान विनोद वशिष्ठ के पिता जी श्री प्रीतम वशिष्ठ हैं। 



यह कथा 29 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 5 अक्टूबर  2021 तक चलेगी आज प्रथम दिवस की चर्चा में महाराज श्री ने अपनी रसमई वाणी से भागवत के महत्व के बारे में बताया और कहा कि भागवत एवं भगवान में कोई भेद नहीं है भगवान श्री कृष्ण की वांग्मयी स्वरूपा ही श्रीमद्भागवत है और उन्होंने यह भी कहा कि युवा वर्ग जो कुसंग की ओर चला जा रहा है उसे भी भागवत की शरण लेनी चाहिए। 



कलश यात्रा में भारी संख्या मैं महिलाओं ने भाग लिया और कथा सुनी। कथा मैं शशि कांत शर्मा , श्रवण दुबे , हरिप्रकाश कौशिक, दल सिंह अत्री, मनोज शर्मा कमल शर्मा , संजय वशिष्ठ उपस्थित रहे और कथा का आनंद लिया। 



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