बिहार घाट पर सामूहिक विराट विशाल दीपदान किया गया






 यूं तो हर जगह की दिवाली अपने आप में खास होती है, लेकिन वृन्दावन में प्रवाहमान यमुना पुलिन पर दीपोत्सव पर्व के दौरान किये जाने वाले दीपदान के जो दृश्य देखने को मिलता है वह स्वर्ग के दृश्य से कम नहीं है।  आज सन्ध्या काल मे वृन्दावन के विप्र समाज द्वारा . तट के बिहार घाट पर सामूहिक विराट विशाल दीपदान किया गया तो ऐसा लगा मानो पूरी आकाश गंगा जमीं पर उतर आई हो। यमुना की मध्यम गति में अठखेलियां करते दीये झिलमिल रोशनी प्रकट करते हुए नयनाभिराम दृश्य उत्पन्न करते हैं।



ब्राह्मण सेवा संघ एवं ब्राह्मण महासभा के संयुक्त तत्वावधान में छोटी दीपावली के अवसर पर परिक्रमा मार्ग स्थित बिहार घाट के समीप यमुना के तट पर दीपदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विप्रजनों ने माँ यमुना का पूजन कर दीपदान किया।


 कार्यक्रम में विचार व्यक्त करते हुए ब्राह्मण सेवा संघ के संस्थापक चन्द्रलाल शर्मा ने कहा कि यमुना के तट पर किये जाने वाले दीपदान की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। कई धार्मिक पुराणों ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। दीपदान  धनतेरस से लेकर भाई दूज (पांच दिन)तक किया जाता है।

ब्राह्मण महासभा के संस्थापक सुरेश चंद्र शर्मा ने कहा कि यमुना किनारे दीपदान करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

 यमुना में स्नान ध्यान व दीपदान करने के बाद वृन्दावन की परिक्रमा करने की भी परम्परा है। 

आनंद वल्लभ गोस्वामी एवं महेश भारद्वाज ने कहा कि  जीवन में किसी भी प्रकार का दैहिक दैविक और भौतिक कष्ट हो तो दीपावली के अवसर पर यमुना नदी के तट पर दीपदान करने से सारे कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

 राजू द्विवेदी राजू भैया,अशोक अज्ञ, गोपाल शरण शर्मा, सुरेश शुक्ला, लाला व्यास, कृष्णचन्द्र गौतम, सुमित गौतम, गोविंद पचौरी,संदीप शास्त्री, विनायक भारद्वाज, सत्यभान शर्मा, आर सी द्विवेदी, नीरज गौड़, तपेश पाठक, जगदीश शास्त्री, सुमित गौतम, जुगल शर्मा, मयंक, शंभू, अतुल, अविनाश शर्मा,

 आदि उपस्थित थे।।         

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