महेन्द्र वैष्णव आमेट
राजसमन्द
महिलाओं ने कि गोवर्धन की पूजा अर्चना
आमेट उपखंड के आगरिया गांव व आसपास में दीपोत्सव के दूसरे दिन महिलाओ ने अपने घरों के बाँहर गोबर से बना गोवर्धन की पूजा अर्चना की है पूजा की थाल सजाकर कर महिलाओ ने गीत गाती हुई गोवर्धन की पूजा की इसमे लच्छा,कंकु ,दही, धूप ,अगबर्ती से पूजा अर्चना कर भगवान कृष्ण से परिवार में सुख शांति की कामना की मान्यता यह है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था।
श्रीकृष्ण ने इन्द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाते हैं। कुछ लोग गाय के गोबर से गोवर्धन का पर्वत मनाकर उसे पुजन कि तो कुछ गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान को जमीन पर बनाते हैं।ओर पूजा अर्चना कर सुख शांति की कामना की गई है।
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