दुकानदारों पर मनमानी नीतियाँ थोपकर शोषण करती खट्टर सरकार : माईकल सैनी

दुकानदारों पर मनमानी नीतियाँ थोपकर शोषण करती खट्टर सरकार : माईकल सैनी



नगर निगम गुरुग्राम का नया अभियान ट्रेड लाइसेंस के नाम पर फीस जमा करो वरना भारी जुर्माना भरने को हों तैयार   शहर में दुकानें सील करने की अचानक कार्यवाही को लेकर शहर के व्यापारियों में फिर एक बार हड़कंप मच गया है  जी हाँ बगैर नोटिस जारी किए व्यवसायिक प्रतिष्ठान सील किए जाने तथा मोटी रकम जुर्माने के तौर पर वसूले जाने के भय से दुकानदार भाई अपने व्यवसाय को लेकर चिंताग्रस्त हो गए हैं  जिसकारण प्रत्येक व्यापारी जल्द से जल्द ट्रेड लाइसेंस हाँसिल कर लेना चाहता हैं  परन्तु निगम अधिकारियों के सुस्त रवैये के चलते लाइसेंस की फीस जमा करने में विलंब हो रहा है और उसके लिए भी लंबी कतारें लग रही हैं  जिसकारण हुई देरी के चलते भी अनेकों दुकानों पर नगर निगम की सील लग रही है ,

कोरोनाकाल में लगे लोकडाउन के कारण अव्यवस्थित हुए व्यापार को अभी संभाल भी नहीं पाए थे दुकानदार भाई कि अचानक एमसीजी का आदेश उनपर कहर बनकर टूट रहा है ,  एक तरफ जहां घनघोर मंदी से अपने कारोबार को उबारने की जद्दोजहद में लगे हैं व्यापारी  वहीं दूसरी ओर नगर निगम की अनीतिगत कठोर कार्यवाही ने उनकी हिम्मत को कुचलने का कार्य किया है उनके प्रतिस्ट्ठानों को सील करके , हमारा सवाल यह है कि क्या दमन कर खून चूसने की प्रक्रिया को ही सबका साथ सबका विकास समझती है खट्टर सरकार ?


तरविंदर सैनी (माईकल ) आम आदमी पार्टी नेता गुरुग्राम  का कहना है कि जहाँ एक ओर दिल्ली सरकार अपने बड़े और छोटे व्यापारियों के व्यापार को डिजिटल एप के माध्यम से कनेक्टिविटी बढ़ाने को लेकर सजग हैं ,  स्वच्छता से लेकर सुरक्षा तथा उनकी बेहतरी पर जोर दे रही है  उनके विकास के साथ अपना राजकोष भी बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है   वहीं दूसरी ओर खट्टर सरकार तमाम तरह के जुर्माने और टैक्सों से वसूली गई रकम से मूलभूत सुविधाएं देना तो छोड़िए  स्वच्छता, सुरक्षा भी नहीं दे पा रही है  आए दिन व्यापारियों की दुकानों में लूट , डकैती , अपहरण , मारपीट और चोरीयों की वारदातें बढ़ गई हैं ,असुरक्षित माहौल में व्यापार कर रहे व्यापारियों पर नित नए कानून बना अवैध वसूलियां वैध करार देकर वसूली जा रही हैं , कभी अतिक्रमण के नाम पर तो कभी सौन्दर्यकरण के नाम पर अभियान चलाकर   परन्तु सब अपनी जेबें गर्म करने में लगे नजर आते हैं धरातल पर शौचालय तक नहीं , आग लगने की घटना के भी घँटे भर बाद पहुंचती हैं दमकल विभाग की गाड़ियां , सुविधाओं को देने के नाम पर नगर निगम के खजाने को लगभग चट कर चुके गुरुग्राम प्रशासन के अधिकारी लगता है  उसी खाली पड़े खजाने को भरने के लिए व्यापारियों का शोषण कर रहे है  यह सब व्यापारियों की समझ में ही नहीं आ रहा है कि लुटेरे कोंन हैं ठग , बदमाश , अधिकारी या  सरकार ? 

माईकल सैनी ने तो यहाँ तक कहा कि सरकार टैक्स लेने उपरांत  सुविधाएं देने की सोच भी तो डवलप करे  या केवल लेती रहेगी  देने के लिए कुछ नहीं उसके पास  , कमसकम अपनी मनोदशा को भी स्पस्ट तो करे शाशन प्रशासन -  आखिर कहना और करना क्या चाहती है व्यापारियों के साथ ?

उन्होंने कहा कि दुकानदारों के लिए यह रामराज्य नहीं अपितु रावणराज चल रहा है जिसे देखो  कहीं से भी आता है और लूटकर चला जाता है  मानों व्यापारी ना हुए फूलनदेवी हो गई  

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