तिब्बत में हो मानव अधिकारों की बहाली: प्रमोद गोयल
-तिब्बत की आजादी, मानसरोवर की मुक्ति, भारत की सुरक्षा ही हमारा लक्ष्य: अमित गोयल-भारत-तिब्बत सहयोग मंच ने की विचार गोष्ठी
गुरुग्राम। भारत-तिब्बत सहयोग मंच की ओर से शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गुरुग्राम में प्रांत स्तरीय मानवाधिकार दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में मंच के राष्ट्रीय महामंत्री एडवोकेट प्रमोद गोयल समेत कई अतिथियों ने शिरकत की।
प्रमोद गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि चीन ने वर्ष 1949 से तिब्बत पर कब्जा किया हुआ है। यह पूरे विश्व के लिए एक चुनौती है। साथ ही मानव अधिकारों का हनन है। इस हनन के साथ वह लोगों के साथ क्रूर व्यवहार कर रहा है, अत्याचार कर रहा है। वहां तुरंत मानवाधिकारों की बहाली हो। वहां शिक्षा, सामाजिक और संस्कृति का दमन किया जा रहा है। यहां तक कि क्रूरता और अत्याचारों पर लिखने वाले हजारों पत्रकारों की चीन ने हत्या कर दी है। वर्ष 1949 से ही लाखों तिब्बती लोग भारत सहित अन्य देशों में शरण लेकर दर-दर घूम रहे हैं। इनमें वहां के धर्म गुरू परम पूजनीय दलाई लामा भी शामिल हैं। भारत-तिब्बत सहयोग मंच विश्व के सभी देशों से मांग करता है कि चीन की यूएनओ की सदस्यता रद्द की जाए। तिब्बत को आजाद किया जाए और वहां हो रही क्रूरता को बंद किया जाए।
इस अवसर पर भारत-तिब्बत सहयोग मंच के हरियाणा प्रांत अध्यक्ष अमित गोयल ने कहा कि हम सभी देशवासियों को तिब्बत की आजादी, मानसरोवर की मुक्ति और भारत की सुरक्षा का संकल्प लेना होगा। भारत-तिब्बत सहयोग मंच के इसी लक्ष्य को लेकर लंबे समय से आंदोलन जारी है। उन्होंने कहा कि भारत की वसुधैव कुटुंबकम् की संस्कृति बतलाती है के यह विश्व एक परिवार है और हमें पूर्ण विश्वास है के मौजूदा सरकार इसी नीति पर कार्य कर रही है। सरकार ने इस विषय पर कड़े कदम उठाए भी हैं।
अमित गोयल ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। गोष्ठी में महिला विंग की राष्ट्रीय सचिव अलका दलाल, उषा गुप्ता, कृष्ण तंवर, प्रांत कोषाध्यक्ष चंदन मुंजाल, युद्धिष्ठिर कौशिक, निशांत अहलावत, प्रतीक राव, अभिषेक गौड़, सुनील तंवर, तिब्बती मार्केट सेक्टर-52 के अध्यक्ष सोनम ज्ञालसन, महासचिव तेंजिन शेराप समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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