सूर्य-नमस्कार को सर्वांग व्‍यायाम भी कहा जाता है

 ‘*सूर्य नमस्कार*' -

* सर्वांग व्‍यायाम *

-रश्मि चौकसे राय



सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। इसी कारण प्राचीन ऋषि-मुनि सूर्य की पूजा-अर्चना करते थे। 'सूर्य नमस्कार' का मतलब है सूर्य को नमन करना यानि सन सेल्यूटेशन (Sun Salutation)। अगर आप योग की शुरुआत कर रही हैं तो इसके लिए 'सूर्य नमस्कार' का अभ्यास सबसे बेहतर है। यह आपको एक साथ 12 योगासनों का फायदा देता है और इसीलिए इसे सर्वश्रेष्ठ योगासन भी कहा जाता है।



सूर्य-नमस्कार को सर्वांग व्‍यायाम भी कहा जाता है, समस्त यौगिक क्रियाओं की भांति सूर्य-नमस्कार के लिये भी प्रातः काल सूर्योदय का समय सर्वोत्तम माना गया है। सूर्य नमस्कार हमेशा खुली हवादार जगह पर कम्बल या योगा मेट बिछा , खाली पेट अभ्यास करना चाहिये।

 सूर्य नमस्‍कार प्रत्‍येक बार सूर्य मंत्रों के उच्‍चारण से विशेष लाभ होता है, वे सूर्य मंत्र निम्‍न है।


ॐ मित्राय नमः  

ॐ रवये नमः  

ॐ सूर्याय नमः  

ॐ भानवे नमः  

ॐ खगाय नमः  

ॐ पूष्णे नमः  

ॐ हिरण्यगर्भाय नमः  

ॐ मरीचये नमः  

ॐ आदित्याय नमः  

ॐ सवित्रे नमः

ॐ अर्काय नमः  

ॐ भास्कराय नमः  

ॐ श्री सबित्रू सुर्यनारायणाय नमः 


सूर्य नमस्कार शुरुआत में 4-5 बार करना चाहिए और धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 12-15 तक ले जाएं।


लाभ-

-आँखों की रोशनी बढती है।

शरीर में खून का प्रवाह तेज होता है जिससे ब्लड प्रेशर की बीमारी में आराम मिलता है।

-सूर्य नमस्कार का असर दिमाग पर पडता है और दिमाग ठंडा रहता है।


क्रोध पर काबू रखने में मददगार होता है।

है।


हृदय व फेफडोंकी कार्यक्षमता बढती है।

पचनक्रियामें सुधार होता है।


मनकी एकाग्रता बढती है।

इसके अभ्यास से शरीर की लोच शक्ति में आश्चर्यजनक वृद्धि होती है। प्रौढ़ तथा बूढे़ लोग भी इसका नियमित अभ्यास करते हैं तो उनके शरीर की लोच बच्चों जैसी हो जाती है।


पाचन सम्बन्धी समस्याओं, अपच, कब्ज, बदहजमी, गैस, अफारे तथा भूख न लगने जैसी समस्याओं के समाधान में बहुत ही उपयोगी भूमिका निभाता है।


इसका नियमित अभ्यास करने वाले व्यक्ति को हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, निम्न रक्तचाप, मधुमेह, गठिया, कब्ज जैसी समस्याओं के होने की आशंका बेहद कम हो जाती है।


मानसिक तनाव, अवसाद, एंग्जायटी आदि के निदान के साथ क्रोध, चिड़चिड़ापन तथा भय का भी निवारण करता है।


शरीर की अतिरिक्त चर्बी को घटाता है।


स्मरणशक्ति तथा आत्मशक्ति में वृद्धि करता है।


-सूर्य की रोशनी में इसे करने से शरीर को विटामिन डी मिलता है, जिससे आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं नहीं होतीं।


आशा है, कि आप सब भी सूर्य नमस्कार सपरिवार करेंगे।आप अपना फ़ोटो व विडीओ भी साझा करे।


धन्यवाद, 

-श्रीमति रश्मि चौकसे राय

निर्देशक व संस्थापक

ॐ टीम

-वाइस प्रेसिडेंट

हरियाणा आइस एसो० 

विंटर अलिम्पिक गेम्ज़

(9910629386)


https://rashmicareercounsellor.com/

Post a Comment

0 Comments