होली 2022 जानिए पर्व काल, शुभयोग एवं राशी अनुसार रंग
राघवेंद्ररविश राय गौड़ से :-
कब है होलिका दहन?
इस बार पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर 01.29 मिनट से शुरू होगी। वह समाप्ति 18 मार्च को दोपहर 12.47 मिनट पर होगी। 17 मार्च की रात्रि को पूर्णिमा है। इस लिए होलिका दहन 17 मार्च की रात को किया जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 09.06 मिनट से 10.16 मिनट तक रहेगा।
कब मनाई जाएगी रंगों वाली होली?
होली का पर्व चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। अगर प्रतिपदा तिथि दो दिन रहती है। तब पहले दिन होली मनाई जाती है। इस साल यही स्थिति है। जिस कारण धुलण्डी को लेकर लोग असमंजस में हैं। इस साल चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 18 मार्च को दोपहर 12.47 मिनट से हो रहा है। जबकि समाप्ति 19 मार्च को दोपहर 12 बजे होगी। इस वर्ष दो दिन ये तिथि है। इस कारण होली 18 मार्च को ही मनाई जाएगी।
पूर्णिमा तिथि 17 मार्च, 2022 को दोपहर 01:29 बजे शुरू होगी
पूर्णिमा तिथि 18 मार्च, 2022 को दोपहर 12:47 बजे समाप्त होगी
विशेष संयोग :
ज्योतिषीय दृष्टि से इस साल होली पर कई शुभ योग भी होंगे। वृद्धि योग, अमृत सिद्धि,सर्वार्थ सिद्धि तथा धु्रव योग, बुध- आदित्य योग.. लगभग सभी उत्तम संयोग विद्यमान होंगे जो व्यापार आदि में शुभ संकेत दे रहे हैं। उत्त्राफाल्गुनी नक्षत्र, कन्या राशि तथा पूर्णिमा इस होली के पर्व को और शुभ बना रहे हैं।
जानिए राशि अनुसार उपयुक्त रंग
मानव शरीर पर रंगों का वैज्ञानिक और ज्योतिषीय प्रभाव दोनों ही पड़ता है। यह इंसान की मनोवृति प्रभावित करता है।
आप यदि अपनी राशि के अनुसार रंग लगाएं या कपड़े पहनें और खास रंग से बचें तो होली का उत्सव और भी प्रभावी हो जाएगा।
मेष व बृश्चिक: आप लाल,केसरिया व गुलाबी गुलाल का टीका लगाएं व लगवाएं और काले व नीले रंगों से बचें ।
बृषभ व तुलाः आपको सफेद, सिल्वर, भूरे, मटमैले रंगों से होली क्रीड़ा भाएगी । हरे रंगों से बचें।
मिथुन व कन्या: हरा रंग आपके मनोकूल रहेगा। लाल ,संतरी रंगों से बचें।
कर्कः आस्मानी या चंदन का तिलक करें या करवाएं। काले नीले रंगों से परहेज रखें।
सिंहः पीला ,नारंगी और गोल्डन रंगों का उपयोग करें। काला,ग्रे, सलेटी व नीला रंग आपकी मनोवृति खराब कर सकते हैं।
धनु व मीनः राशि वालों के लिए पीला लाल नारंगी रंग उपयुक्त रहेगा काला रंग न लगाएं न लगवाएं।
मकर व कुंभः आप चाहे काला , नीला ,ग्रे रंग जितना मर्जी लगाएं या लगवाएं लाल ,गुलाबी गुलाल से बचें।
वागीशा यस्य वदने लक्ष्मीर्यस्य च वक्षसि ।
यस्यास्ते हृदये संवित् तं नृसिंहमहं भजे ॥
नारायणनारायण
राघवेंद्ररविश राय गौड़
ज्योतिर्विद
9926910965
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