सावधान! क्या आप भी अपने सिग्नचर में डॉट लगाते हैं?



स्वयम देखे सिग्नेचर में लगाए गए डॉट के प्रभाव



प्रत्येक व्यक्ति का अपना सिग्नेचर सबसे अलग होता है..!

सिग्नेचर में कुछ लोग डाट लगाना पसन्द करते है...या आदतन डाट लगाते है...!

वो सिग्नेचर में डाट क्यों लगाते है..?

इसका उनके पास कोई सन्तुष्ट करने वाला उत्तर नही होता है..!

की वो डाट क्यों लगा रहे है..अपने सिग्नेचर में..!

डाट लगाना सिग्नेचर में अतिरिक्त है..श्रम है..!

सिग्नेचर में जो अक्षर (अल्फावेट) नाम और सरनेम के अनुसार लिखे जाते है..उसके अतिरिक्त डाट का उपयोग करने का कारण हम स्वयं नही जानते है ऐसा क्यों करते है..!

इसके लिए व्यक्ति के नेचर( "स्वभाव , गुण ,प्रकृति.) को जानना और समझने की आवश्यकता है..!

जो अल्फावेट सिग्नेचर में स्वयं के द्वारा प्रस्तुत किये जा रहे है उससे अतिरिक्त डाट का उपयोग व्यक्ति सिग्नेचर में करता है...जो उसके द्ववारा अतिरिक्त ऊर्जा के स्वभाव के अनुसार उपयोग करने को दर्शाता है..! आवश्यकता से अधिक फ़ोर्स का उपयोग जो नेचर के अनुसार व्यक्ति के द्वारा उपयोग करने को दर्शाता है..!

अतिरिक्त ऊर्जा (जरूरत से ज्यादा)या फ़ोर्स का स्वभाव में होना या उसका उपयोग करना  व्यक्ति को जिद्दी और अतिआत्मविश्वास बनाता है..!

सिंगल डाट व्यक्ति को कॉन्फिडेंट बनाता है ऐसा सब समझते है..व्यक्ति खुद को पूर्ण समझने लगता है...उसे अपना व्यक्तित्व नेचर या विचार ही सत्य नजर आता है..तब वो स्वयम को साबित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है..जिद्द और ईगो दोनो का सम्मिलित रूप ही डॉट लगाने के लिए प्रोत्साहित करते है जो सिग्नेचर में नजर आ जाता है..ऐसे लोग यदि स्पीड से सिग्नेचर  करते है और प्रेशर देकर करते है तो निश्चित एक्सीडेंट का कारण ऐसे व्यक्ति स्वयम होते है..और शरीर पर इसके निशान भी अवश्य होते है..या सम्बंधित अंगों में कष्ट ..!

लेकिन दो या उससे अधिक डॉट का उपयोग व्यक्ति को जरूरत से ज्यादा अर्थात अतिआत्मविस्वासी बनाता है..!

ऐसी स्थिति में व्यवहार में नेचर में व्यक्ति का जिद्दी होना अड़ियल स्वभाव  अपने लक्ष्य को लेकर होना अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए  किसी भी हद तक जाकर उसकी पूर्ति करने स्वभाव होता है..!

सिग्नेचर की अदृश्य मानक रेखा से ऊपर की और लगने वाले डाट व्यक्ति को चिड़चिड़ा उतावला और जल्दबाजी करने वाला बनाते है..!

ऐसा व्यक्ति बिना सोचे समझे निर्णय करने वाला होता है...सही गलत का अनुमान लगाने की उसकी क्षमता बहुत कम होती है...!

परिस्थितियों के दबाव में आकर जिद और अड़ियल आंतरिक स्वभाव के कारण सामाजिक मर्यादाओं से आगे जाकर निर्णय लेता है जो उसके साथ उससे जुड़े लोगो के लिए भी कष्टदायी होते है..!

साथ ही ये शारीरिक दुर्घटना के शरीर में स्वयं की आदतों के कारण उतपन्न होने वाले रोगों का भी कारण होते है..!

ज्यादातर अनुभव में देखा गया है कि सिग्नेचर में डाट का उपयोग करने वाले व्यक्ति अपनी मनमर्जी के फैसले लेते है..!

सही या गलत का चुनाव उनके नेचर के अनुसार तय होता है..!

इसके लिए सिग्नेचर के अन्य घटकों को भी देखना आवश्यक होता है..!

अदृश्य मानक रेखा से नीचे की ओर लगाए जाने वाले डाट यदि सिग्नेचर  के प्रारम्भ होने के स्थान पर होते है तब व्यक्ति के पेट से जुडी हुई समस्याओं को दर्शाते है या शल्य किर्या को आमंत्रित करते है...!

सिग्नेचर के अंत में लगाए गए दो या दो से अधिक डाट व्यक्ति के पैरों में चोट लगने या हड्डियों तक उसके प्रभाव को दर्शाते है..!

(इसका विश्लेषण सिग्नेचर बनाने के प्रेशर के अनुसार होता है..)

वैसे सिग्नेचर में एक डाट व्यक्ति को आत्मविश्वासी तो बनाता है ..साथ ही उसे अपने फैसले पर अडिग रहने वाला भी बनाता है...निर्भर करता है उसके फैसले सकारात्मक है या नकारात्मक ...ये व्यक्ति स्वयं विश्लेषित नही कर पाता है..क्योकि उसका नेचर सिर्फ उसे स्वयं को ही सही मानता है...!

ऐसे डाट लगाने वाले दम्पत्तियों के जीवन में आने वाली कड़वाहट और खटास या सेपरेशन की स्थिति तक को उतपन्न करता है...!

दो या उससे अधिक डाट व्यक्ति जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वासी और असुरक्षा प्रदान करता है..!

सिग्नेचर में डाट लगाने वाले व्यक्तियों के सामाजिक जीवन और पारिवारिक जीवन में बहुत अंतर देखा जा सकता है..!

व्यक्ति का स्वभाव व्यवहारिक स्तर पर पारिवारिक स्तर और सामाजिक स्तर पर अलग अलग होता है...! 

सिग्नेचर में लगाया हुआ डाट (डाट लगाने की संख्या अलग अलग स्थान के अनुसार अलग कम या ज्यादा प्रभाव उतपन्न करती है..) पारिवारिक स्थिति को सर्वाधिक प्रभावित करता है..(साथ ही डाट लगाने का प्रेशर भी अपना अलग प्रभाव रखता है)..!

सिग्नेचर में लगाए जाने वाले डाट तय करते है व्यक्ति की जीवन की सफलता और उसकी असफलता...कैसे होगी..?

उसका जीवन किस तरह कब कैसे प्रभावित होगा..!

यदि आपके बच्चे सिग्नेचर में किसी भी रूप में डॉट लगाते है तो ये स्थिति  भविष्य में उनके लिए अच्छी नही हो सकती है..अपनी जिद और ईगो से वो अपने केरियर और पारिवारिक जिंदगी को नुकसान पहुचा सकते है..!

केवल सिग्नेचर में लगाए जाने वाले डाट विषय पर बहुत कुछ बताया जा सकता है .!

दीपक राठौर ..इंदौर..मध्यप्रदेश..!

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