कुछ होंगे मालामाल,तो कुछ बेहाल!जाने शनि से कर्मों की चाल…

  • जानिए अपनी राशि का हाल——-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है, तो उसका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। शुक्रवार, 28 अप्रैल 2022 को धनिष्ठा नक्षत्र और कुंभ राशि में 1:52 रात शनिदेव का प्रवेश हो रहा है। शनिदेव अपनी राशि बदलने के पहले से ही अपना असर समस्त राशियों पर दिखाना शुरु कर देते हैं..
  • शनि को प्राचीन काल से भारतीय जनमानस में यह कहा गया है कि शनि की साढ़ेसाती मानसिक शारीरिक आर्थिक दृष्टि से कष्टप्रद होती है और लोग बहुत भय हो जाता है
  • जब आपकी राशि से (moon) चौथे और आठवें स्थान में शनि आएगा तो रोग, भाइयों से लड़ाई,विदेश में जाने का कष्ट, चिंता यह फल मिलते हैं


  • जब आपकी राशि से 12वीं में,पहले और दूसरे स्थान में जाते हैं तो सिर्, हृदय,पैर में पीड़ा होती है और दुष्टों से भय होता है पुत्रों और पशुओं का या वाहन का कष्ट होता है.।
  • यह आपके शनि जहां पर बैठा होता है उससे भी देखना चाहिए…
  • साढ़ेसाती का प्रथम चक्र🪐 मीन राशि 🪐
  • अत्यंत प्रबल होता है इस अवधि में शारीरिक कष्ट कुछ रुकावट अनेक प्रकार की हानि उठाना पड़ सकती है माता-पिता को भी शनि पीड़ित करता है.
  • द्वितीय चक्र🪐 कुंभ राशि
  • में जब साढ़ेसाती का फल होता है तो अपेक्षाकृत कम प्रभाव या मध्यम प्रभाव डालता है यह आपके श्रम व संघर्ष से उन्नति होगी मानसिक अशांति अवश्य बनी रह सकती है परंतु भौतिक उन्नति होती है माता-पिता या अन्य बुजुर्गों का वियोग भी सहन करना पड़ सकता है..
  • तृतीय चक्र 🪐 मकर राशि
  • की साढ़ेसाती आपकी है तो सनी अनेक कठोर फल देता है यह मारक का भी प्रभाव देता है और आपको प्रबल शारीरिक कष्ट भी दे सकता है परंतु अगर आपका सनी अच्छे स्थान में हैं तो है इस आक्रमण से और आपके कर्म अच्छे हैं तो आप सुरक्षित रह पाते हैं..
  • साढ़ेसाती की प्रथम ढ़इया( मीन राशि )
  • हो तो
  • तब सनी आपकी बाद में स्थान से गुजरता है दूसरे, छठ ,नौ, भावों पर दृष्टि होती है.. मानसिक व शारीरिक सुख में कमी करता है आपके सिर पर इस का निवास होता है..
  • साढ़ेसाती की द्वितीय ढैया (कुंभ राशि ) का फल
  • अब शनि आपकी राशि से चलते हैं आपके तीसरा सातवां और दसवें भाव पर इनकी पूर्ण दृष्टि होती है इनका पेट में निवास होता है.. व्यर्थ का भय होता है और आपको पेट के रोग की संभावना होती है..
  • साढ़ेसाती की तीसरी ढैया ( मकर राशि ) का फल
  • शनि आपकी राशि से दूसरे स्थान में जाता है और आप के चौथे आठवें और ग्यारहवें भाव पर दृष्टि होती है ये उतरती साढ़ेसाती पैरों पर सनी होते हैं इसमें पैरों में कष्ट होती है शारीरिक कमजोरी आती है और रुपयों का खर्च होता है.. आलस से बचना होता है..
  • कंटक शनि(4) चतुर्थ स्थान (वृश्चिक राशि)🪐
  • जब आपकी राशि से शनि चतुर्थ स्थान में भ्रमण करते हैं तब छठ मा दशमा और आपकी लगने पर दृष्टि होती है तब आपका स्थान तरण या स्थान परिवर्तन होता है, आपको पारिवारिक सुख में कमी करता है जनता और राज्य दोनों से विरोध भी करवाता है, मन में घबराहट होती है और बीपी भी बढ़ता है..
  • कंटक शनि (7) (सिंह राशि)🪐 सप्तम स्थान
  • जब जन्म राशि से शनि सप्तम स्थान में हो तो आपके नवम, लग्न और चतुर्थ पर पूर्ण दृष्टि होती है, आपकी पार्टनरशिप टूट सकती है आप पति या पत्नी को शारीरिक कष्ट या आप से अलगाव हो सकता है, शरीर के नीचे के हिस्से में बहुत सारे रोग बन जाते हैं, भाग्य में भी गतिरोध होता है पिता और माता को कष्ट या यात्राएं होती हैं और कष्ट होता

कंटक शनि( कर्क राशि )अष्टम स्थान का फल
जब शनि आप के आठवें स्थान में होता है तब दूसरे, पंचम, दशम भाव पर इसकी दृष्टि होती है.. आपके कार्यक्षेत्र में आपकी आजीविका में आपके व्यापार में बहुत सारे असफलता का सामना या कोई ऐसे कार्य करना पड़ता है जिससे आपकी प्रतिष्ठा भंग होती है घर संपत्ति में बटवारा संतान से मतभेद या अलगाव हो सकता है..
कंटक शनि (वृषभ राशि)🪐शनि दसवें स्थान पर
शनि जब आप के राशि से 10 में स्थान में में भ्रमण करता है 12व, चतुर्थ और सप्तम भाव में इनकी दृष्टि होती है आपके बहुत सारे कार्य में उत्थान और पतन होगा यह रुकावट आएंगे व्यापार में ऐसे काम करेंगे जिससे आपका व्यापार नहीं चलेगा आपके पार्टनरशिप भी अलगाव में आ जाएगा..

कुंभ के शनि का राशियों पर फल.. शनि का गोचर छे राशियों पर अपनी नजर डालता है…
. मेष:__अब शनिदेव आपके 11वें भाव में होंगे। इस समय शनिदेव आपकी आय व इच्छापूर्ति के स्व मेहनत का फल प्राप्त होगा। आपके रूके कार्य भी आगे बढ़ेंगे। आय में लाभ, साथ ही आपको सेहत का विशेष ध्यान रख घुटनों के दर्द का। सामाजिक प्रतिष्ठा में इजाफा करेंगे। इस दौरान नौकरी में सफलता, आर्थिक उन्नति और नेतृत्व क्षमता के योग बनेंगे..
वृष राशि
चमत्कारी शनि आपके भाग्य व 10वें यानि कर्म भाव के स्वामी होंगे। पदोन्नति की संभावना के बीच विदेशी संपर्क या रोजगार से भी लाभ होगा। राज योग का निर्माण हो रहा है। वृष राशि वालों के लिए भाग्य और राज्य के कारक शनि देव संपति के साथ साथ पराक्रम ,सम्मान, और यश में वृद्धि का भी संयोग बन रहा है।
. मिथुन: जो पीड़ा रही है, वह अब दूर होगी। पुरानी मेहतन का पूरा लाभदायक होने के साथ ही भाग्य का साथ मिलेगा। खेती या एग्रिकल्चर से जुड़े लोगों को लाभ होगा। बड़े लोगों से संपर्क लाभ देगा। मिथुन अष्ठम भाव मे ऐसे में इस राशि के जातकों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य की दिक्कतों के अलावा पारिवारिक खर्च में इजाफा होगा।

  1. कर्क:
    कर्क राशि के जातकों के लिए सप्तम भाव मे होकर गोचर कर रहे हैं और ऐसे में व्यवसायिक गठबंधन लाभकारी साबित होंगे। नई योजनाएं बनेंगी लेकिन भाग्य में अवरोध पैदा होने की संभावना बन रही है। नौकरी और बिजनेस में स्थान परिवर्तन होने के साथ ही रहने की जगह में भी बदलाव होने के योग बनेंगे। पैर में चोट लगने या कोई ऑपरेशन होने की भी आशंका रहेगी। इन लोगों को गैरकानूनी कामों से बचना चाहिए।
  2. सिंह:
    इस समय मेहनत ज्यादा करने के साथ ही वाणी पर विशेष संयम रखना होगा साथ ही जो भी इस समय आपको कई नए चैलेंज मिलेंगे। सिंह राशि वालों के लिए शनि देव षष्टेश एवं सप्तमेश होकर षष्ट भाव मे इस दौरान सिंह लग्न के लिए रोग,कर्ज मुक्ति एवं शत्रुओं परेशानी हों सकते है..

कन्या:__ कुछ नया कर तो, नए नए चैलेंज भी दे सकते हैं। जिसके चलते नई नई समस्याएं समाने आएंगी। वाणी पर विशेष ध्यान, साथ ही सेहत के में पेट, घुटनों के नीचे दर्द रहने की संभावना है। धोखे से सतर्क रहें। पंचम भाव में ही पंचम एवं षष्ठ भाव के कारक होकर विद्यमान रहेंगे। ऐसे में विद्या के क्षेत्र में शुभ फल मिलेंगे। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी..

तुला:
शनि आपके लिए विशेष शुभ रहेंगे। खेल जगत के अलावा किसी रिसर्च में भी इस दौरान आप विशेष कार्य कर सकते हैं। विशेष धन लाभ की स्थिति बनी रहेगी। गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि करेंगे। जमीन जायदाद के मामलों में सफला मिलेगी और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी।

. वृश्चिक:_ शनि की ढ़ैय्या से गृहस्थी पर विशेष ध्यान,मन में संशय बना रहेगा। नौकरी में बॉस से तनाव रहने,धन और पराक्रम में वृद्धि के योग हैं और सामाजिक पद प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। । कड़ी मेहनत करनी होगी। नौकरी और बिजनेस में स्थान परिवर्तन होने के साथ ही पैर में चोट लगने या कोई ऑपरेशन होने की भी आशंका रहेगी। इन लोगों को गैरकानूनी कामों से बचना चाहिए।

  1. धनु:
    आपके अनेक काम बनेंगे। साथ ही दोस्तों व भाइयों का सहयोग भी मिलेगा। लेकिन ध्यान वाणी पर नियंत्रण रखेंगे। वहीं आपका भाग्य आपको आपके पिता व गुरुओं की कृपा व आशीर्वाद से ही लाभ देगा। आपको व्यापार में धन। निवेश के लिए भी यह समय अच्छा है। धनु राशि के जातकों के लिए इस साल शनिदेव उच्च फल प्रदायक ग्रह के रूप में लोगो को धन के नए स्रोत…
    मकर
    शनि का आखिरी चरण शुरू हो जाएगा।
    वाणी पर नियंत्रण, स्थान परिवर्तन का भी योग है। माता की सेहत का ध्यान रखने के साथ ही आयात व निर्यात को लेकर भी सावधान रहना होगा। आर्थिक कुल मिलाकर ये समय मिलाजुला प्रभाव तो देगा, लेकिन आर्थिक लाभ भी अवश्य प्रदान करेगा। आपको कोई मंत्री या अन्य पद मिल सकता है। इस दौरान मनोबल उच्च का बना रहेगा।

कुंभ: दूसरा चरण शुरू हो जाएगा। शनि का ये परिवर्तन आपके मान सम्मान में वृद्धि के शनि की साढ़ेसाती के चलते पार्टनरशिप में परेशानी आ सकती है। गृहस्थी में परेशनी खड़ी होने के साथ ही इस समय आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना हो, वहीं दूसरी ओर आपको यह समय आर्थिक मामलों में भी लाभ देगा।
अचानक धन खर्च में बढ़ने,खुद पर नियंत्रण रखें.
मीन: शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी, जिससे कामकाज में रुकावटें आ सकती हैं। अतिरिक्‍त मेहनत करनी पड़ेगी। कर्ज लेने जैसी स्थितियां बनेंगी। पैर में चोट लगने या दुर्घटना होने की आशंका है।
परिवर्तन आपकी की ओर इशारा कर रहा है।मुमकिन है इस दौरान आपका स्थान परिवर्तन भी हो। इस दौरान आपकी आय में वृद्धि हो सकती है। शनि की साढ़े साती के काले घोड़े के नाल का छल्ला शनिवार के दिन मध्यमा पहन सकते है..
अंजना Astrosky

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