महिला शक्तिकरण का अनूठा उदाहरण है सुहानी बजाज: नवीन गोयल
-सुहानी की कहानी बायोग्राफी पुस्तक का किया गया विमोचन
-मेयर मधु आजाद के निवास पर हुआ विमोचन कार्यक्रम
गुरुग्राम। जीवन की जद्दोजहद के बीच खुद को साबित करते हुए समाज में मजबूती के साथ खड़ी हुई एक आम महिला सुहानी द्वारा अपने जीवन में लिखी पुस्तक सुहानी की कहानी का विमोचन गुरुवार को यहां मेयर मधु आजाद के निवास पर किया गया।
इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने कहा कि एक महिला का जीवन सदा संघर्ष में बीतता है। संघर्ष भरे जीवन के बाद भी बहुत कर सकती है। यह सुहानी जी ने साबित कर दिया है। हर किसी को यह पुस्तक पढऩी चाहिए, ताकि वे सुहानी के जीवन से प्रेरित होकर खुद के जीवन में बदलाव ला सकें।
अपनी पुस्तक के बारे में सुहानी बजाज ने बताया कि यह उनके व्यक्तिगत जीवन पर आधारित हकीकत पर लिखी गई है। यह मोटिवेशनल पुस्तक है। इससे औरतें बहुत कुछ सीख सकती हैं। जीवन में कभी हार नहीं मानना चाहिए। सुहानी बजाज के मुताबिक वह हरियाणा के यमुनानगर की रहने वाली हैं और यूपी के सहारनपुर में उनका विवाह हुआ था। शादी की 20वीं सालगिरह मनाने के दो महीने बाद वह 40 साल की उम्र में विधवा हो गई। पति के निधन के बाद जीवन में भूचाल आया। पूरा घर वही संभालते थे। उन्होंने तो समाज से बाहर निकलकर भी नहीं देखा था।
सुहानी कहती हैं कि ऐसी स्थिति में औरतें यही सोच लेती है कि जिंदगी खत्म हो गई। वे छोटे शहर से हैं, इसलिए उनके सामने भी कई चुनौतियां खड़ी हो गई। ना तो रंगीन कपड़े पहन सकती थी और ना ही ठीक से रह सकती हैं। पति के निधन के तीसरे दिन ही जहन में भविष्य में आने वाली परेशानियां नजर आ रही थी। घर का खर्चा कैसे चलेगा। सब कुछ खत्म हो चुका था। 40-42 साल की उम्र में जिंदगी दुबारा से शुरू करनी थी।
जीवन की जद्दोजहद के बीच वे सहारनपुर से अपने छोटे बच्चों को लेकर दिल्ली आ गई। वहां कुछ काम मिला। सर्वेंट क्वार्टर में रही। अपना वजूद तलाशने का जुनून था। फैक्ट्री, जिम में 10-10 हजार रुपये की नौकरी की।
बीकॉम तक पढ़ीं सुहानी अब सुहानी होम एस्टेट नाम से रियल एस्टेट कंपनी चलाती हैं। इसकी शुरुआत पौने दो साल पहले की थी। उससे पहले नौकरी करती थी। ग्रेट इंडियन वूमेन अवार्ड भी मिला है। उनकी बेटी ने अब नौकरी ज्वाइन की है। बेटा उनके साथ बिजनेस स्टार्ट करने जा रहा है।
सुहानी कहती हैं कि हिंदी भाषा में यह पुस्तक लिखी गई है, ताकि हर कोई पढ़ सके। लोग छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर परेशान होते रहते हैं। मैं चाहती हूं मेरी हकीकत पढ़कर लोग खुद भी मजबूत बनें। लड़कियों को आगे बढ़ाना उद्देश्य है। जो ठोंकरे बिना पैसे के उन्होंने खाई हैं, कोई और ना ऐसी स्थिति को झेले, यही प्रयास है। जीरो से शुरू करके हीरो बना जा सकता है। हौंसले मजबूत होने चाहिए।
Please follow us also
Email-ajeybharat9@gmail.com
Whatsapp Group https://chat.whatsapp.com/ClaOhgDw5laFLh5mzxjcUH
http://facebook.com/Ajeybharatkhabar
http://youtube.com/c/Ajeybharatnews
http://instagram.com/ajeybharatnews
वे भगवान बुद्ध को मानती हैं। लोगों को मॉटिवेट करती हैं। लोगों को खुशी देती हैं।
इस अवसर पर एडवोकेट अशोक आज़ाद , सुहानी बजाज, मनीषा चौधरी, सोनल मल्होत्रा, प्रिया तिवारी, ज्योति राघव, दीपशिखा सहगल, नीतू वर्मा, संतोष अग्रवाल, मनी बजाज, पारस बजाज, अनिकेत कपूर, मधु अरोड़ा, सुभाष अरोड़ा, रीतू गोयल, पारस गोयल समेत काफी लोग उपस्थित रहे।
0 Comments