ब्रज वृन्दावन के वृक्ष साक्षात संत हैं
विप्र समाज ने किया सामूहिक वृहद वृक्षारोपण
यमुना शुद्धिकरण पर हुई धर्माचार्य संगोष्ठी
वृन्दावन। अनेक विप्र संगठनों ने सन्तो के सानिध्य में आज एक साथ मिलकर यमुना किनारे वृहद वृक्षारोपण किया। श्री प्रदीप बंसल जी द्वारा संस्थापित यमुना मिशन द्वारा विकसित यमुना पुलिन क्षेत्र के सुंदर सुरम्य वातावरण में अनेक संतों, भागवत प्रवक्ताओं, रासाचार्यो, एवं विप्र संगठनों के पदाधिकारियों ने सामुहिक वृक्षारोपण कर 251 वृक्ष लगाए। इसके साथ ही यमुना मिशन के तत्वावधान में आयोजित धर्माचार्य संगोष्ठी में वक्ताओं ने यमुना मिशन के कार्यों की भूरि- भूरि प्रशंसा करते हुए यमुना शुद्धिकरण पर विचार व्यक्त किये।
अध्यक्षता करते हुए महामन्डलेश्वर चित्प्रकाशानन्द गिरि महाराज ने कहा कि कृष्ण प्रिया कालिंदी माँ यमुना के शुद्धिकरण के लिए ब्रजवासियों को एकजुट होकर आगे आना होगा। वर्तमान में यमुना मिशन के द्वारा ब्रज के स्वरूप की रक्षा करने हेतु किये जा रहे कार्य प्रशंसनीय हैं।
मुख्य अतिथि गोवर्धन विधानसभा क्षेत्र के विधायक ठाकुर मेघश्याम ने कहा कि ब्रज वृन्दावन के वृक्ष साक्षात् संत हैं इनकी सेवा भगवान् कृष्ण की सेवा ही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार यमुना शुद्धिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।
ब्राह्मण सेवा संघ के अध्यक्ष एवम् कार्यक्रम सन्योजक आचार्य श्री आनन्दवल्लभ गोस्वामी जी ने कहा कि यमुना शुद्धि के लिए जहां एक ओर सरकार को गम्भीर कदम उठाने होंगे वही दूसरी ओर हम समस्त ब्रजवासियों को भी अपने अपने स्तर से प्रयास करने के लिए आगे आना होगा। यमुना मिशन ने हमारे सामने एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।
यमुना पुत्र श्री गोपेश बाबा जी महाराज ने यमुना मिशन द्वारा पर्यावरण की शुद्धि के लिए चलाये जा रहे कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। आपने बताया कि गंदे नालों के पानी को किस प्रकार रोक कर उसका उपयोग वृक्षारोपण में कर जहां यमुना को दूशित होने से रोका जा रहा है वहीं यमुना किनारे कुंज निकुंजो एवं सुंदर वृक्षावलियो द्वारा स्वस्थ सुरम्य पर्यावरण का निर्माण किया जा रहा है। आपने यमुना मिशन के द्वारा किये जा रहे कर्यो से जुड़ने के लिए आम जनमानस का अह्वान भी किया।
अंतराष्ट्रीय भजन गायक प. श्री बनबारी लाल शर्मा जी ने भजन गायन एवं कवि अशोक अज्ञ और राघव भारद्वाज ने यमुना जी की महिमा पर काव्य पाठ किया।
इस अवसर पर महंत श्री आदित्यानन्द जी महाराज, महंत श्री सुंदर दास जी महाराज, महन्त श्री रामस्वरुप ब्रह्मचारी जी महाराज, स्वामी श्री ब्रह्मचेतन जी महाराज, योगी श्री नवल गिरि जी महाराज, श्रीबिहारी लाल वाशिष्ठ जी, प. श्री सुरेश चन्द्र शर्मा जी, डॉ चन्द्रप्रकाश जी बांकालाठी, डॉ श्रीमनोज मोहन शास्त्री जी, आचार्य श्री बद्रीश जी, श्री रमेश चंद्राचार्य जी, श्री रामनारायण ब्रजवासी जी, श्रीमारुतिनंदन वागीश जी, श्रीअशोक व्यास जी, श्री रसिक शास्त्री जी, श्री कृष्ण चंद्र गौतम छीता जी, श्री वंशी तिवारी जी, श्री रविकांत गौतम जी, श्री जुगल किशोर कटारे जी, श्री विनय त्रिपाठी जी, श्री बुद्धि प्रकाश जी, श्री लाला व्यास जी, श्री संजय पंडित जी, श्री सुमंत कृष्ण जी, श्री लाला पहलवान जी, श्री विष्णु गोस्वामी सिद्ध जी, डॉ आर सी द्विवेदी जी, श्रीब्रज् किशोर पचोरी जी, श्री ईश्वर चन्द रावत, श्रीमती मुदिता शर्मा, श्रीमती शशि शुक्ला, श्रीमती सविता द्विवेदी, एवं श्रीमती रश्मि शर्मा आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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