गुरुग्राम, 2 जुलाई, 2022 ।
इस वर्षा ऋतु में बढ़ चढ़कर सभी पौधारोपण करें। आज भारत में 500 करोड़ पेड़ों की ज़रूरत है। समझदार बनकर अभी से पौधे लगाने होंगे क्योंकि एक पौधे को बड़ा होने मे 5 से 7 वर्ष लग जाएंगे। अब वर्षा हो रही है, पौधे ज़रूर लगाएं।
‘ऊर्जा समिति’ महासचिव संजय कुमार चुघ ने बताया कि आज लोगों को लग रहा है कि गर्मी बहुत बढ़ रही है। अभी तो यह शुरुआत है, 45 से 49 डिग्री तापमान को 55 से 60 डिग्री तापमान होने में देर नहीं लगेगी। 56 डिग्री पर व्यक्ति जीवित नहीं रहेगा। सब कुछ सरकार पर मत छोडिये, स्वयं आगे बढ़कर पौधारोपण करें। जैविक ही जीवन है।
पीपल, बेल और नीम जैसे वृक्ष वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाते हैं साथ ही धरती के तापमान को भी कम करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह पौधारोपण अभियान मानसून में जारी रखें। सभी का आह्वान किया कि वर्षा ऋतु में ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण अभियानों में शामिल हों और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में अपना पूरा योगदान दें। सभी लोग पर्यावरण की रक्षा के लिए न्यूनतम ऊर्जा, बिजली, पानी, तेल, गैस, पेट्रोल व डीजल का इस्तेमाल कर अपने दायित्वों का निर्वाह करें।
आइए हम पीपल, बड़, बेल, नीम, आंवला एवं आम आदि वृक्षों को लगाकर आने वाली पीढ़ी को निरोगी एवं 'सुजलां सुफलां पर्यावरण' देने का प्रयत्न करें।
उन्होंने बताया कि 100% कार्बन डाइऑक्साइड सोखने वाले पीपल को वृक्षों का राजा कहा गया है।
बेल 85% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है।
नीम 80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है।
वटवृक्ष 80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है।
इमली 80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है।
कविट 80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है।
आवला 74% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है।
आम 70% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है।
भविष्य में भरपूर मात्रा में नैसर्गिक ऑक्सीजन मिले इसके लिए आज से ही अभियान आरंभ करें।
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