आधुनिक परिवेश में कानून के क्षेत्र में कैरियर:राजेश वशिष्ठ ऐडवोकेट

 आधुनिक परिवेश में कानून के क्षेत्र में कैरियर



अब वह दौर गया, जब लॉ करने के बाद वकालत करने या कोर्ट कचहरी या जज बनने जैसे ही ऑप्शन हुआ करते थे।

 आज इस प्रोफेशन में अनेक नये रास्ते खुल गए हैं। यंगस्टर्स अपनी दिलचस्पी के अनुसार फील्ड सलेक्ट कर सकते हैं। जैसे कॉरपोरेट लॉ, टैक्सेशन लॉ, आइपी लॉ आदि। इन दिनों गवर्नमेंट से लेकर प्राइवेट सेक्टर की कंपनीज अपने यहां लीगल ऑफिसर, एडवाइजर, कंसल्टेंट को हायर कर रही हैं। उनके यहां बाकायदा लीगल सेल्स ऑपरेट हो रहे हैं, जिनमें एक्सपर्ट लॉ ग्रेजुएट्स की जरूरत होती है। 

अब अगर आप भी इस फील्ड में कदम बढ़ाते हैं, तो सामने खुला आसमान है.....


कॉरपोरेट लॉयर मूल रूप से नॉन-लिटिगेशन के मामले देखते हैं या फिर कंपनीज के लिए कंसल्टेंट की जिम्मेदारी निभाते हैं। इसके अंतर्गत वे कंपनीज के ट्रांजैक्शंस, मर्जर-एक्विजिशन, पब्लिक शेयर, जनरल, कॉमर्शियल, इंटरनेशनल कॉन्ट्रैक्ट्स आदि के लिए ड्राफ्टिंग, नेगोशिएशन, रिस्ट्रक्चरिंग देखते हैं। साथ ही कैपिटल मार्केट में इनवेस्टमेंट, प्राइवेट इक्विटी, लेंडिंग जैसे मामलों के बारे में कॉरपोरेट्स को सलाह देते हैं।


सिविल लॉयर

 आमतौर पर शिक्षा, प्रॉपर्टी, संवैधानिक अधिकारों से संबंधित मामलों को देखते हैं। ये क्लाइंट्स के लिए रिट याचिका दाखिल करने, सेल्स, गिफ्ट, पार्टिशन डीड्स या कॉन्ट्रैक्ट्स आदि ड्राफ्ट करने जैसी जिम्मेदारी निभाते हैं।


कॉरपोरेट लिटिगेटर

 मुख्य रूप से कंपनी के टैक्सेशन लिटिगेशन, शेयर-होल्डर लिटिगेशन, लाइसेंसिंग डिस्प्यूट, इनवेस्टमेंट रिलेटेड इश्यूज को हैंडल करते हैं। वहीं, सिविल लिटिगेशन के अंतर्गत लैंड, क्रिमिनल, फैमिली, डाइवोर्स आदि के केसेज को देखना होता है।


क्रिमिनल लॉयर

 जो भी काम गैर-कानूनी तरीके से किया जाए या जिसमें कानून का उल्लंघन होता है और जहां सजा का प्रावधान है, वह क्रिमिनल ऑफेेंस कहलाता है। वहीं, इन सभी मामलों को देखने वाला क्रिमिनल लॉयर। यह ऑफेेंस फैमिली मैटर्स से लेकर कंपनीज से संबंधित कोई मसला हो सकता है। मसलन घरेलू हिंसा, दहेज हत्या, मर्डर, यौन उत्पीडऩ, धोखाधड़ी, स्कैंडल, साइबर क्राइम आदि। 


साइबर लॉ

यह इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का युग है। इसलिए मौजूदा समय में इंटरनेट एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र को रेगुलेट करने के लिए जिस लॉ की जरूरत होती है, उसे साइबर लॉ कहते हैं। आज सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रभाव के कारण इस क्षेत्र में रोजगार के असीमित अवसर हैं। ऐसे में आइटी या इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स लॉ की डिग्री हासिल कर इस पेशे से जुड़ सकते हैं।


इंटरनेशनल लॉ

 विभिन्न देशों के नागरिकों एवं कारोबारियों के साथ-साथ राष्ट्रीय हितों के बीच उत्पन्न होने वाली समस्याओं को इस कानून द्वारा सुलझाया जाता है। इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सुनहरे अवसर हैं।


लेबर लॉ

एम्प्लॉइज के अधिकार एवं उनकी समस्याओं के समाधान के लिए लेबर लॉ बनाया गया है। गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स में तो इनके एक्सपट्र्स की मांग है ही, प्राइवेट सेक्टर में भी इनकी डिमांड देखी जा रही है।


टैक्स लॉ

अक्सर इंडस्ट्रीज की लेन-देन या बिजनेस प्रक्रिया के दौरान विभिन्न प्रकार की टैक्स प्रॉब्लम्स होती हैं। इनका समाधान टैक्स लॉ एक्सपट्र्स करते हैं। कॉरपोरेट सेक्टर में भी टैक्स लॉ विशेषज्ञों की बहुत अच्छी मांग है।


प्राइवेट के अलावा गवर्नमेंट सेक्टर में भी लॉ ग्रेजुएट्स के लिए अनेक अवसर हैं। वे यूपीएससी और स्टेट गर्वनमेंट द्वारा आयोजित परीक्षा को उत्तीर्ण कर जज, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आदि बन सकते हैं।


करियर के लिहाज से देखें, तो लॉ का क्षेत्र पहले से कहींअधिक अट्रैक्टिव हो गया है। आज बहुत सारे युवा सामाजिक जिम्मेदारी के अलावा पैसे और रुतबे को लेकर ज्यूडिशियल प्रॉसेस से जुड़ रहे हैं।


अगर आपमे भी काला कोट पहनकर कुछ करने का जज्बा है तो गाइडेंस एंड एडमिशन कॉउंसलिंग के लिए सम्पर्क करें ।


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@ 9416117935

RAJESH VASHISTH

 Advocate 

Sr. Career Counsellor

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