महेन्द्र वैष्णव आमेट
राजसमंद
मेरी लाडो मेरा मान अभियान स्वास्थ्य, लैंगिक समानता और मानवाधिकार के बारे में होती है चर्चा
देवगढ़ : प्रत्येक बच्चे का अधिकार है कि उसकी क्षमता के विकास का पूरा मौका मिले। लेकिन लैंगिक असमानता की कुरीति की वजह से वह मानसिक रूप से विकसित नहीं हो पाते भारत में लड़कियों और लड़कों के बीच न केवल उनके घरों और समुदायों में बल्कि हर जगह लिंग असमानता दिखाई देती है इन्ही बातो को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता भावना पालीवाल और करियर महिला मंडल देवगढ़ द्वारा गाँवों में युवतियों के साथ मेरी लाडो मेरा मान अभियान चलाया जा रहा है
इस अभियान के तहत अभी तक 2000 से अधिक युवतियों को खेल खेल सामग्री पाठ्यपुस्तकों, फिल्मों, मीडिया आदि के माध्यम से जागरूकता प्रदान की जा रही है भावना ने बताया की आज भी कई जगह पर लड़के और लड़कियों के बालपन के अनुभव में बहुत अलग होता है यहाँ लड़कों को लड़कियों की तुलना अधिक स्वतंत्रता मिलती है. जबकि लड़कियों की स्वतंत्रता में अनेकों पाबंदियाँ होती हैं यह पाबंदी का असर उनकी शिक्षा, विवाह और सामाजिक रिश्तों, खुद के लिए निर्णय के अधिकार आदि को प्रभावित करती है। आज लड़कियों और लड़कों के बीच न केवल उनके घरों और समुदायों में बल्कि हर जगह लिंग असमानता दिखाई देती है इन्ही को लेकर हर जगह कार्यशालाओ का आयोजन होता है ।
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