राघवेंद्र रविशराय गौड़ से जानिये श्रावण मास की महिमा,वैदिक पौराणिक महत्व श्रावण मास में कैसे करें शिव आराधना
14 जुलाई दिन गुरुवार से सावन मास की शुरुआत हो रही है और सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को है। इस साल श्रावण मास विष्कुंभ और प्रीति योग में शुरू हो रहा है, इसलिए ये और भी ज्यादा खास होने वाला है. ऐसी मान्यताएं हैं कि इन संयोग में पैदा हुए लोग बेहद भाग्यशाली और उत्तम गुणों वाले होते हैं. ऐसे लोग सासांरिक सुख और आर्थिक संपन्नता का लाभ उठाते हैं.
सनातन धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है। मान्यता है कि सावन मास भगवान शिव का सबसे प्रिय मास है और इस पूरे महीने हर तरफ हरियाली खिल उठती है। इस मास में भगवान शिव की आराधना करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सावन मास में शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने का भी विशेष महत्व है।
भगवान शिव ने स्वयं सावन के महत्व के बारे में बताया है। माना जाता है कि सावन माह में भगवानशिव की पूजा करने से तुरंत फलों की प्राप्ति होती है।
द्वादशस्वपि मासेषु श्रावणो मेऽतिवल्लभ: । श्रवणार्हं यन्माहात्म्यं तेनासौ श्रवणो मत: ।।
श्रवणर्क्षं पौर्णमास्यां ततोऽपि श्रावण: स्मृत:। यस्य श्रवणमात्रेण सिद्धिद: श्रावणोऽप्यत: ।।
श्रावण के विशेष योग
वैधृति योग - 13 जुलाई दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से 14 जुलाई सुबह 08 बजकर 27 मिनट तक
विष्कुम्भ योग - 14 जुलाई सुबह 8 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर 15 जुलाई सुबह 04 बजकर 16 मिनट तक
प्रीति योग - 15 जुलाई सुबह 04 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 16 जुलाई सुबह 12 बजकर 21 मिनट तक
सावन 2022 सोमवार की तिथियां
सावन सोमवार व्रत - 18 जुलाई 2022, सोमवार
सावन सोमवार व्रत - 25 जुलाई 2022, सोमवार
सावन सोमवार व्रत - 01 अगस्त 2022 सोमवार
सावन सोमवार व्रत - 08 अगस्त 2022, सोमवार
सावन मास का अंतिम दिन - 12 अगस्त 2022, शुक्रवार
जानिए सावन में कब, कौन-सा त्योहार मनाया जाएगा
16 जुलाई, शनिवार: गणेश चतुर्थी व्रत
24 जुलाई, रविवार: कामिका एकादशी
25 जुलाई, सोमवार: प्रदोष व्रत
28 जुलाई, गुरुवार: हरियाली अमावस्या
31 जुलाई, रविवार: हरियाली तीज, स्वर्ण गौरी व्रत
2 अगस्त, मंगलवार: नागपंचमी
4 अगस्त, गुरुवार: गोस्वामी तुलसीदास जयंती
8 अगस्त, सोमवार: पुत्रदा एकादशी
9 अगस्त, मंगलवार: प्रदोष व्रत
11 अगस्त, गुरुवार: रक्षाबंधन
श्रावण मॉस में दिन अनुसार शिव पूजा का फल-
* रविवार- पाप नाशक
* सोमवार- धन लाभ
* मंगलवार- स्वस्थ्य लाभ, रोग निवारण
* बुधवार- पुत्र प्राप्ति
* गुरूवार- आयु कारक
* शुक्रवार- इन्द्रिय सुख
* शनिवार- सर्व सुखकारी
श्रावण मास में शिव पूजा हेतु शास्त्रोक्त उत्तम स्थान-
तुलसी, पीपल व वट वृक्ष के समीप नदी, सरोवर का तट, पर्वत की चोटी, सागर तीर मंदिर, आश्रम, तीर्थ अथवा धार्मिक स्थल, पावन धाम, गुरु की शरण
भगवान शिव को चढ़ाएं ये चीजें और पाए विशेष फल -
बिल्वपत्र- जन्म जन्मान्तर के पापो से मुक्ति (पूर्व जन्म के पाप आदि)
कमल- मुक्ति, धन, शांति प्रदायक
कुशा- मुक्ति प्रदायक
दूर्वा- आयु प्रदायक
धतूरा- पुत्र सुख प्रदायक
आक- प्रताप वृद्धि
कनेर- रोग निवारक
श्रंघार पुष्प- संपदा वर्धक
शमी पत्र- पाप नाशक
शिव अभिषेक व पूजा में प्रयुक्त द्रव्य विशेष के फल-
मधु- सिद्धि प्रद
दुग्ध से- समृद्धि दायक
कुषा जल- रोग नाशक
ईख रस- मंगल कारक
गंगा जल- सर्व सिद्धि दायक ऋतू फल के रस- धन लाभ
सावन मास में न करें ये काम-
सावन महीने में शरीर पर तेल लगाने की मनाही होती है। शास्त्रों के अनुसार, इस महीने में दिन के समय नहीं सोना चाहिए। इस महीने बैंगन का सेवन करने की मनाही होती है। बैंगन को अशुद्ध माना जाता है। भगवान शिव को केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए।
भवानी शंकरौ वन्दे,श्रद्धा विश्वास रुपिणौ. याभ्यां बिना न पश्यन्ति,सिद्धा: स्वन्तस्थमीश्वरं.
नारायण नारायण
शिवार्पण मस्तु
सर्वेभवन्तु सुखिनः
राघवेंद्ररविश राय गौड़
ज्योतिर्विद
9926910965
0 Comments