यूक्रेन से आए छात्रों की सांकेतिक भूख हड़ताल रंग लायी, NMC बना रहीं उनके लिए पॉलिसी

गुरुग्राम: गत 26 जून को जंतर-मंतर पर यूक्रेन से भारत लाए गए छात्रों की एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल और उनके द्वारा निकाली गई रैली रंग लायी है,परिषद अब नए सिरे से सभी छात्रों के लिए पॉलिसी बनाने में लग गई है, इस रैली में भारत के 18 राज्यों से आए सैकड़ों की संख्या मे छात्रों और उनके अभिभावकों ने हिस्सा लिया I 



सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिषद जो पहले पॉलिसी बना कर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जमा करने वाली थी उस पर नए सिरे से विचार विमर्श करने के बाद उसे नए रूप में प्रस्तुत करने वाली है छात्रों के साथ ही उनके अभिभावकों के हितों को ध्यान में रखकर इस तरह की पॉलिसी बनाई जा सकती हैं 




ज्ञात हो कि यूक्रेन युद्ध में भारत आए सभी छात्रों के भविष्य को देखते हुए अब इनके लिए पॉलिसी में फेरबदल के बाद इसको सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा यूक्रेन से आए छात्रों और उनके अभिभावकों ने महात्मा गांधी के पदचिन्हों पर चलते हुए एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे पूरे देश से आए हुए सभी लोगों ने अध्यक्ष आर बी गुप्ता के आवाह्न पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था 



पैरेंट्स एसोसिएशन ऑफ यूक्रेन एम बी बी एस स्टूडेंट्स के अध्यक्ष आर बी गुप्ता ने बताया कि यदि परिषद का प्रस्ताव कोई ठोस योजना के अनुसार नहीं बनाया गया तो सभी छात्रों के साथ उनके अभिभावक भी रामलीला मैदान में आमरण अनशन पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ेगा भारत सरकार को स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय मेडिकल परिषद को इन भावी डॉक्टरों के भविष्य को भी ध्यान में रखकर ही कोई फैसला जल्दी ही लेना चाहिए I 



मीडिया के माध्यम से सभी छात्रों ने बताया की वो आने वाले समय में भारत के सुदूर इलाकों में मेडिकल सुविधाओं को लोगों 1 या 2 सालो के लिए फ्री में उपलब्ध करवाएंगे और सरकारी योजनाओं में भी बढचड कर हिस्सा लेंगे 



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