चिराग योजना के बाद हरियाणा सरकार ने 105 स्कूलों को बन्द करने का निर्णय का विरोध: आम आदमी पार्टी
हरियाणा में भाजपा सरकार की इन नीतियों के लेकर आम आदमी पार्टी के नेता, अनुराग ढांडा जी लगातार पूरे हरियाणा प्रदेश में आंदोलन कर रहे है। गुरुग्राम के क्षेत्र में 5 स्कूल पटौदी विधानसभा में आते है। वहां के निवासियों ने साउथ जोन के अध्यक्ष पंकज बेनीवाल को बताया कि अब बच्चियों को दूर गांव में स्कूल में भेजना पड़ेगा जो कि अब बहुत मुश्किल है। और लड़कों के लिए भी ट्रांसपोर्ट व्यवस्था स्कूल से नही मिल रही है। प्रधानमंत्री की बेटी बचाओ बेटी पड़ायों सिर्फ नारो में और विज्ञापन में ही दिखाई दे रहा है, जमीन पर सब उल्टा है। पटौदी के पूर्व विधयाक रामबीर जी के नेतृत्व में बन्द हुए स्कूलों के लिए प्रदर्शन भी किये गए।
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राष्ट्रीय सयोंजक केजरीवाल जी ने बोला है कि हरियाणा में उनकी पार्टी इन स्कूलों को बन्द नही होने देगी और सड़को पर इसके लिये आंदोलन करेगी। अगर सरकार ने यह गलती करी तो आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद इन सभी बन्द हुए स्कूलों को खोलेगी। स्कूलों को बन्द करने का निर्णय एक षड़यंत्र है प्राइवेट स्कूलों को बड़ावा देने का। अच्छे मैनेजमेंट से जब दिल्ली के सरकारी स्कूलों का स्तर सुधारा जा सकता है तो हरियाणा में सरकारी स्कूलों का क्यों नही। हरियाणा के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को दिल्ली के सरकारी स्कूलों देखने चाहिए और उनसे कुछ सीख लेनी चाहिए ताकि हरियाणा के सरकारी स्कूलों का सुधार किया जा सके। हमारा संविधान शिक्षा का अधिकार देता है लेकिन इस तरह स्कूलों में शिक्षक के भर्ती रोक कर आम आदमी के अधिकारों से खिलवाड़ नही किया जा सकता है।
असम सरकार ने 34 ऐसे स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है जहां से इस साल यानी 2022 की हाईस्कूल लीविंग सर्टिफिकेट परीक्षा में एक भी छात्र पास नहीं हुआ यानी स्कूल का रिजल्ट ज़ीरो रहा. इससे पहले जून 2022 में राज्य माध्यमिक शिक्षा विभाग ने दसवीं की परीक्षा में खराब परिणाम के लिए 102 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इसमें ज़ीरो रिजल्ट के अलावा 10 प्रतिशत से कम रिजल्ट देने वाले स्कूल भी शामिल थे.
असम सरकार के इस फैसले को आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गलत बताया है. उन्होंने कहा ट्वीट कर लिखा,
स्कूल बंद करना समाधान नहीं है हमें तो अभी पूरे देश में ढेरों नए स्कूल खोलने की ज़रूरत है स्कूल बंद करने की बजाय स्कूल को सुधार कर पढ़ाई ठीक कीजिए.
हरियाणा में भाजपा सरकार की चिराग योजना का विरोध आम आदमी पार्टी के सह संगठन मंत्री धर्मेंद्र खटाना जी ने, यह कहते हुए पहले पआशंका जताई थी, की मुख्यमंत्री खट्टर जी का उद्देश्य हरियाणा के सरकारी स्कूलों को बन्द करने का है। बच्चो से स्कूल की फीस 500 रुपए लेने और 1100 रुपये प्राइवेट स्कूलों में पड़ने वाले बच्चो को देने की योजना चिराग योजना, जिसका पुरजोर विरोध पूरे हरियाणा में किया गया है।
जिला अध्यक्ष मुकेश डागर का कहना है की खट्टर सरकार इससे पहले 196 स्कूल बंद किये गए और इस बार 105 स्कूलों को बन्द किया जा रहा है। इसकी वजह पूछने से यह बताई जा रही है, की स्कूल में 20 बच्चो से कम प्राथमिक स्कूल और मिडिल स्कूल में अगर 25 बच्चे से कम है तो इन्हें किसी दूसरे स्कूल के साथ मिलां दिया जाएगा। लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता के सवाल का सरकार यह जवाब नही दे पाई की इन स्कूलों में बच्चे कम क्यों है। इन बन्द स्कूलों में कितने टीचर है और इन स्कूलों में पड़ाने की व्यवस्था में कमी क्यों है।
आम आदमी पार्टी के नेता राजीव यादव पूर्व पार्षद जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बताया कि सरकार की योजना कक्षाओं (क्लासरूम) के ढांचे का अद्यतन करने का है। सभी सरकारी स्कूलों में प्रौद्योगिकी आधारित पढ़ाई के लिए 700 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह आवंटन डिजिटल टैबलेट, डिजिटल कक्षा आदि के लिए है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी स्कूलों में सभी श्रेणियों के बच्चों के लिए नौवीं से 12वीं कक्षा तक शिक्षा मुफ्त करने की घोषणा की गयी, लेकिन चिराग योजना को ले आये, और बच्चो से 500 रुपये महीने की फीस मांगने लगें। जहां संस्कृति मॉडल स्कूल की संख्या 138 से बढ़ाकर 500 की जानी है, वहां मुख्यमंत्री 105 स्कूलों को बन्द कर रहे है। जहां पांचवीं से कंप्यूटर शिक्षा प्रदान की जाने की बात विधानसभा सत्र में कही थी, वहीं बन्द किये स्कूलों के क्लासरूम में बोर्ड ही नही है, बैठने के लिये बेंच नही है, पानी पीने के लिए नही है और टॉयलेट नही है। यह सब घोषणाएं कागजो में रह गए।
डॉ सारिका वर्मा आम आदमी पार्टी की बादशाहपुर विधानसभा की अध्यक्षा है, उनका कहना है, हरियाणा के सरकारी स्कूल बंद ना हो, उनका सुधार हो और हरियाणा के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इसी प्रयास में एक हस्ताक्षर अभियान शुरू क्या जा रहा हैl राज्य सरकारों का कर्तव्य है अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सभी नागरिकों को प्रदान करेंl भाजपा सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती । दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के प्रयासों से किये गए स्कूलों में सुधारों को देश के सभी राज्यो के शिक्षा मंत्रियों सबक लेना चाहिए। शिक्षित होगा भारत तो विश्व मे नः 1 होगा भारत ।
वरिष्ठ नेत्री अनुराधा शर्मा जी ने समीक्षा करते हुए बताया कि खट्टर सरकार का वार्षिक बजट 1.70 लाख करोड़ का है इस 2022-23 वर्ष और शिक्षा को मात्र 15 % 20250 ₹ ही दिए गए, जो 2 साल पहले के मुक़ाबके सिर्फ 1000 करोड़ ही ज्यादा है, जबकि पहले कुल बजट 1.40 लालच करोड़ का था। इस साल खट्टर सरकार ने 5 लाख टेबलेट देने की घोषणा भी करी है जो मई 2022 तक सभी छात्रों को देने है, लेकिन अभी तक दिए नही गए। जहां देने की बात करी गयी थी वहां प्रदेश के बच्चो की शिक्षा ही ले ली।
आम आदमी पार्टी के मीडिया प्रभारी अनिल कुकरेजा ने मीडिया की एक रिपोर्ट में यह पाया कि, हरियाणा में 38476 टीचर की पोस्ट की वैकेन्सी खाली पड़ी है जो अभी तक भरी नही गई। जहां नवंबर 2014 से अप्रैल 2022 तक सिर्फ 8 नए स्कूल खोले जाने है वहीं 196 स्कूल पहले बन्द किये गए और अब 105 स्कूल और बन्द करने का निर्देश दिया है। यह सरकार की दोहरी नीति प्रदेश के बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
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