मेमोरी बढ़ाने और एग्जाम में अच्छे मार्क्स लाने में सहायक है सम्मोहन और जादू शो।
गुरुग्राम। दुनिया की सबसे बड़ी शक्तियों में आत्म शक्ति,मानसिक शक्ति का जिक्र विद्वानों ने की है। मस्तिष्क के दो पार्ट की भी विज्ञान ने व्याख्या की है और मेस्मेरिज्म हिप्नोटिज्म मीड ब्रेन एक्टिवेशन जैसे प्रयोग ने धमाका कर दिया।
इन दिनो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के गुरुग्राम के सैक्टर १४ ओल्ड दिल्ली रोड तिब्बती मार्केट राजपूत वाटिका में अपार जन समूह को अपने जादुई करतब से रोमांचित आनंदित कर रहे तिलस्मी दुनिया के सुपर स्टार जादूगर सिकंदर बताते है कि जादू को हजारों हजार वर्षों तक अन्धविश्वास और पाखंड से ढक कर रखा गया.तांत्रिको ओझाओ ने इस कला का दुरुपयोग किया और समाज में जादू के प्रति एक अलग भावना विकसित होती चली गई।
जादूगर सिकंदर के अनुसार जादू का जिक्र अथर्ववेद,यंत्र मंत्रिका जैसे प्राचीन ग्रंथो से लेकर अनेक पौराणिक और प्राचीन ग्रंथो में है.पर जादू को विज्ञान आधारित ज्ञान और कला के रूप में विश्व ने मेस्मेरिज्म और हिप्नोटिज्म के वैज्ञानिक प्रयोग के बाद स्वीकार किया गया। इंग्लैंड जर्मनी अमेरिका में खूब प्रयोग होने लगे.स्कूल में गणित और विज्ञान पढ़ाने के लिए मैजिक टीचर रखे जाने लगे। मीड ब्रेन एक्टिवेशन के वर्कशॉप होने लगे पर भारत में शिक्षा जगत सोया रहा। आज भी भारत में जादू को बच्चो का पसंदीदा कार्यक्रम कहा जाता है जो बिलकुल झूठ और अन्धविश्वास या अंध धारणा है।जादू हर उम्र के लोगो को प्रभावित करता है और अब अनेक वैज्ञानिक प्रयोग के बाद सरकार भी इस कला के कलाकारो को अपनी योजनाओं के प्रचार के लिए शामिल कर रही वही स्कूल में गणित और विज्ञान के प्रति इस कला के उपयोग से शायद टीचर्स को नौकरी जाने का संकट आ जाए,स्कूल की दीवार हिल जाए,ऐसी सोच इस विज्ञान को बच्चो से जुड़ने नही दे रही।।
दिमाग तेज कैसे बनता है इस पर पूरी दुनिया में प्रयोग होते रहे। दिमाग का एक पार्ट सोया हुआ रहता,दो पार्ट के मध्य थोड़ा सा भी सक्रियता मस्तिष्क में आ जाए तो व्यक्ति अन्य लोगो से कही अधिक मानसिक शक्ति का स्वामी बन जाता है। याददाश्त बढ़ जाती है, तनाव दूर करने में कला की अहम भूमिका होती है।।
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