रामलीला में श्री राम जन्म, बड़े होकर राक्षसों का किया संहार
-राज जन्म पर खूब मनाई खुशियां, बांटी गई मिठाइयां व उपहार
-श्री दुर्गा राम लीला का दूसरा दिन
गुरुग्राम। रामलीला के दूसरे दिन राम जन्म की लीला का मंचन किया गया। रामजन्म पर लोगों ने नाच-गाकर खुशियां मनाई। इसके बाद रामचंद्र जी बड़े हुए और फिर राक्षसों का भी सर्वनाश किया। रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के जन्म की खुशियां मनाने की लीला ने सबको मन मोह लिया।
राम जन्म से पहले की दिखाई गई लीला में दर्शाया गया कि देवताओं को राक्षसों द्वारा परेशान किया जा रहा है। इसके बाद विष्णु भगवान से आराधना की गई कि वे अवतार लेकर इनका सर्वनाश करें। इसके बाद राजा दशरथ का दरबार सजाया गया। राजा दशरथ को अपने महल में चिंतित दिखाया गया। राजा दशरथ तीन रानियों के होते हुए एक भी संतान नहीं होने को लेकर दुखी थे। इस दुख की घड़ी में उन्होंने मुनि वशिष्ठ के आश्रम में दस्तक दी और वशिष्ठ जी से अपनी चिंता का इस तरह से कारण बताया-विवाह कर चुका तीन, फिर भी न मनोरथ सिद्ध हुआ। इस पर मुनि वशिष्ठ ने एक उपाय बताया कि वे अपने महल में हवन-यज्ञ करें। वह हवन भृंगि ऋषि से कराएं। राजा दशरथ ने वैसा ही किया।
इस दौरान मुनि जी की ओर से भेंट की गई खीर को तीनों रानियों कौशल्या, कैकेयी व सुमित्रा को खिला दिया। इस खीर को खाने से तीनों रानियों को चार बेटे हुए। इस खुशी में राजा दशरथ फूले नहीं समाए। लीला के मंच पर राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न के जन्म की जो खुशियां मनाई गई, वे बड़े ही आनंददायी रही। बहुत ही धार्मिकमय माहौल में यहां पर राम जन्म की खुशियां मनाई गई। राम जन्म की बधाई संगीत वृंदावन/मथुरा के संगीतकार/ व रामलीला के चेयरमेन ने हरियाणवी बधाई के माध्यम से धूम मचा दी। बधाईयां देने के गीतों पर खूब नृत्य किया। इसके बाद सभी राजकुमारों का बड़े ही बेहतर तरीके से लालन-पालन हुआ। उनको शिक्षा-दीक्षा दिलवाई गई। इसके बाद राम ने ताड़का राक्षसी का वध करके धरती को पाप से मुक्त करने का प्रयास शुरु किया गया। ताड़का के बाद सुबाहू व मारिच का भी वध किया गया। श्री दुर्गा रामलीला के मीडिया प्रभारी राज सैनी बिसरवाल ने बताया कि मौसम सही होने के बाद पंडाल दर्शकों से खचाखच भर गया है। पूरे अनुशासन के साथ लोग लीला का आनंद ले रहे हैं।
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