क्रांतिकारी देशभक्तों की जीवनियों को किया जाएं पाठ्यक्रम में शामिल-ललित क्रांतिकारी
गुरुग्राम:देशभक्ति व देशप्रेम को आने वाली पीढ़ी में जागृत करने के लिए महान क्रांतिकारी देशभक्तों की जीवनियों व उनके देश के प्रति अपार प्रेम व उनके महान बलिदान को विद्यालय एवं महाविद्यालय के पाठ्यक्रमों में शामिल करना बहुत आवश्यक हैं। क्योंकि युवा पीढ़ी शिक्षा से ही ज्यादा जागृत की जा सकती हैं। आज के युवा में अपनेत्व या निजी स्वार्थ की भावना पूर्ण रूप से जन्म ले चुकी हैं। जिसके कारण आज का युवा वर्ग अपने सार्थक कर्तव्यों से भटक रहा है और निजी स्वार्थ को पूर्ण करने के लिए दूसरे का किसी भी हद तक बुरा करने को सदैव तत्पर हैं। जिसके कारण आए दिन अच्छी, सही, सटीक, सार्थक सोच खत्म हो रही हैं। ईर्ष्या और द्वेष का चारों तरफ बोलबाला हो रहा हैं।
शिक्षित, विद्वान अच्छे पदों पर स्थापित युवा भी निजी स्वार्थ के कारण उचित व उत्तम कार्य देशहित में नही कर रहे। जिसके कारण देश मे सभी सामाजिक कुरीतियां पनपती जा रही हैं। आज के समय मे हम सभी अपनी युवा व उभरती पीढ़ी को विद्वान (डॉक्टर, इंजीनीयर, वकील व अच्छे महान व्यक्ति) बनाने का सपना संजोए हुए हैं किंतु क्या निजी स्वार्थ, अपनेत्व की बड़ी कुरीति के होते यह सम्भव हैं। आज समाज के अंदर के बदलाव की जरूरत हैं। आज हर स्तर पर देशभक्त व देशप्रेमी की आवश्यकता है हर पद पर हर अधिकारी में चन्द्र शेखर आज़ाद, रामप्रसाद बिस्मिल, भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव की जरूरत हैं। *हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन* का सपना भी समान नागरिक समान अधिकार था जो कि बाद में *हिंदुस्तान रिपब्लिकन सोसोलिस्ट पार्टी* में तब्दील हुई थी। आज विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में महान क्रांतिकारी देशभक्तों की जीवनियों को शामिल किया जाना परम् आवश्यक हो गया हैं ताकि उभरती युवा पीढ़ी की सोच में बदलाव लाया जा सके। इसके साथ साथ हम सभी को खुद को भी बदलाव में शामिल कर अपने अग्रिम पीढ़ी को आरम्भिक शिक्षा देनी होगी कि निजी स्वार्थ व अपनेत्व की भावना को खत्म कर समर्पण, त्याग की भावना को अपनाते हुए एक दूसरे की सहायता करते हुए देशहित में देशप्रेम से ओत प्रोत कार्यो को बढ़ावा देना होगा। ताकि एक सर्वांगीण विकसित भारत का निर्माण हो सके।
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