छोटी उम्र में बड़ा कमाल, हिमाचल में छाया गुरुग्राम का लाल

 छोटी उम्र में बड़ा कमाल, हिमाचल में छाया गुरुग्राम का लाल



--केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा आयोजित 51वें राष्ट्रीय एथलेटिक्स स्पर्धा में गुरुग्राम के आशीष चौहान की ऐतिहासिक उपालब्धि 


--अंडर 16 वर्ग में 800 और 3000 मीटर की दौड़ में जीता स्वर्ण पदक, बधाइयों का लगा तांता 


गुरुग्राम। हरियाणा में एक आम कहावत है कि पूत के पांव पालने में दिख जाते है। इसी कहावत को चरित्रार्थ करते हुए शहर की सरस्वती एन्क्लेव कॉलोनी में रहने आशीष चौहान ने मात्र 15 वर्ष की उम्र में एथलेटिक्स की राष्ट्रीय स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर सच साबित कर दिया है। केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आयोजित 51वें राष्ट्रीय एथलेटिक्स स्पर्धा अंडर-16 वर्ग में 800 मीटर व 3000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर आशीष ने ना केवल अपने माता-पिता बल्कि गुरुग्राम जिला और हरियाणा प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है। गुरुग्राम के सेक्टर 14 स्थित केंद्रीय विद्यालय में 11वीं कक्षा के छात्र आशीष चौहान के पिता रणवीर चौहान एक निजी कंपनी में कार्यरत है, जबकि मां राजेश देवी गृहणी है।


पिता रणवीर चौहान ने बताया कि आशीष की बचपन से ही खेलों के प्रति रूचि रही है और दौड़ से तो उसका खास लगाव है। यही वजह रही कि उसने एथलेटिक्स में दौड़ को चुना है। आशीष अभी गुरुग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में प्रशिक्षण ग्रहण कर रहा है। रणवीर चौहान ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की उपलब्धि पर गर्व है। राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर आशीष को उनके परिचितों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों द्वारा बधाई और शुभकामनाएं दी जा रही है। बतौर आशीष उसका सपना देश के लिए ओलम्पिक खेलों में पदक जीतना है। टोक्यो ओलम्पिक में देश के एथलेटिक्स स्पर्धा (भाला फ़ेंक) में स्वर्ण पदक जीतने वाले निखिल चोपड़ा आशीष के आदर्श है।

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