श्री गुरु द्रोणाचार्य रामलीला क्लब में रामजन्म की खुशियां मनाई गई

 


गुरुग्राम :

देवताओं, पृथ्वी और ऋषि मुनियों पर बढ़ते अत्याचार को देखते हुई सभी ऋषि मुनि पृथ्वी सहित ब्रह्म जी के पास जाकर विनती करते है की उन्हे राक्षसो से मुक्ति दिलाए | सभी श्री विष्णु भगवान जी की स्तुति करते है तब आकाशवाणी होती है की विष्णु जी पृथ्वी को राक्षशों से विहीन करने का प्रण देते है |


ब्रह्म जी उन्हें आश्वासन देते हैं प्रभु श्री हरि धरती पर अवतार लेंगे और आपके कष्टों को दूर करेंगे |

दूसरी ओर अयोध्या के महलों में राजा दशरथ अपने अपनी उम्र के तीसरे पड़ाव पर थे और महलों में दुखी थे 


पल-पल ढल ढल गई सारी, दुनिया से महरूम चले |

स्याही गई सफेदी आई, कुछ उम्मीद ना देख दिखाई|



राजा दशरथ श्रृंग ऋषि जी से प्रभु का ध्यान करके यज्ञ करवाते हैं अग्नदेव प्रकट होकर उनको फल देते हैं | जिसके दो भाग सुमित्रा जी, एक भाग कैकई व उसका एक भाग कौशल्या जी ने खाया तदोपरांत अयोध्या में चारों पुत्रों का जन्म हुआ |

चारो ओर खुशियां मनाई गई उपस्तिथ दर्शकों में मिठाई बांटी गई , चारों राजकुमारों का नामकरण हुआ राम, भरत, लक्षमण व शत्रुघ्न रखे गए , उनकी शिक्षा दीक्षा हुई |



 चारों राजकुमारों की दीक्षा पूरी होने के पश्चात मुनी विश्वामित्र राजा दशरथ के पास जाकर अपने यहां की रक्षा और रक्षसो का संहार करने के लिए राम और लक्ष्मण को अपने साथ राक्षसों का संहार करने के लिए अपने साथ ले जाते है | 

 रास्ते में उन्हें ताड़का नामक राक्षसी मिलती है और वह प्रभु श्री राम के हाथों मारी जाती है | ताड़का वध की सूचना सुबाहू मारीच और राक्षसों को मिलती है वह भी युद्ध करने श्री राम और लक्ष्मण जी के पास आते हैं और वह भी प्रभु श्री राम के हाथों मारे जाते हैं | 


रामलीला के डायरेक्टर श्री मनोज सैनी जी ने बताया पिछले कई वर्षों की भांति इस वर्ष भी रामलीला के मंच से सामाजिक संदेश दिए जाएंगे |

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