19 व 20 अक्टूबर को 2 दिन की काम छोड़ हड़ताल करेंगे: नरेश कुमार शास्त्री

 गुरुग्राम 6 अक्टूबर।



नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने अल्टीमेटम दिया कि सरकार ने पालिका कर्मियों की मांगों का समाधान नहीं किया तो राज्यव्यापी आंदोलन तेज किया जाएगा। आंदोलन की अगली कड़ी में 11 व 12 अक्टूबर को सभी पालिका, परिषदों व नगर निगमों के समक्ष क्रमिक भूख हड़ताल की जाएगी तथा 19 व 20 अक्टूबर को 2 दिन की काम छोड़ हड़ताल करेंगे। यदि सरकार ने 20 अक्टूबर तक मांगों का निवारण नहीं किया तो संघ दो दिवसीय हड़ताल को अनिश्चितकालीन हड़ताल में परिवर्तित कर देगा। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने यह ऐलान बृहस्पतिवार को समा पर्यटन केंद्र में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोलते हुए किया। उन्होंने बुधवार को फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में बिना सुरक्षा उपकरण सीवरेज के मेन होल में उतारने से चार सफाई कर्मचारियों की अकाल मृत्यु पर गहरी संवेदना व्यक्त की।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को करे निम्न धोषणा


प्रदेशाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा  7 अक्टूबर को गोहाना में भगवान बाल्मीकि प्रकट दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह के मंच से मुख्यमंत्री सीवर व सफाई मजदूरों की आये दिन हो रही मौतों पर रोक लगाने, सफाई व सीवर के कार्य से ठेका समाप्त कर, सरकारी, अर्ध सरकारी विभागों, निगमों, बोर्डो, यूनिवर्सिटीज़, नगर निगमों, पालिकाओं, नगर परिषदों में कार्यरत सभी प्रकार के कच्चे सफाई कर्मचारियों व सीवर मैनों व ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पक्का करने, समान काम समान वेतन देने व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, नियमित भर्ती करने  हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भंग करने,व नगर निगमों व अग्निशमन विभाग के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने की घोषणा करने की मांग की। पत्रकार वार्ता में नरेश कुमार शास्त्री के साथ सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, उप प्रधान सुरेश नौहरा, नगरपालिका कर्मचारी संघ के राज्य सचिव नरेश मलखट, केन्द्रीय कमेटी सदस्य सुशीला, जिला प्रधान राजेश कुमार, सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान रामसिंह सारसर, अनीता प्रधान, सोनिया व सीवर मैन यूनियन के नेता राकेश बाल्मीकि आदि मौजूद थे। सकसं के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने नपाकसंघ के आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया। उन्होंने आंदोलनरत कैथल के शिक्षक सुरेश द्रविड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और डिप्लोमा वेटरनरी एसोसिएशन के राज्य प्रधान बिजेंद्र सिंह बेनीवाल व अन्य तीन नेताओं को निलंबित करने की कड़े शब्दों में निन्दा की। उन्होंने कहा कि सरकार दमन से आंदोलनों को रोक नहीं पाएगी।


राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं हस्तक्षेप कर प्रदेश के सफाई कर्मचारियों की मांगों का समाधान करने के साथ-साथ पालिकाओं परिषदों नगर निगमों अग्निशमन विभाग के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की मांगों का समाधान करें अन्यथा प्रदेश में हिंदुओं के सबसे बड़े पर्व दिवाली के अवसर पर प्रदेश के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर जाने पर मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों के पाव धोने या दलितों के घर खाना खाने से इनके जीवन में परिवर्तन नहीं आ सकता। उन्होंने कहा कि सरकार यदि ईमानदरी से दलितों में भी अति दलित समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े गरीब सफाई कर्मचारियों के जीवन में परिवर्तन लाना चाहती है तो उनको विभिन्न प्रकार के ठेकों से मुक्त कर नौकरी पक्की करें, जब तक इस समुदाय को नियमित रोजगार के अवसर सरकार नहीं देगी तब तक सफाई कर्मचारी सामाजिक प्रतिस्पर्धा में पछड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार ने सफाई कर्मचारियों और सीवर मैनो को अलग-अलग स्वछता कर्मी, स्वास्थ्य इंजीनियर आदि नामों से भी नवाजा है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि सफाई कर्मचारी की नौकरी को वर्तमान एवं पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा अस्थाई एवं ठेका आधारित कर दिया है, जिस कारण प्रदेश के गरीब सफाई कर्मचारियों को कम वेतन मिल रहा है तथा ई.एस.आई. , ई.पी.एफ. श्रम कानूनों का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है और ठेकेदारों का शोषण भी बर्दाश्त करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। विभिन्न पालिकाओं, नगर परिषदों, नगर निगमों में ठेकेदार सफाई कर्मचारियों के साथ गुलामों जैसा व्यवहार कर रहे हैं और मन माफिक वेतन दे रहे हैं ठेकेदारों के साथ इस लूट में स्थानीय छोटे एव बड़े अधिकारी व नेता भी शामिल है। अस्थाई नौकरी और कम वेतन मिलने के कारण दलितों में अति दलित समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े बाल्मीकि बिरादरी के लोग जो सफाई का पेशा करते हैं, वह सामाजिक प्रतिस्पर्धा, शिक्षा, आर्थिक क्षेत्र में पिछड़ रहें है। शिक्षा महंगी होने के कारण सफाई कर्मचारी अपने बच्चों को उत्तम व उच्चतम तकनीकी शिक्षा नहीं दिलवा पा रहे हैं। इसलिए इनके बच्चों को अन्य उच्च पदों पर नौकरियां भी आरक्षण के अनुपात में नहीं मिल पा रही हैं  और सफाई कर्मचारियों के बच्चों को मजबूर होकर अस्थाई एवं ठेकेदारों के माध्यम से सफाई कर्मचारी की नौकरी करनी पड़ रही है, जिस कारण यह समाज पछड़ता जा रहा है।


श्री शास्त्री ने कहा कि संघ द्वारा गत 4 अक्टूबर को ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री महोदय से मांग की है कि प्रदेश में सभी सरकारी विभागों, निगमों, बोर्डो, युनिवर्सिटीज, पालिकाओं, नगर परिषदों से सफाई व सीवर के कार्यो में जारी वर्कआउटसोर्स,डोर टू डोर,ऑपरेशनल एंड मेेंटीनेंस के ठेकों को समाप्त कर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों सहित सभी कच्चे सफाई व सीवर कर्मचारियों को पक्का किया जाए, भविष्य में सभी प्रकार के ठेकों पर रोक लगाते हुए सफाई कर्मचारियों एवं सीवर मैनो की नियमित भर्ती की जाए,सफाई कर्मचारियों एव सीवर कर्मचारियों के लिए एक्स ग्रेशिया रोजगार पॉलिसी नीति अलग बनाई जाए, नौकरी के ज्वाइन करने के एक दिन बाद मौत होने और सेवानिवृत्ति से 1 दिन पहले मौत होने पर मृतक कर्मचारी के आश्रित को नियमित नौकरी दी जाए व अनियमित कर्मचारियों को भी एसग्रेशिया रोजगार पॉलिसी में शामिल कर मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को भी अनियमित नौकरी दी जाए ताकि वह भी अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें, अनुबंधित आधार व विभिन्न प्रकार के ठेकों में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों की 60 वर्ष की आयु के बाद सेवानिवृत्ति के अवसर पर ग्रेजुएटी का लाभ दिया जाए, अनियमित कर्मचारियों की मृत्यु होने पर तीन लाख के स्थान पर आर्थिक सहायता राशि 10 लाख रुपये की जाए तथा जोखिम भत्ता ₹ 5000 दिया जाए व नगर पालिका नगर परिषद नगर निगम अग्निशमन विभाग के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की मांगों का बातचीत कर समाधान किया जाए।


Post a Comment

0 Comments