स्टेशन पर गुरू द्रोणाचार्य व माता शीतला की प्रतिमा लगाकर बढ़ाएं गौरव: डा. डीपी गोयल
-रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य डा. डीपी गोयल ने लिखा पत्र-गुरुग्राम है एक धार्मिक और सांस्कृतिक नगर
गुरुग्राम। केंद्र सरकार की ओर से गुरुग्राम के रेलवे स्टेशन को अंततराष्ट्रीय स्तर का विकसित करने के निर्णय और बजट तय करने का स्वागत करते हुए रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य डा. डीपी गोयल ने आग्रह किया है कि स्टेशन पर गुरू द्रोणाचार्य और माता शीतला की प्रतिमा भी स्थापित की जाए। इससे यहां आने-जाने वो लोग गुरुग्राम के धार्मिक, पौराणिक इतिहास से रूबरू होंगे।
रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य डा. डीपी गोयल ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, रेल राज्य मंत्री राव साहेब पाटिल दानवे, रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश, केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगाल और मंडल रेल प्रबंधक उत्तर रेलवे डिम्पी गर्ग डा. डीपी गोयल ने पत्र लिखा है। पत्र में डा. डीपीs
गोयल ने कहा है कि पौराणिक संस्कृति के प्रतीक व गुरू द्रोणाचार्य की भूमि के साथ माता शीतला का साक्षात वाास होने से हमारा गुरुग्राम एक धार्मिक और सांस्कृतिक शहर है। इसके इतिहास व लोगों की आस्था और भावनाओं के मद्देनजर ही इस शहर का नाम गुरुग्राम रखा गया था। काफी समय से मांग रही थी कि गुरुग्राम के रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण किया जाए। जिस पर निर्णय ले लिया गया है। इसके लिए पूरे गुरुग्राम क्षेत्र के लोग आभारी हैं। स्टेशन के अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के साथ अब यहां पर लोगों की आस्था व आध्यात्मिकता को ध्यान में रखते हुए गुरू द्रोणाचार्य व माता शीतला की प्रतिमा रेलवे स्टेशन पर जरूर स्थापित की जाए। जिससे अतीत की धरोहर और वर्तमान आधुनिकीकरण का एक बेहतरीन सामंजस्य यहां दर्शाया जा सके। यह काम साथ-साथ हो सकता है। गुरुग्राम रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया अभी प्रगति पर है। गुरुग्राम समेत पूरे हरियाणा के लिए यह विशेष सौगात होगी।
डा. डीपी गोयल ने कहा कि गुरुग्राम शहर में इस समय कहीं पर भी गुरू द्रोणाचार्य के नाम से कुछ भी नहीं है। पहले यहां राजीव चौक पर सिविल लाइन की तरफ आते हुए एक छोटे से पार्क में पांडवों के साथ गुरू द्रोणाचार्य की प्रतिमाएं लगी थी। यहां अंडरपास बनाने के दौरान उन प्रतिमाओं को हटा दिया गया था। उसके बाद कहीं पर भी उनकी प्रतिमाएं स्थापित नहीं हो पाई हैं। जिनके नाम से शहर की प्रसिद्धि है, उनकी प्रतिमा शहर में ना होना अखरता है। इसलिए जरूरी है कि माता शीतला के साथ गुरू द्रोणाचार्य की प्रतिमा को स्थापित करके यहां की सुंदरता, शोभा बनाई जाए।
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