त्याग व समर्पण का संदेश देता है भगवान राम का जीवन: नवीन गोयल

 त्याग व समर्पण का संदेश देता है भगवान राम का जीवन: नवीन गोयल



-अपने भीतर की बुराई खत्म करके जीवन को सार्थक बनाएं

-दशहरा पर्व की लोगों को नवीन गोयल ने दी बधाई

-शहर में कई स्थानों पर दशहरा उत्सव में हुए शामिल

गुरुग्राम। रामलीला, दशहरा पर्व सिर्फ एक मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज को प्रेरणा देने का बड़ा माध्यम है। यह पर्व भाईचारा मजबूत बनाने की प्रेरणा देता है। रावण इसलिए मारा गया कि उसका भाई उसके साथ नहीं था और श्रीराम की जीत इसलिए हुई कि उनका भाई उसके साथ खड़ा था। आज हमारे समाज को राम-भरत जैसे त्यागी भाई की जरूरत है, वहीं लक्ष्मण जैसे सेवादार भाई हों। तभी हम अपने समाज को एकता सूत्र में बांधकर रख पाएंगे। यह बात पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने कही।



नवीन गोयल ने शहर की कई दशहरा कमेटियों के निमंत्रण पर उनके दहशरा उत्सव में शिरकत की। वे सेक्टर-5 में सतीश ग्रोवर की ओर से आयोजित दशहरा उत्सव में पहुंचे। इस दौरान अखिल कुमार एसीपी, भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष अत्तर सिंह संधू, गुडग़ांव कैटर्स एसो. प्रधान नरेश चावला, कृष्ण चावला, गगन गोयल, तिलकराज अदलखा,चन्द्र तलुजा , कश्मीरी लाल, रवि कटारिया, योगिन्द्र मेंहदीरता, रवीन्द्र ग्रोवर, सुरेश शर्मा, एच॰बी० नागपाल, श्रवण ग्रोवर, आशीष कौशिक, अमन चावला, रवीन्द्र यादव, कौशल आहूजा, विपिन पोपली, सुखबीर कटारिया, राजेश ग्रोवर, निखिल ग्रोवर, प्रतीक शर्मा आदि मौजूद रहे। दशहरा उत्सव में पहुंचे तो उनका जोरदार स्वागत किया गया। इसी मंच पर नवीन गोयल ने सेक्टर-5 के सभी मौजिज वरिष्ठ नागरिकों का पगड़ी पहनाकर सम्मान किया। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग हमारे लिए प्रेरणा हैं। उनके आशीर्वाद और प्रेरणा के बिना हम कुछ नहीं।    

न्यू कालोनी के मैदान में आयोजित दशहरा उत्सव में भी नवीन गोयल ने शिरकत की। यहां भी उनका जोरदार स्वागत किया गया। वे सेक्टर-12ए स्थित जैकबपुरा की श्री दुर्गा रामलीला कमेटी के दहशरा उत्सव में पहुंचे। कमेटी की ओर से उनका भव्य स्वागत किया गया। यहां उन्होंने अपने संबोधन में हजारों लोगों को यही कहकर प्रेरित किया कि हमें रामायण के हर चरित्र से कुछ ना कुछ सीख लेनी चाहिए। रावण का चरित्र जहां हमें बुराई के अंत का नतीजा बताता है, वहीं राम का चरित्र हमें सत्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। जिस तरह से भगवान राम ने मर्यादा में रहकर इस संसार को सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया, उसी तरह की मर्यादा आज के युग में होनी चाहिए। हमें इस उत्सव से यह प्रण करने जाना है कि हम अपने जीवन में हर बेटी, महिला को पूरा सम्मान देेंगे। उनकी रक्षा में खड़े होंगे। नवीन गोयल ने कहा कि हमें संस्कार देने के लिए ही रामलीला, दशहरा जैसे पर्व आयोजित किए जाते हैं। इनमें जीवन की सच्चाई दिखाई जाती है। यह हम पर निर्भर है कि हम उन्हें कितना ग्रहण करते हैं।

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