धरती पुत्र मुलायम सिंह के निधन पर समाजवादी पार्टी में शोक की लहर



धरती पुत्र मुलायम सिंह के निधन पर समाजवादी पार्टी में शोक की लहर
समाजवादी पार्टी की राजनीति के एक युग का हुआ अवसान

अलीगढ़ में भी कार्यकर्ताओं ने अर्पित की शोक श्रद्धांजलि

अलीगढ़।उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन हो जाने के बाद जहां समाजवादी पार्टी की सियासत के एक युग का अंत हो गया है तो वहीं नेताजी के निधन का समाचार सुनकर तमाम कार्यकर्ताओं में भी शोक की लहर दौड़ गई।आपको बता दें कि उन्होंने 82 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सोमवार की सुबह आठ बजकर सोलह मिनट आखिरी सांस ली।सूत्रों की मानें तो मुलायम सिंह यादव को बाइस अगस्त को सांस लेने में तकलीफ और लो ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था,हालांकि उनकी तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था और एक अक्टूबर की रात को आईसीयू में शिफ्ट किया गया था,जहां एक डॉक्टरो का पैनल उनका इलाज कर रहा था।बताया जाता है कि इससे पहले मुलायम सिंह यादव  की पत्नी साधना गुप्ता का इसी साल जुलाई में निधन हो गया था।जिनका फेफड़ों में संक्रमण के चलते गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में इलाज के बाद निधन हुआ था।वहीं साधना मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी थीं औऱ उनकी पहली पत्नी मालती देवी का 2003 में निधन हो गया था जो कि अखिलेश यादव की मां थीं।



बताते हैं कि मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को हुआ था औऱ पांच भाइयों में मुलायम तीसरे नंबर पर थे।मुलायम सिंह ने पहलवानी से अपना करियर शुरू किया औऱ वह पेशे से अध्‍यापक रहे।उन्‍होंने कुछ समय तक इंटर कॉलेज में अध्‍यापन किया।ये बात अलग है कि पिता उन्‍हें पहलवान बनाना चाहते थे लेकिन फिर श्री सिंह ने अपने राजनीतिक गुरु नत्‍थू सिंह को प्रभावित करने के बाद जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुनावी अखाड़े से कदम रखा औऱ वह 1982से1985 तक विधान परिषद के सदस्‍य रहे।वहीं लोहिया आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले मुलायम सिंह यादव ने चार अक्टूबर 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की औऱ मुलायम सिंह यादव को राजनीति के अखाड़े का पहलवान कहा जाता था जबकि वह प्रतिद्वंद्व‍ियों को चित करने के माहिर रहे इतना ही नहीं देश के सबसे बड़े सूबे उत्‍तर प्रदेश की राजनीति में उन्‍होंने वो ऊंचाई हासिल की जो किसी भी नेता के लिए सपना होता है।उन्‍होंने तीन बार राज्‍य की कमान संभाली औऱ वह देश के रक्षा मंत्री भी बने साथ ही उत्‍तर प्रदेश विधानसभा के वह आठ बार सदस्‍य रहे।



यहां अगर मुलायम सिंह यादव के राजनीत‍िक कर‍ियर पर एक नजर डाली जाए तो वर्ष 1967 में मुलायम सिंह पहली बार विधायक बने। इसके बाद 5 दिसंबर 1989 को पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने औऱ मुलायम ने अपना राजनीतिक अभियान जसवंतनगर विधानसभा सीट से शुरू किया।वह सोशलिस्ट पार्टी,प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से आगे बढ़े.1967,1974,1977,1985 व 1989 में वह विधानसभा के सदस्य रहे औऱ मुलायम सिंह 1989,1993 और 2003 में यूपी के सीएम रहे औऱ ववह लोकसभा के सदस्य भी रहे।इधर 1996 के चुनाव में जीतकर वह पहली बार संसद पहुंचे।इसके बाद 1998 में वह जीत हासिल की व 1999 के चुनाव में भी उनकी जीत का सिलसिला जारी रहा।इसके अलावा 2004 में वह मैनपुरी से लोकसभा चुनाव जीते, 2014 में वह आजमगढ़ संसदीय सीट और मैनपुरी से चुनाव लड़े और दोनों जगह से ही जीत हासिल की जिसके बाद सपा के इस दिग्गज नेता की जीत का सिलसिला 2019 के चुनाव में भी जारी रहा और मैनपुरी से जीतकर एक बार फिर संसद पहुंचे।

इधर अलीगढ़ में भी समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गिरीश यादव,प्रदेश प्रवक्ता मुजाहिद किदवई,पूर्व सांसद चौधरी बिजेंद्र सिंह, मनोज़ यादव,संजय यादव,अहमद सईद सिद्दिकी औऱ सपा नेता अतीत अग्रवाल ने शोक व्यक्त करते हुए नेताजी के व्यक्तित्व के बारे में बताया औऱ समाजवादी पार्टी के लिए नेताजी के निधन को अपूर्णीय क्षति बताया है साथ ही पार्टी के स्थानीय स्तर के नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री के साथ अपनी पुरानी तस्वीरों को भी सोशल मीडिया पर साझा किया।आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर न सिर्फ अलीगढ़ में बल्कि राष्ट्रीय स्तर और प्रांतीय स्तर के वरिष्ठ नेताओं ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा साथ ही मुख्यमंत्री ने मुलायम सिंह यादव के निधन पर मुख्यमंत्री ने तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।

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