सभी मन्दिर के पुजारियों और गुरुद्वारा साहिब के सेवादारों को सरकारी तनख़ाह दे AAP केजरीवाल सरकार। गुरिंदरजीत सिंह
गुरुग्राम (NCR): देश की राजधानी दिल्ली में MCD चुनावों एलान के बाद से ही एक बार फिर मौलवियों की तनख्वाह का मामला गरमा गया है। सुनने में आया है कि मौलवियों को केजरीवाल की AAP पार्टी के नेतृत्व की दिल्ली प्रदेश सरकार मासिक तनख्वाह देती है। हर मौलवी को AAP दिल्ली प्रदेश सरकार 42 हजार रुपये की तनख्वाह देती है। और ये मामला अब तुल पकड़ता जा रहा है।
गुरिंदरजीत सिंह (समाजसेवी गुरुग्राम) ने इस विषय पर कहा कि AAP दिल्ली प्रदेश सरकार 42 हजार रुपये जो सरकारी खजाने से मौलवियों तनख्वाह के तौर पर जो दिए जा रहे है, वो तारीफ के काबिल है। क्योंकि धर्म को संस्कृति को बढ़ावा देना भी सरकार का काम है। एक तरफ तो केजरीवाल मौलवियों तनख्वाह दे अच्छे काम कर रहे है, पर दूसरी तरफ वे मंदिर के पुजारियों और गुरूद्वारा साहिब के सेवादारों की सूद भी नहीं ले रहे। जबकि भारत देश में जो भी लोकतांत्रिक सरकार बनती है वे कोई एक धर्म की नही होती। वे तो सर्व धर्म की होती है। इस लिए केजरीवाल सरकार को मंदिरों के पुजारियों और गुरूद्वारा साहिब के सेवादारों के बारे में भी सोचना चाहिए। और सभी जो मंदिर और गुरुद्वारा साहिब रजिस्टर्ड है, उनके पुजारियों और सेवादारों ग्रन्थि सिंह और और सेवादार जो दिनभर इन धार्मिक स्थलों में अपनी सेवा प्रदान करते है । उनको सरकारी मासिक तनख़ाह 42000 रुपए देनी चाहिए। क्योंकि हमारे संविधान की प्रकृति धर्मनिरपेक्षता पर आधारित है।
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि इस बात को एकजुट होकर सभी को उठाना चाहिए और केजरीवाल और उनके हरेक नेता जो AAP का प्रचार करने आता है,उससे पूछना चाहिए कि वे मन्दिर के पुजारियों और गुरुद्वारा साहिब के सेवादारों को सरकारी तनखाह क्यों नहीं दे रहे? क्या AAP केजरीवाल सरकार हिंदू मंदिरों और सिख गुरद्वारों का धार्मिक स्थल नही मानती? या AAP केजरीवाल सरकार सर्वधर्म को nhi मानती? या संविधान की प्रकृति धर्मनिरपेक्षता को नहीं मानती? अगर ऐसा कुछ नहीं तो क्या कारण है सिर्फ़ मौलवियो को सरकारी तनखाह।
गुरिंदरजीत सिंह ने आगे दूसरी पार्टी के नेता जो दिल्ली में इस मुद्दे को उठा रहे है, कहा कि ये अच्छी बात है जो दुसरी पार्टी के नेता भी यह मुद्दा उठा रहे है, और साथ में ये बात हर मंदिर के पुजारी, है हिंदू, हर गुरदारा साहिब के सेवादार और हर सिख को भी दिल्ली केजरीवाल सरकार और उनके नेताओ से पूछनी चाहिए कि धार्मिक स्थलों की सेवा तो वे भी करते है, धार्मिक स्थलों पे पाठ पूजा तो वे भी करते है, खर्चे तो उनके भी है, बच्चें तो उनने भी पालने है। ऐसे में अगर सरकार सिर्फ एक मौलवियो को क्यों मासिक तनख़ाह या सम्मान राशि दे रही है। उनको मतलब पुजारियों, ग्रंथियों और सेवादारों को क्यों नहीं। ऐसे में अगर AAP नेता वाजिब कारण नहीं बताते तो उनका आगे से बहिष्कार कर देना चाहिए।
गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि ये एक तनखाह नही मासिक सम्मान राशि माना जाए। और सम्मान इन मंदिर पुजारियो और सिख गुरघर के ग्रंथियों और सेवादारों का भी होना चाहिए, जो इस सम्मान के हकदार भी है।
अंत में गुरुंदरजीत सिंह ने कहा कि वे जल्द ही ये मुहिम गुरुग्राम में शुरू कर हर मंदिर और गुरुद्वारा साहिब में आवाज उठाएंगे और AAP नेताओ के ऐसे दोहरे रवैया का कारण पूछेंगे। और लोगो को इस बारे में जागरुक कर हाताक्षर अभियान चलाएंगे और माननीय उप आयुक, माननीय राष्ट्रपति, माननीय प्रधान मंत्री, माननीय गृह मंत्री, माननीय एलजी दिल्ली स्टेट, और दिल्ली के मुख्य्मंत्री अरविंद केजरीवाल को ज्ञापन देंगे। ताकि सर्वधर्म का सम्मान हो, लोकतन्त्र मजबूत हो। भारत देश के लोकतंत्र के संविधान की प्रकृति धर्मनिरपेक्षता और मजबूत हो।
0 Comments