आईएमए ने बॉन्ड पॉलिसी के खिलाफ डीसी को दिया ज्ञापन



- मेडिकल छात्रों के साथ पुलिस बर्बरता का किया विरोध
-काले कपड़े पहन कर डॉक्टरों ने छात्रों का किया समर्थन

गुरुग्राम 7 नवंबर
बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में आई एम ए अधिकारियों ने गवर्नर के नाम डीसी निशांत कुमार यादव आईएएस को ज्ञापन सौंपाl एक ओर केंद्रीय सरकार बॉन्ड पॉलिसी को समाप्त करने की घोषणा कर रही है और दूसरी ओर हरियाणा सरकार जबरन मेडिकल कॉलेज के छात्रों को 40 लाख का बॉन्ड साइन कराने की पॉलिसी बना रही हैl


आई एम ए गुडगांव के निर्वाचित अध्यक्ष डॉ दीपक भाटिया ने बताया 7 साल सरकारी नौकरी और 40 लाख रुपए की बॉन्ड पॉलिसी पूरे देश में कहीं भी लागू नहीं हैl 1800 बच्चे हर साल एमबीबीएस खत्म करते हैं और हरियाणा सरकार के पास केवल 900 नौकरियों की पोस्ट हैl ऐसे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का रवैया बहुत ही हैरान जनक हैl नौकरी की गारंटी दिए बिना 40 लाख रुपए कैसे मांग सकते ?



आईएमए सचिव डॉ सारिका वर्मा ने बताया की स्वास्थ्य सेवाएं देना राज्य सरकार की जिम्मेदारी हैl मुख्यमंत्री का बयान है हरियाण सरकार 7-10 हजार करोड़ स्वास्थ सेवाओं पर खर्च करती है तो इसका पैसा मेडिकल कॉलेज के छात्रों से वसूल करेगीl क्या यह पैसा डॉक्टरों की पढ़ाई में लग रहा है या हरियाणा की जनता के स्वास्थ्य में खर्च हो रहा हैl पूरे विश्व भर में भारत सरकार स्वास्थ्य पर सबसे कम निवेश करती हैl  मुख्यमंत्री से निवेदन है कि इस पॉलिसी पर आई एम ए के डॉक्टरों और मेडिकल कॉलेज के छात्रों से आमने-सामने बैठकर वार्तालाप करें और सभी मुद्दों पर स्पष्टता होl ऐसी पॉलिसी से गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चे हरियाणा के मेडिकल कॉलेज मे दाखिला ले ही नहीं पाएंगेl



आईएमए अध्यक्ष डॉ एनपीएस वर्मा ने कहा जिस तरह रोहतक मेडिकल कॉलेज के छात्रों को पुलिस ने रात को 3:00 बजे हिरासत में लिया उसके ऊपर भी सख्त कार्रवाई की जाएl महिला छात्रों को पुलिस स्टेशन ले जाया गया जो बिल्कुल ही गैरकानूनी हैl शाम 7:00 बजे के बाद किसी महिला को हिरासत में नहीं लिया जा सकता और यह बच्चे तो अपने कॉलेज में ही बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थेl इस तरह मेडिकल छात्रों पर लाठी चार्ज करना, पानी के कैनन से बौछार करना बिल्कुल ही निंदनीय है और हम चाहते हैं पुलिस प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई होl



आज गुडगांव के सभी डॉक्टरों ने काले कपड़े पहन कर/ सफेद कोट के ऊपर काला रिबन लगाकर ओपीडी में काम किया और मेडिकल छात्रों के विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दियाl

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