आयकर अधिनियम के अधीन धर्मार्थ संस्थाओं को पंजीयन कराना अनिवार्य: पूजा जिन्दल

 आयकर अधिनियम के अधीन धर्मार्थ संस्थाओं को पंजीयन कराना अनिवार्य: पूजा जिन्दल

फरीदाबाद, 11 नवम्बर, दुष्यंत त्यागी। आयकर कार्यालय फरीदाबाद में आयकर आयुक्त (छूट) पूजा जिंदल ने फरीदाबाद इनकम टैक्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ आयोजित मीटिंग में बताया कि वित्त अधिनियम 2020-21 के तहत भारत सरकार ने सभी धर्मार्थ संस्थाओं के पंजीयन के लिए नया नियम बनाया है। इसके तहत आयकर अधिनियम की धारा 12ए, 12एबी 80 जी, 10(23सी)एवं 35(1) के अधीन सभी धार्मिक संस्थाओं को अपना पंजीयन कराना अनिवार्य किया गया है। 

इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2022 थी जिसे अब बढ़ाकर 25-11-2022 कर दिया गया है। जो संस्थाएं पूर्व में आयकर अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत थीं उन्हें भी अब नए अधिनियम 12एबी के तहत पंजीयन कराना होगा। इस पंजीयन को प्रत्येक 5 वर्ष में पुन: पंजीयन कराना आवश्यक होगा। 

जिन संस्थाओं ने अपना फॉर्म 10ए जो मार्च 2022 तक ऑनलाइन भरा जाना था, अभी तक नहीं भरा है उन्हें एक अंतिम अवसर के रूप में 25 नवम्बर 2022 तक ऑनलाइन भरने का समय दिया गया है। आयकर आयुक्त (छूट) पूजा जिंदल ने अपील की है कि सभी धार्मिक संस्थाएं इस अवसर का लाभ उठायें। 

इस अवसर पर आयकर अधिकारी (छूट) राजेंद्र टिक्कू, फरीदाबाद इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के प्रधान अधिवक्ता हर्ष मक्कड़, पूर्व प्रधान सीए संजय चांडक, पूर्व प्रधान अधिवक्ता सुनील मंगला, पूर्व प्रधान अधिवक्ता संजय मंगला, सचिव सीए मनुज गर्ग, उप प्रधान अधिवक्ता शशिकांत, कोषाध्यक्ष अधिवक्ता राजेश शर्मा, अधिवक्ता दीपक भाटिया, अधिवक्ता राजेंद्र गोयल, सीएस कपिल डुडेजा, अधिवक्ता संजय माटा आदि उपस्थित थे।


फोटो कैप्शन

आयकर कार्यालय में आयुक्त पूजा जिन्दल फरीदाबाद इनकम टैक्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए।

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