गुरुग्राम : आज गुरुग्राम के समाजसेवी गुरिंदरजीत सिंह अर्जुन नगर लोगो से मिले और उनसे बातचीत की। उन्होंने लोगो से बात करते बताया कि हमें सब से पहले अपनी संस्कृति को बचाना है। कुछ लोगो अपने राजनितिक व्यक्तिगत लाभ के लिए, संस्कृति और धर्म ओट लेना चाहते है। और जिस के लिए वे लोग संस्कृति और धर्म के कर्मकांड पे अपने गलत तर्क दे रहे है।
गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि हवन यज्ञ और पुतला फूंकते में अंतर है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में हवन को शुद्धिकरण का एक कर्मकांड माना गया है। कहा जाता है कि पूजा-पाठ समेत कोई भी धार्मिक कार्य हवन के बिना अधूरा है।
पुतला फुकना एक मनोरंजन है, नाकि कोई धार्मिक कर्मकांड।
हवन से जो धुआं निकलता है उससे वायुमंडल शुद्ध होता है।
जबकि 40 फीट जलते पुतले के धुएं ने प्रदूषण किया। और पर्यावरण खराब किया।
हवन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री सेहत के लिए अत्यंत फायदेमंद होती है।
जबकि पुतले में बांस का इस्तेमाल होता है जो सेहत के लिए हानिकारक है।
इसमें गाय के गोबर से बने कंडे का इस्तेमाल भी किया जाता है।
जबकि पुतले में सुखी फूस जो जलने के बाद कालख हवा में जा सांस की बीमारी पैदा करती है।
हवन करने से कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है, क्योंकि इसमें लगभग 94 प्रतिशत हानिकारक जीवाणु नष्ट करने की क्षमता होती है।
जबकि पुतले से निकले धुएं से सांस, आंखो स्किन की बिमारिया हो सकती है।
हवन के दौरान घर में कपूर जलाने से घर का वातावरण सुगंधित बना रहता है और कपूर से घर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है।
जबकि पुतला फूकने से जिसका पुतला फूक है और बढ़ जाता है। कपूर का इस्तेमाल नही होता।
कुछ लोग अपनी सोच के मुताबिक वातावरण को दूषित कर पुतला जलाने को यज्ञ बता रहे है, जो बिलकुट गलत है।
ऐसे में जब एनसीआर में AQI खराब हैबौर 40 फीट का पुतला फूंक कर, उन लोगो ने प्रदूषण फैला, गुरुग्राम की जनता के स्वस्थ के साथ खिलवाड़ किया है।
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि अब जब करने के बाद सचाईं सामने आने पर उनको सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए, तब भी वे नौटंकी कर पुतला जलाने को यज्ञ बता धार्मिक कर्मकांड का अपमान कर अपनी सोच को दिखा रहे है। हम गुरुग्राम वासी तो यही कहेंगे कि गलती तो उन लोगो से हो गई, उसकी आप माफी मांगे और आगे से ऐसी ना हो , उसके लिए शपत ले। और जनता की सेवा के कार्य करे। न की वोट के लिए नौटंकी। और जो कुछ महीने पहले ही गुरुग्राम आए है, उससे हमारा थी सवाल है कि जहा पहले रह रहे थे, वहा के वार्ड में कितने मुद्दे उठाए थे उन लोगो ने। कृपया लोगो को मूर्ख बनना बंद करे।
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