प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के करकमलों से प्रमुखस्वामी महाराज नगर का भव्य उद्घाटन

 14 दिसम्बर 2022, अहमदाबाद,

परम पूज्य महंतस्वामी महाराज और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के करकमलों से प्रमुखस्वामी महाराज नगर का भव्य उद्घाटन


अहमदाबाद के प्रांगण में  ‘प्रमुखस्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव’ का शानदार शुभारंभ

भक्तों का महासागर छलक उठा!!!

लाखों भक्तों की उपस्थिति, करोड़ों ने जीवंत प्रसारण का लाभ लिया 

प्रमुखस्वामी महाराज के जयघोष से पूरा नगर गूंज उठा 



अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जिसकी आतुरता से राह देखी जा रही थी ऐसा भव्य प्रमुखस्वामी महाराज नगर 600 एकड़ की विशाल भूमि पर अहमदाबाद में सरदार पटेल रिंग रोड पर बनाया गया है जिसका 14 दिसंबर 2022 को भाव्यतिभव्य उद्घाटन समारोह सम्पन्न हुआ ।


परम पूज्य महंतस्वामी महाराज की दिव्य उपस्थिति में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शाम 5:30 बजे नगर के भव्य उद्घाटन समारोह का आयोजन हुआ था| इस अवसर पर लाखों भक्तों और भाविकों का समुदाय उमड़ पड़ा था | प्रधाममंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ गुजरात राज्य के राज्यपाल श्रीआचार्य देवव्रत, गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल और BAPS  संस्था के वरिष्ठ संत उपस्थित रहे | 



महोत्सव के प्रेरणास्रोत परम पूज्य महंतस्वामी महाराज और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रमुखस्वामी नगर के मुख्य कलात्मक और भव्य प्रवेश द्वार - 'संत द्वार' पर पहुँचे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महंतस्वामी महाराज और नरेंद्र मोदीजी ने सूत्र खोलकर विधिवत शुभारंभ किया। महंतस्वामी महाराज और नरेंद्र मोदीजी ने जैसे ही नगर में प्रवेश किया, सैकड़ों बच्चों और युवाओं ने उनका अभिवादन किया। सभी का अभिवादन स्वीकार करते हुए वे नगर के मध्य स्थित 'प्रमुख वंदना स्थल' पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री ने 15 फुट ऊंची पीठिका पर विराजमान प्रमुखस्वामी महाराज की 30 फुट ऊंची दिव्य प्रतिमा पर पुष्प द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की।



यहां से सभी महानुभाव 67 फीट ऊंचे अक्षरधाम मंदिर पहुंचे, जो दिल्ली अक्षरधाम की प्रतिकृति है। मंदिर में श्रद्धेय भगवान स्वामिनारायण और संत परंपरा के अतिरिक्त भगवान श्री सीता-राम, श्री राधा-कृष्ण, श्री शिव पार्वती के स्वरूपों की वंदना कर प्रदक्षिणा थी | नगर में ज्योति उद्यान और बालनगरी की मुलाकात करके सभी सभा स्थल पर पहुँचे | 



इस अवसर पर उपस्थित संतों और लाखों श्रद्धालुओं ने महंतस्वामी महाराज और प्रधानमंत्री का प्रमुखस्वामी महाराज के जयघोष से अभिवादन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ”------------“


इस मौके पर परम पूज्य महंतस्वामी महाराज ने आशीर्वाद बरसाते हुए कहा कि “------------------”


सभा के अंत में सर्वोत्तम जीवन मूल्यों को प्रेरित करते प्रमुखस्वामी महाराज नगर में आने के लिए सभी को आमंत्रित किया गया।  



प्रमुखस्वामी महाराज नगर की दर्शन यात्रा में उपयोगी जानकारी


महोत्सव: 15 दिसंबर से 15 जनवरी, 2023

समय: सोमवार से शनिवार: दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक, रविवार सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक

नगर में प्रवेश हेतु कोई पंजीकरण आवश्यक नहीं है

नि:शुल्क प्रवेश 

नि:शुल्क पार्किंग

महोत्सव स्थल प्रवेश: भाडज सर्कल से आने वालों के लिए गेट नंबर 2, 3 और 4, ओगणज सर्कल से आने वालों के लिए गेट नंबर 5, 6 और 7

नि:शुल्क आकर्षण, प्रदर्शनी खण्ड और लाइट एण्ड साउन्ड शो 

प्रेमवती प्रसादम् में रियायती दर पर भोजन की व्यवस्था

नेविगेशन में आसानी और नगर के सभी आकर्षणों की जानकारी के लिए 'psm100 nagar ' ऐप

आपके घर से महोत्सव स्थल तक नेविगेशन और आपको अपने वाहन तक पहुंचाने के लिए QR Code  स्कैनिंग के माध्यम से ऐप में अद्भुत व्यवस्था:-

परम पूज्य महंतस्वामी महाराज तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्रतिदिन शाम 5 बजे से 7:30 बजे तक विशेष कार्यक्रम।

शाम के कार्यक्रमों का सीधा/जीवंत प्रसारण: live.psm100.org

प्रमुखस्वामी महाराज शताब्दी महोत्सव से संबंधित प्रेरणादायक वीडियो और फोटोग्राफ : @PSM100yrs, YouTube, फेसबुक, Instagram, ट्विटर    



प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभाई मोदी के परम पूज्य प्रमुखस्वामी महाराज और BAPS संस्था के सेवाकार्यों के लिए उद्गार:

२०१७, गांधीनगर अक्षरधाम रजत जयंती महोत्सव के अवसर पर :

"अक्षरधाम एक ऐसी परंपरा है कि उसको एक केस स्टडी के तौर पर दुनिया की यूनिवर्सिटियों को आमंत्रित करना चाहिए कि भारत के स्पिरिच्युअल वर्ल्ड में भी आधुनिक मैनेजमेन्ट एवं आधुनिक टेक्नोलॉजी का कैसा अद्भुत सुयोग है! ...और सारंगपुर में संतो के लिए ट्रेनिंग सेंटर तैयार किया गया है! आज में कह सकता हूँ की हिंदुस्तान में संतपरंपरा के लिए इतने कठोर नियम और ज्ञान के अधिष्ठान पर भक्ति है | भक्ति के साथ तर्कसंगत सुव्यवस्था !... में सारंगपुर में बापा ने शुरू करवाए सम्पूर्ण अध्ययन की रूपरेखा देखने गया था।  कैसे संतों को ट्रेनिंग दी जाती है वह सब देखा था।

२०१६, परम पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज के देहत्याग के पश्चात् स्वातंत्र्य दिन के अवसर पर, सारंगपुर पहुँच कर गद्गदित होकर अर्पित भावांजलि,



"कितने वर्षो का नाता! जब सार्वजनिक जीवन में मेरी कोई पहचान नहीं थी, तभी से लेकर एक संतान का पालन, पोषण, विकास  कोई जिस तरह से करता है, वैसा पितातुल्य लाभ मुझे प्रमुखस्वामीजी के पास मिला | प्रमुखस्वामी महाराज की विदा से मैंने पिता खो दिए हैं... 

प्रमुखस्वामी महाराज हमारे लिए गुरु के तौर पर जैसे एक उत्तम पथदर्शक रहे हैं, वैसे ही वे उत्तम शिष्य भी सिद्ध हुए हैं | एक शिष्य की भांति अपने गुरु  योगीजी महाराज की दिल्ली में अक्षरधाम निर्माण करने की इच्छा को उन्होंने साकार किया | 

१९९२ में मैं जब श्रीनगर लाल चौक में तिरंगा फहराने गया था तब ध्वजारोहण करके, कार्यक्रम पूरा करके में जब एयरपोर्ट पहुंचा तब, मेरी पृच्छा करते दो टेलीफ़ोन मिले | प्रथम फोन था प्रमुखस्वामी महाराज का और द्वितीय था, मेरी माता का | 

...ऐसी विभूति, एक युगपुरुष, उत्तम संतकोटि की महान परंपरा के नियंता और आनेवाली शताब्दियों तक अपने प्रभाव को छोड़ जाने वाले व्यक्तित्व ने आज विदा ली है | प्रमुखस्वामीजी भले ही स्वधाम में हों, परंतु उनके आचार-विचार, त्याग, तपश्चर्या, संयम, नैतिकता यह सब हमारे श्वासोश्वास में निरंतर रहेंगे |"

जनवरी २०१३, BAPS युवाप्रवृति षष्ठिपूर्ति महोत्सव के अवसर पर,

"हम जिनके निरंतर आशीर्वाद की अनुभूति करते हैं, जिनके लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष के बीच कोई भेद नहीं है वैसे प्रमुखस्वामी महाराज के चरणों में वंदन करता हूँ | आज के युग में भी धरती पर एक ऐसी दिव्य शक्ति का वास है, जिसके कारण मानव -कल्याण के लिए यह विश्व एक आशा की अनुभूति कर रहा होगा | "

जनवरी, २००५ में सूरत में BAPS द्वारा निर्मित अस्पताल के लोकार्पण के अवसर पर ,

"अस्पतालें तो कई होती हैं, अच्छी भी होती हैं, आधुनिक भी होती हैं, परन्तु अन्य अस्पताल और इस अस्पताल में थोड़ी भिन्नता है | आरोग्य क्षेत्र में सम्पूर्ण आधुनिकता से लैस ऐसी इस अस्पताल पर आध्यात्मिकता का अभिषेक है, पूज्य प्रमुखस्वामी महराज की कृपादृष्टि है।  प्रमुखस्वामी महाराज के चरण जहाँ पड़े, वह उत्कृष्ट बन जाता है | समग्र सार्वजनिक जीवन में अनुशासन, सुयोजना और क्षमता का अद्भुत उदाहरण प्रमुखस्वामी के नेतृत्व में आंदोलन बन चुकी है | मानवजाति का कल्याण इसी में है | "

अगस्त २००२ , अहमदाबाद में रक्षाबंधन पर्व पर,

"युगानुकूल परिवर्तन लाने के लिए जब संत प्रयत्नरत होते हैं तब सामान्य मानव को उनके परिणाम की कल्पना करना  कठिन होता है | संत जब कार्य कर रहे होते हैं तो आने वाली शताब्दियों तक उसका प्रभाव पड़ता है | प्रमुखस्वामी के आशीर्वाद संस्कृति रक्षा की शक्ति देते हैं | प्रमुखस्वामी के आशीर्वाद जीवन जीने की शक्ति देते हैं | प्रमुखस्वामी के आशीर्वाद सत्य के लिए जीने मरने की शक्ति देते हैं | ऐसी शक्ति की ही अभिलाषा है | "


मई, २००२, कच्छ में भूकम्पग्रस्त क्षेत्र में , BAPS  के द्वारा नवनिर्मित 'नारायणनगर' गाँव के लोकार्पण समारोह में ,

"इस गाँव के लोगों के पूर्वजन्म के पुण्य होने चाहिए | पुण्य इस लिए क्योंकि भूकंप के बाद प्रमुखस्वामी महाराज ने आपकी ऊँगली पकड़ी | और प्रमुखस्वामी महाराज जिनकी ऊँगली पकड़ते हैं तो उनका तो भवसागर पार हो जाता है | प्रमुखस्वामी ने गुजरात के सार्वजनिक जीवन को एक नया रूप दिया है, नयी शक्ति दी है | पीड़ितों की पीड़ा दूर करने के लिए कुछ कर देना, करुणा के सागर बन कर जीना, उसका एक अभिनव भाव हम उनमें अनुभव कर सकते हैं | "


रिपोर्ट : - मिहिरकुमार शिकारी,पत्रकार, लेखक, अमदावाद, गुजरात से।

Post a Comment

0 Comments