गुरुग्राम:आज दिनांक 30 दिसंबर को ब्लूमिंग डेल इंटरनेशनल स्कूल (सरस्वती एन्क्लेव, गुरूग्राम) में राष्ट्रीय सेविका समिति गुरुग्राम, भारत विकास परिषद की महाराणा प्रताप शाखा व जेवी ग्रीन फाउंडेशन के द्वारा हवन से शुरुआत कर के तुलसी पूजन दिवस मनाया। शुरुवात में मोदी जी की माता जी के देहांत होने पर 2 मिनट का मौन किया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। हम बदलेंगे युग बदलेगा की थीम पर पिछले 9 साल से 25 दिसंबर को स्कूल तुलसी पूजन दिवस मनाता आ रहा है लेकिन इस साल 25 दिसंबर को रविवार होने के कारण 30 दिसंबर को आयोजित किया। क्योंकि पुराणों के द्वारा बताया गया है कि रविवार को तुलसी की पूजा नही होती है क्योंकि हर रविवार को तुलसी माता जी का निर्जला व्रत होता है इसलिए रविवार को तुलसी को जल नही चढ़ता है, दीपक नही जलाते है और पत्ते को नही तोड़ते है।स्कूल की डायरेक्टर रजनी तँवर ने बताया कि 25 दिसंबर जब वेस्टर्न कल्चर वाली दुनिया क्रिसमस का त्यौहार मना रही है तब भारत में 25 दिसम्बर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा होती है और बहुत से लोग इसे अपने घर में भी लगाते हैं। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले कई लोग हर दिन भी तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं। तो फिर क्रिसमस के दिन ये तुलसी पूजन दिवस क्यों मनाया जा रहा है?
25 दिसम्बर से 1 जनवरी के दौरान शराब आदि नशीले पदार्थों का सेवन, आत्महत्या जैसी घटनाएँ, युवाधन की तबाही एवं अवांछनीय कृत्य खूब होते हैं। इसलिए प्राणिमात्र का मंगल एवं भला चाहने वाला भारतवर्ष में 25 दिसंबर से एक जनवरी तक तुलसी-पूजन, जप-माला पूजन, गौ-पूजन, हवन, गौ-गीता-गंगा जागृति यात्रा, सत्संग आदि कार्यक्रम आयोजित होते है क्योंकि "मैं हिंदू हूं ईसाई नहीं जो में क्रिसमस मनाऊं...ये देश सैंटा का नहीं है ये देश संतों का है, ऋषि मुनियों का है। यहां कोई सैंटा नहीं आएगा, यहां तो विवेकानंद, दयानंद, दधीचि, शंकराचार्य आएंगे।यहां कोई जीसस नहीं आएगा बल्कि यहां राम, कृष्ण, माँ भवानी आएंगी। जो लोग नकली क्रिसमस ट्री को घर ला कर सजाते है वो क्या देता है इस से अच्छा है कि तुलसी का पौधा लाएं।जिसे लाने से कितने फायदे होते है।वरदान है तुलसी, जानिए तुलसी के 8 बड़े फायदे:-
पौराणिक महत्व से अलग तुलसी एक जानी-मानी औषधि भी है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है। सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी और भयंकर बीमारियों में भी एक कारगर औषधि है।
ज्यादातर हिंदू परिवारों में तुलसी की पूजा की जाती है। इसे सुख और कल्याण के तौर पर देखा जाता है लेकिन पौराणिक महत्व से अलग तुलसी एक जानी-मानी औषधि भी है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है. सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी और भयंकर बीमारियों में भी एक कारगर औषधि है।
आयुर्वेद में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद बताया गया है। तुलसी की जड़, उसकी शाखाएं, पत्ती और बीज सभी का अपना-अपना महत्व है। आमतौर पर घरों में दो तरह की तुलसी देखने को मिलती है। एक जिसकी पत्तियों का रंग थोड़ा गहरा होता है औ दूसरा जिसकी पत्तियों का रंग हल्का होता है।
यौन-रोगों की दवाइयां बनाने में तुलसी खास तौर पर इस्तेमाल की जाती है।तुलसी के कुछ अनदेखे फायदे इस प्रकार हैं:
1. यौन रोगों के इलाज में
पुरुषों में शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी के बीज का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा यौन-दुर्बलता और नपुंसकता में भी इसके बीज का नियमित इस्तेमाल फायदेमंद रहता है।
2. अनियमित पीरियड्स की समस्या में
अक्सर महिलाओं को पीरियड्स में अनियमितता की शिकायत हो जाती है। ऐसे में तुलसी के बीज का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। मासिक चक्र की अनियमितता को दूर करने के लिए तुलसी के पत्तों का भी नियमित किया जा सकता है।
3. सर्दी में खास
अगर आपको सर्दी या फिर हल्का बुखार है तो मिश्री, काली मिर्च और तुलसी के पत्ते को पानी में अच्छी तरह से पकाकर उसका काढ़ा पीने से फायदा होता है. आप चाहें तो इसकी गोलियां बनाकर भी खा सकते हैं।
4. दस्त होने पर
अगर आप दस्त से परेशान हैं तो तुलसी के पत्तों का इलाज आपको फायदा देगा। तुलसी के पत्तों को जीरे के साथ मिलाकर पीस लें।इसके बाद उसे दिन में 3-4 बार चाटते रहें। ऐसा करने से दस्त रुक जाती है।
5. सांस की दुर्गंध दूर करने के लिए
सांस की दु्र्गंध को दूर करने में भी तुलसी के पत्ते काफी फायदेमंद होते हैं और नेचुरल होने की वजह से इसका कोई साइडइफेक्ट भी नहीं होता है।अगर आपके मुंह से बदबू आ रही हो तो तुलसी के कुछ पत्तों को चबा लें।ऐसा करने से दुर्गंध चली जाती है।
6. चोट लग जाने पर
अगर आपको कहीं चोट लग गई हो तो तुलसी के पत्ते को फिटकरी के साथ मिलाकर लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाता है। तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो घाव को पकने नहीं देता है। इसके अलावा तुलसी के पत्ते को तेल में मिलाकर लगाने से जलन भी कम होती है।
7. चेहरे की चमक के लिए
त्वचा संबंधी रोगों में तुलसी खासकर फायदेमंद है। इसके इस्तेमाल से कील-मुहांसे खत्म हो जाते हैं और चेहरा साफ होता है।
8. कैंसर के इलाज में
कई शोधों में तुलसी के बीज को कैंसर के इलाज में भी कारगर बताया गया है। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
लेकिन हमारा देश इस दिन वेस्टर्न त्योहार पर ज्यादा तवज्जो देते है और अपने त्योहार को भूल जाते है। भारतीयों को ये नही भूलना चाहिए कि आप सब पहले सनातनी है उस के बाद जो दूसरे धर्म मे चले गए हैं वो है इसलिए पहले तुलसी पूजन मनाएं ताकि आप सब के पूर्वजों की आत्मा को शाँति मिल सकें। हमने वेस्टर्न कल्चर की भांति रहते हो पर अपने पूर्वजों के संस्कार व अपनी संस्कृति नहीं भूलनी चाहिए। इसी महीने में खालसा पंथ या सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह व उनके परिवार का बलिदान हुआ था उन सभी को नमन किया जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने चारों साहिबजादों को बलिदान कर दिया और स्वयं भी बलिदान हो गए। ऐसे गुरुओं के कारण आज हम अपने धर्म मे रह कर सुरक्षित है। हमारे दो महापुरुष मदन मोहन मालवीय जी व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी जयंती भी आती है उनको भी नमन किया व उनके नेक कार्यो के लिए याद किया।
भारत विकास परिषद की महाराणा प्रताप शाखा गुरूग्राम ने जरूरतमंद व विधवा परिवारों को कंबल वितरित किया और विद्यार्थियों के लिए पौष्टिक अल्पाहार वितरण किया।
जेवी ग्रीन फाउंडेशन के द्वारा सभी विद्यार्थियों, परिवारों व अतिथियों को तुलसी के पौधें वितरित किया और आश्वाशन दिया कि हर साल या जब भी पौधे की आवश्यकता हो तो हमें बताएं हम उपलब्ध करवाएंगे क्योंकि हमारी धरती माता सुरक्षित रहेगी तो हम सब सुरक्षित रहेंगे।
इसी के साथ स्कूल प्रबंधक कमेटी ने सभी अतिथियों मुकेश सिंघल जी शाखा अध्यक्ष, निशि सिंघल, कंचन गुप्ता, कुलदीप यादव जी अध्यक्ष जेवी ग्रीन फाउंडेशन, संतोष जी व इनकी समस्त टीम अतिथिगण का स्वागत व धन्यवाद किया।
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