बाइलॉज का उल्लंघन कर रिटायर्ड पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान से लिखवाया इस्तीफा

 बाइलॉज का उल्लंघन कर रिटायर्ड पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान  से लिखवाया इस्तीफा

- प्रधान ने मानसिक प्रताड़ना व  व्हाट्सएप पर दिए गए धमकी का मामला दर्ज करने की मांग की

- जांच पूरी होने तक एसोसिएशन के भवन सील करने की मांग 

- डीसीपी हेड क्वार्टर के आदेश पर एसीपी हेड क्वार्टर कर रहे हैं जांच



गुरुग्राम. रिटायर्ड पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन विवादों के घेरे में आ गई है. एसोसिएशन के प्रधान ने डीसीपी हेडक्वार्टर को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि संस्था के ही कुछ लोगों ने मानसिक रूप से परेशान कर बायलॉज का उल्लंघन करते हुए  उनसे जबरन इस्तीफा लिखवा लिया है. जांच एसीपी हेड क्वार्टर के पास है.

रिटायर्ड पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान चुन्नीलाल डागर ने डीसीपी हेडक्वार्टर को दी शिकायत में कहां है कि उनकी संस्था के कुछ सदस्यों ने बायलॉज का उल्लंघन करके उनसे जबरन इस्तीफा लिखवा लिया है. इस बात की शिकायत व रजिस्टार को दे चुके हैं. जिसकी जांच चल रही है. उन्होंने डीसीपी हेडक्वार्टर से अनुरोध किया है कि जब तक मामले की जांच चल रही है तब तक पुलिस आयुक्त कार्यालय में उनकी एसोसिएशन के लिए आवंटित कमरा नंबर को सील किया जाए ताकि आरोपी उसका दुरुपयोग न कर सके. आरोपियों की ओर से किसी भी तरह की गलती होने पर bye-laws के हिसाब से अध्यक्ष होने के कारण  वह भी जिम्मेदार होंगे. उन्हें इस बात का संदेह है कि आरोपी उनको फंसाने के लिए आवंटित कमरे का गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

शिकायतकर्ता ने यह भी कहा है कि आरोपियों की ओर से शराब पीकर उसके साथ गाली गलौज करना रात में 12:00 बजे उसके व्हाट्सएप पर धमकी भरे संदेश दिया गया है. इससे तंग होकर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया. मानसिक स्थिति को देखते हुए  परिवार के लोग भी परेशान हैं.


खर्च ना मिलने के कारण स्किन फाउंडेशन को गाड़ी दी गई दान


आरोपियों ने प्रधान को इस बात की धमकी दी कि संस्था के पास जो गाड़ी थी उसको गलत तरीके से प्रधान ने किसी को दिया है. इस बारे में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने की धमकी भी देते हैं. शिकायतकर्ता का कहना है कि एसोसिएशन के पास गाड़ी से चलने का खर्च नहीं था. उसके दुरुपयोग की संभावना अधिक थी, आरोपियों की ओर से उसका दुरुपयोग भी किया गया. इसे देखते हुए जनरल बॉडी की मीटिंग के बाद उक्त गाड़ी को स्किल फाउंडेशन संस्था को कानूनी तरीके से दान किया गया है.

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