"द्रोणाचार्य गवर्नमेंट कॉलेज में धूम धाम से मना राष्ट्रीय मतदाता दिवस"
गुरुग्राम के जाने माने द्रोणाचार्य महाविद्यालय में आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस बड़ी धूम धाम से मनाया गया।कार्यक्रम का आयोजन जिला चुनाव कार्यालय एवं कॉलेज राजनीति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।इस मौके पर सोहना के एस डी एम प्रदीप सिंह मलिक (आई ए एस) ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।मंच संचालन प्रोफेसर डॉ राजकुमार शर्मा ने किया।कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को जागरूक करने के साथ साथ वोट के महत्त्व को इंगित करने वाली शपथ लेना भी था।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ विरेंद्र सिंह अंतिल ने की।
उन्होंने मंच से बोलते हुए कहा कि हमारे विद्यार्थी और स्टाफ के सदस्य अनुशासन प्रिय हैं।मुख्य अतिथि ने भाषण के दौरान स्वाभाविक प्रक्रिया अपनाते हुए बच्चो के बीच पहुंच कर मत के महत्त्व के अलावा युवाओं को नशे की लत के प्रति सचेत भी किया।उन्होंने विद्यार्थियों की जिज्ञासा को भी अपने जीवन वृतांत द्वारा शांत किया।इस दौरान मुख्य अतिथि नी जिले में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले बी एल ओ और विभिन्न स्कूलों से आए विजेता प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया।कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन करके हुई।
द्रोणाचार्य कॉलेज द्वारा "कॉलेज गान" की दिव्य परंपरा का शुभारंभ भी इस कार्यक्रम में देखने को मिला।"डी जी सी तेरी जय हो,जीवन सबका सुखमय हो, जग में हो रोशन तेरा नाम,धन्य हुआ ये गुरुग्राम" इस कॉलेज ने सबका हृदय जीत लिया।कॉलेज की विजिटर डायरी में इस गान की तारीफ में लिखते हुए मुख्य अतिथि ने दोबारा कॉलेज आने की इच्छा जाहिर की।मंच से बोलते हुए प्राचार्य ने बताया कि हरियाणा में यह पहला कॉलेज है जिसके पास अपना "कॉलेज गान" है।इसे कॉलेज के ही प्रोफेसर लीलमणी गौड़ ने लिखा है।उन्होंने कहा कि भविष्य में हर कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज गान से ही हुआ करेगी।चुनाव तहसीलदार राजेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने वाले चुनाव कानूनगो जय कुमार, उप प्राचार्या सुदेश राव, प्रो लीलमणी गौड़, प्रो शिवालिक, प्रो मोनिका, प्रो सीमा चौधरी,राजनीति शास्त्र की एच ओ डी. डॉ कुसुम लता, प्रो राकेश , प्रो कल्याण सिंह,प्रो सुमन कटारिया,प्रो वीना,प्रो विशाल,प्रो कविता, प्रो छत्तरपाल,प्रो पूनम शर्मा, प्रो मोनिका त्यागी, प्रो अन्नू चौहान, प्रो राजेश सहवाग, प्रो अमित गुप्ता आदि काफी प्राध्यापक मौजूद रहे।समापन के बाद अल्पाहार की व्यवस्था भी थी।
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