सम्मेद शिखर जी का अस्तित्व बचाने को गरजा गुरुग्राम का जैन समाज
-गुरुग्राम शहर में एकजुट होकर जैन समाज ने निकाला जुलूस
-बच्चे, बुजुर्ग व बड़ों की खूब रही भागीदारी
गुरुग्राम। अहिंसा के रास्ते पर चलने वाला जैन समाज अब गुस्से में है। यह गुस्सा किसी निजी लाभ के लिए नहीं, बल्कि जैन समाज के तीर्थंकरों की मोक्ष स्थली श्री सम्मेद शिखर जी का अस्तित्व बचाने के लिए है। श्री सम्मेद शिखर जी के संरक्षण को लेकर जारी देशव्यापी आंदोलन के समर्थन में बुधवार को गुरुग्राम की सभी जैन संस्थाओं ने भी एक मंच पर आकर विरोध सभा और विशाल रैली निकालकर अपनी मांग को प्रमुखता से उठाया। अनुशासित तरीके से यह रैली निकाली गई।
जैन समाज के 20 तीर्थंकरों और अनंत संतों के मोक्ष स्थल सम्मेद शिखर जी पारसनाथ पर्वतराज गिरिडिह (झारखंड) की स्वतंत्र पहचान, पवित्रता और संरक्षण के लिए गुरुग्राम के जैन समाज ने प्रदर्शन किया। अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले जैन समाज में झारखंड सरकार के फैसले पर रोष जाहिर किया। प्रदर्शन करके झारखंड सरकार को जगाने के साथ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई।
जैन समाज के प्रवक्ता अभय जैन एडवोकेट ने बताया कि जैन समाज के अधिकतर दुकानदारों ने दोपहर 1 बजे तक अपनी दुकानें बंद रखी। बच्चों ने स्कूलों से छुट्टी की और विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। महिलाओं, युवाओं की भी अच्छी संख्या रही। वरिष्ठ नागरिकों ने भी भाग लिया।
जैन समाज के प्राचीन मंदिर जैकबपुरा सदर बाजार, पालम विहार, डीएलएफ, सेक्टर-43, सेक्टर-4, सेक्टर-15, झाड़सा समेत सभी मंदिरों व स्थानक से भारी संख्या में जैन अनुयायियों ने भाग लिया। नरेश जैन, अशोक जैन, अनिल जैन, प्रेमचंद जैन, त्रिलोक चंद जैन, पवन जैन, नवीन जैन, शैलेष जैन, देवेंद्र जैन, संदीप जैन, सुभाष जैन, रमन जैन, राजकुमार, उत्तम जैन, संदीप जैन, रविंद्र जैन, राकेश जैन, अमित जैन, संजय जैन, श्रेयांस जैन आदि प्रमुख लोगों ने इस विरोध प्रदर्शन में व्यवस्थाएं संभाली। जैन समाज के चारों संघ (दिगम्बर, श्वेतांबर, तेरा पंथी, मूर्ति पूजक) ने एकजुट होकर इस मांग को मजूबती से उठाया।
बुधवार की सुबह ठंड के बीच श्री सम्मेद शिखर जी के संरक्षण को लेकर जारी देशव्यापी आंदोलन के समर्थन में गुरुग्राम की सभी जैन संस्थाओं ने विशाल रैली करके अपनी मांग को प्रमुखता से उठाया। जैन समाज के बच्चे, बुजुर्ग और बड़ों की सभा में पुलिस लाइन के सामने स्थित जैन मंदिर में हुई। इसमें समाज के अग्रणी लोगों ने जैन समाज के पवित्र स्थल गिरिडिह पर्वत को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि झारखंड सरकार का इस पवित्र स्थल को पर्यटन स्थल बनाने का निर्णय निंदनीय है। इसे सरकार बिना देरी किए वापस ले। जैन समाज के सभी लोग हाथों में झंडे, बैनर लिए अपनी मांगों के नारे लगाते हुए आगे बढ़े।
महावीर चौक मंदिर से चलकर सदर बाजार, सोहना अड्डा, राजीव चौक होते हुए लघु सचिवालय पहुंचे। राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में जैन समाज की ओर से कहा गया है कि पारसनाथ पर्वतराज को वन्य जीवन अभ्यारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान सूची से बाहर निकाला जाए। वहां पर सुविधाएं देने की मांग करते हुए जैन समाज ने कहा है कि पारसनाथ पर्वतराज और मधुबन को मांस-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित किया जाए। पर्वतराज की वन्दना मार्ग को अतिक्रमण, वाहन संचालन व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण, सामान जांच के लिए सीआरपीएफ व स्कैनर, सीसीटीवी कैमरे सहित दो चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा के साथ बनाएं। पर्वतराज से पेड़ों के अवैध कटान, पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित हो।
नवीन गोयल ने किया जैन समाज की मांग का समर्थन
जैन समाज की मांग का समर्थन करते हुए पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने कहा कि सम्मेद शिखर जी से जैन समाज की भावनाएं जुड़ी हैं। इस विषय को लेकर वे समाज के प्रमुख लोगों के साथ एचआरडी मंत्री अन्नपूर्णा देवी से मिलने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि जैन समाज की धार्मिक भावनाओं का वे समर्थन करते हैं। इसी तरह भाजपा नेता मुकेश शर्मा आदि ने भी जैन समाज की मांग का समर्थन किया और कहा कि इस पाश्र्वनाथ तीर्थ स्थल को धार्मिक स्थल रहने दिया जाए।
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