आप कि टिकट पर चुनाव लड़ चुका एक ऐसा उम्मीदवार,जिसके ऊपर है 55 की उम्र में 69 मुक़दमे

रेवाड़ी विधानसभा से आप कि टिकट पर चुनाव लड़ चुका एक जनूनी उम्मीदवार,जिसके ऊपर है 55 की उम्र में 69 मुक़दमे



अन्ना आंदोलन में पी ऍम निवास स्थान के घेराव के दौरान पुलिस लाठी चार्ज में हुए घायल,20 दिन बाद आया होश,भुगती 15 दिन की सजा


रेवाड़ी,पवन कुमार : आज हम बात कर  रहे है रेवाड़ी के एक चर्चित उम्मीदवार की,जो विरोध करने के लिए अपनाये गये कारनामों के कारण हमेशा चर्चा में रहते है ।

14 फरवरी 1967 को रेवाड़ी के गांव बिठवाना में श्री रामनिवास के परिवार में जन्म हुआ। 1987 में उन्होंने अहीर कॉलेज से ग्रेजुएशन की। उन्होंने पहले तो रोजी रोटी चलाने के लिए प्रॉपर्टी डीलिंग की, फिर रेलवे स्टेशन पर जूस की दुकान खोली,लेकिन उन्हें यह रास नहीं आई। 2004 में  दिवाली से तीन-चार दिन पहले की बात है, नगर परिषद् रेवाड़ी की टीम बाजार में वसूली पर निकली हुईं थी और वे पैसे तो वसूल कर रहे थे पर पर्ची नहीं काट रहे थे,जिसका राजेश शर्मा ने विरोध किया और यहीं से उन्होंने भ्रष्टाचार के विरोध में अवाज उठानी शुरू की और भ्रष्टाचार के विरोध में धरने पर बैठना शुरू किया और वे अब तक 29 बार धरने पर बैठ चुके है।

राजेश शर्मा पहली बार अनशन पर 2008 में गुडगाँव में केंद्र सरकार के विरोध में बैठे थे,सरकार ने जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजीयों को कंट्रोल कर रहे सैनिकों पर लगाई गई धारा 302 का समर्थन किया था। सरकार ने देश में बढ़ते विरोध के बाद धारा 302 हटा दी ।इसके बाद राजेश शर्मा धारा 370 को हटाने के विरोध में रेवाड़ी में राजीव चौक पर 11 दिन के लिए अनशन पर बैठे। वह चर्चा में तब आये, जब वह फिर से अनशन पर राजीव चौक पर एक सरकारी अधिकारी के खिलाफ बैठे, जब कोई नतीजा नहीं निकला तो, 30 दिसम्बर 2017 को कड़ाके कि ठंड में वे बर्फ के पानी से नहाये जिस कारण वह बीमार भी हो गये। इससे पहले  2012 में वह अन्ना आंदोलन मैं भी शामिल हुए और पी एम निवास का घेराव किया और पुलिस लाठी चार्ज में वे घायल हो गये और उन्हें जब 20 दिन बाद  होश आया तो अपने आपको AIIMS दिल्ली में पाया। बाद में इसी मामले में उन्होंने 15 दिन कि दिल्ली बवाना जेल में सजा भी काटी है। 

भाजपा के बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ मिशन से पहले वह बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ विषय को लेकर भारत कि सबसे ऊँची सड़क खरडुंगला जो लेह में है पर अपना होल्डिंग लगा चुके है। अपने ऐसी जनूनी पागलपन के कारण वह हमेशा चर्चा में बने रहते है। 2019 में उन्होंने आम आदमी पार्टी की टिकट पर रेवाड़ी विधानसभा का चुनाब लड़ा और हार गये, इसके बाद आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। फिर उन्होंने बेरोजगारी के मुद्दे पर अपनी गतिविधियों को तेज किया। उन्होंने कम्पनी से स्थानियों युवाओं को निकालने के विरोध में धरने पर बैठना शुरू किया और लगभग 50000 बेरोजगारों के हित के लिए कंपनियों प्रबंधको और श्रम अधिकारी से भी भीड़े और श्रम अधिकारी को हटवाकर ही माने।

 इसके बाद वे इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला से मिले और फिर वहां से भी दूर हो गये। अभी लगभाग दस दिन पूर्व वह अपनी ग्यारह सूत्रीय मांगों को लेकिन नग्न अवस्था में ज़िला उपायुक्त को ज्ञापन देने निकले थे,रास्ते में सेक्टर-3 पुलिस चौकी के पुलिस कर्मचारियों ने गिरफ्तार कर लिया और इस तरह उनपर एक और मुकदमा दर्ज हो गया, उनकी मांगों में विशेष रूप से सेक्टर-1 में भाजपा नेता के सामने अवैध शौचालय को तुड़वाना और सरकारी दफ़्तरों में चल रहे हीटर को बंद करवाना था। उन पर 55 साल की उम्र में अबतक 69 मुकदमे दर्ज हो चुके है, जबकि 2019 से पहले रेवाड़ी में उन पर एक भी मुकदमा नहीं था,वह जनता कि अवाज बनना चाहते है पर अभी जनता का सहयोग उन्हें नहीं मिल पर रहा।अब उन्होंने नवीन जयहिन्द का दामन थाम लिया है और अपने आगे के संघर्ष को उनके साथ मिलकर जारी रहेंगे।



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