आम बजट में पर्यावरण, स्वास्थ्य की चिंता क्रांतिकारी शुरुआत: नवीन गोयल

 आम बजट में पर्यावरण, स्वास्थ्य की चिंता क्रांतिकारी शुरुआत: नवीन गोयल   



-रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा सुधारेग देश की सेहत  

-खेती बनेगी अधिक लाभदायक, पर्यावरण में होगा सुधार

गुरुग्राम। पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भारत के आम बजट में इस बार देश के हर नागरिक की सेहत की चिंता करते हुए पर्यावरण और स्वास्थ्य पर बेहतर शुरुआत की गई है। यह एक क्रांतिकारी शुरुआत है। खेती को और अधिक लाभप्रद तथा पर्यावरण अनुकूल बनाने के उद्देश्य से रासायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिए जाने की घोषणा महत्वपूर्ण है।

नवीन गोयल ने कहा कि पर्यावरण में सुधार के लिए ई-वाहनों पर बजट में सरकार ने जोर दिया है। महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों को ई-वाहनों की खरीद पर विशेष छूट मिलेगी। ई-वाहनों का चलन ही हमारे देश के स्वास्थ्य को सुधारेगा। उन्होंने कहा कि खेती, प्राकृतिक खेती, शून्य जैविक खेती और कृषि की आधुनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए देश के कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में भी इन विषयों को शामिल करना एक नया बदलाव लाएगी। सरकार पहले से पर्यावरण को सुधारने के लिए ई-वाहनों पर ज्यादा ध्यान दे रही है। ऐसे में बिजली चालित वाहनों के क्षेत्र में इस तरह की पहल देश का वातावरण सुधारने में कारगर साबित होगी। इसे व्यापक रूप से बढ़ावा देने के लिए प्राइवेट सेक्टर को और भी मजबूत बनाने, नये व्यापार मॉडल विकसित करने की योजना लाना महत्वपूर्ण है। पर्यावरण प्रदूषण सबसे अधिक शहरी क्षेत्रों में फैलता है। ऐसे में शहरी क्षेत्रों विशेषकर महानगरों में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को ई-वाहनों के रूप में बदलना बड़ा बदलाव लाएगा। वायु प्रदूषण हमारे देश में बड़ी समस्या है। काफी हद तक इस निर्णय से सुधार होगा। 

श्री गोयल ने कहा कि बजट में ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए संसाधन जुटाने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान बाजार से उधार के रूप में सावरेन ग्रीन बॉन्ड जारी किए जाने की भी घोषणा सराहनीय है। इससे हरित परियोजनाओं को साकार करने के साथ ही पर्यावरण के क्षेत्र में मदद मिलेगी। यह बजट समर्थ और सक्षम भारत का नया प्रयोग कहा जा सकता है। 

नवीन गोयल ने कहा कि भारत ने इस नई पहल से विश्व के सामने आज एक रोडमैप पेश किया है। क्योंकि बीते दिनों ग्लासगो सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस प्रकार से विश्व समुदाय के समक्ष वन सन, वन वल्र्ड, वन ग्रिड का संकल्प दोहराया था, वह भारत के आम बजट में परिभाषित होता नजर आ रहा है।

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