युवा पीढ़ी संस्कारवान बने और हमारी पुरातन सनातन वैदिक परम्पराओं को भी सदा स्मरण रखे : बोधराज सीकरी

 बोधराज सीकरी (चिन्तक, विश्लेषक, समाजसेवी एवं उद्योगपति) ने किया कीर्तिमान स्थापित – 10000 बार हनुमान चालीसा का पाठ एक ही दिन में कर दी युवा पीढ़ी को प्रेरणा 




भारतीय संस्कृति, परम्परा एवं उत्सवों को विशालतम और भव्य तरीके से मनाना चाहिए : बोधराज सीकरी



युवा पीढ़ी संस्कारवान बने और हमारी पुरातन सनातन वैदिक परम्पराओं को भी सदा स्मरण रखे : बोधराज सीकरी



गुरुग्राम। श्री श्याम जी मंदिर, न्यू कॉलोनी (गुरुग्राम) जिसके प्रधान बोधराज ख़ुद हैं, श्री माता वैष्णों देवी दरबार, गढ़ी हरसरू(गुरुग्राम) श्रद्धेय पूनम माता द्वारा संचालित एवं फ्लायर पार्क, सुशांत लोक, सी-ब्लाक, गुरुग्राम ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया। श्री श्याम जी मंदिर, न्यू कॉलोनी (गुरुग्राम) में लगभग चार सो तीस लोग इस महान यज्ञ में आहुति देने के लिए उपस्थित हुए, जिसमें लगभग 200 विप्रवर (ब्राह्मण) भी इस आध्यात्मिक कार्य हेतु विराजमान थे।


जी. एन. गोसाईं ने व्यास गद्दी से लय और ताल के मिश्रण के साथ श्री हनुमान चालीसा के पठन का शुभारम्भ किया, तदोपरांत सभी ने सामूहिक रूप से एक स्वर में इस महानतम चालीस चौपाइयों के ग्रन्थ का 21 बार पाठ किया।

समापन पर बोधराज सीकरी ने हनुमान चालीसा के अन्दर छुपे गूढ़ रहस्यों को उजागर भी किया।



उनके कथनानुसार हनुमान चालीसा में 5 स्थानों पर “जय” शब्द आता है। उसकी व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि उसमें किस व्यक्तित्व की जय हो रही है, जैसे जिसका अपनी इन्द्रियों पर वश है, जो ज्ञान का भंडार है, जो अपनी इच्छाओं को सीमित रखता है इत्यादि की जय-जयकार होती है। जहाँ चार सो के करीब विप्रवर और साधकों की श्याम मंदिर में उपस्थिति रही, वहीं पूनम माता द्वारा संचालित वैष्णो देवी दरबार गढ़ी हर सरु में 90 साधक हनुमान चालीसा का पठन करने के लिए उपस्थित रहे, जिन्होंने सात-सात बार पाठ किया और प्रात: 7:30 बजे फ्लायर पार्क, सी-ब्लाक, सुशांत लोक, गुरुग्राम में 35 महिला एवं पुरुषों ने सामूहिक रूप में 7-7 बार पाठ पढ़ा यानि कि 251 बार। इस प्रकार 3 स्थानों पर कुल  555 से अधिक साधक एकत्रित हुए और सबने मिलकर सामूहिक रूप से 10000 से अधिक बार पाठ पढ़ा।




बोध राज सीकरी के कथनानुसार हमें अपनी भारतीय संस्कृति, परम्परा, कर्म-कांड एवं उत्सवों को विशालतम और भव्य तरीके से मनाना चाहिए ताकि हमारी युवा पीढ़ी एक तरफ संस्कारवान बने वहीं हमारी पुरातन सनातन वैदिक परम्पराओं को भी सदा स्मरण रखे। बोध राज सीकरी के कथनानुसार उनका प्रयास रहेगा कि आने वाले दिनों में वें कुछ और मंदिरों में भी इस प्रकार का भव्य आयोजन करें ताकि सकारात्मक ऊर्जा का सन्देश युवा पीढ़ी को दिया जा सके।

 

इसी कड़ी में अगले मंगलवार शिव मंदिर, कृष्णा कॉलोनी में एक आयोजन होगा जिसका समन्वय धमेंद्र बजाज और उनकी पत्नी ज्योत्सना बजाज करेंगी। 



इस दौरान श्याम मंदिर की ओर से रणधीर टंडन, अश्वनी वर्मा, सुभाष ग्रोवर, मदन सतीजा, वीरेंद्र आहूजा, जगदीश रखेजा, तिलक चानना, छाबड़ा जी, राजेश शर्मा, दारा बुधिराजा, लीलू बुधिराजा, सतपाल नासा, गजेंद्र गोसाई, अशोक सीकरी, सहगल और बबलू आदि उपस्थित रहे। महिला प्रकोष्ठ की ओर से पूजा खेत्रपाल और पुष्पा नासा अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे। 

पंजाबी बिरादरी की ओर से ओमप्रकाश कथूरिया, रामलाल ग्रोवर, राज कुमार कथूरिया, धमेंद्र बजाज, रमेश कामरा, अर्जुन कालरा, रमेश कुमार, उमेश ग्रोवर, अर्जुन नासा, नरिंदर कथूरिया, विजय वर्मा, सतीश वर्मा, गुलशन, ज्योत्सना, ज्योति वर्मा, शशि बजाज, रुचि बजाज, सुरेश सीकरी, शील सीकरी, सोनिया सचदेव, विनु छाबड़ा, ज्योति अग्रवाल, मलिक मोहन गान्धी, राज पाल नासा, सुदर्शन बजाज, रमेश कुमार "कुमार" आदि उपस्थित रहे। माँ वैष्णोदेवी दरबार गढ़ी हर सरु का समन्वय डॉक्टर अलका बधबार शर्मा ने किया।


इस भक्तिमय परिवेश में जन-जन के मन ने दिव्य और अलौकिक अनुभूति प्राप्त की।

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