क्या चुनाव से पहले अहीरवाल में भाजपा और राव में होंगे दो-दो हाथ
हारेंगे राव तो भाजपा को जीतने भी नही देंगे
रेवाड़ी,पवन कुमार , ऐसा मानना है कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ होंगे I जिससे भाजपा को विधानसभा चुनाव में फायदा मिलेगा,क्योंकि भाजपा राष्ट्रवाद के कारण एक बार फिर सत्ता में आयेगी,इसका विधानसभा में फायदा मिलना स्वाभाविक है I
हम अभी पूरे हरियाणा कि बात न करके अहीरवाल क्षेत्र की करते है, जिसके अंतर्गत रेवाड़ी,महेन्द्रगढ़,गुरुग्राम जिलों की राव प्रभावित विधानसभा सीटे आती हैं और इसके साथ ही पूर्ण रूप से गुरुग्राम लोकसभा सीट और आधी महेन्द्रगढ़-भिवानी सयुक्त लोकसभा सीट आती है I हम अभी बात करते है केवल अहीरवाल की,जिसमें नांगल चौधरी, नारनौल,महेंद्रगढ़, अटेली,कोसली,रेवाड़ी, सोहना,पटौदी,बादशाहपूर, गुरुग्राम और बावल आते हैं I
यह सत्य है कि इन ग्यारह विधानसभा सीटों पर राव साहब का प्रभाव रहा है और अब भी है,जो कहीं न कहीं राव साहब को भाजपा पर हावी होने का कारण हो सकता है,अगर भाजपा को इन ग्यारह सीटों पर अपना परचम लहराना है तो कहीं न कहीं राव इंद्रजीत के आगे झुकना ही पड़ेगा और भाजपा नही चाहेगी की उन्हे इन ग्यारह सीटों को खोना पड़े I बेशक राव इंद्रजीत हर विधान सीट से जीत ना पाएं पर भाजपा को हराने में वे भूमिका अवश्य निभा सकते है I
कोई भी फैसला लेने से पहले राव इंद्रजीत के साथ-साथ भाजपा को भी यह सोचना होगा,या सोच भी रहे होंगे,तभी विकट परिस्थिति बनी हुई है I दूसरे शब्दों कहें तो राव साहब कि कमजोरी आरती राव है,वह चाहेगे कि उन्हें गुरुग्राम लोकसभा कि टिकट औऱ आरती राव को कहीं से भी सुरक्षित विधानसभा की टिकट मिले,जिसके बदले वे भाजपा को बाकी विधानसभा सीटों पर सहयोग का भरोसा दे सकते है I अगर भाजपा जिद्द पर अड़ी रही कि राव इंद्रजीत औऱ आरती राव में से किसी एक को ही टिकट देंगे,तो ऐसी बहुत कम संभावना है कि राव साहब इस बात पर सहमत होंगे I यही वो पेच है जो खुल नहीं रहा,मानो उसमें जंग लग गया हो I यह पेच या तो आपसी तालमेल से खोला जा सकता है,या फिर काटा जाता है I दूसरे शब्दों में यह है कि या तो राव औऱ भाजपा में आपसी सहमति हो जानी चाहिए या फिर अभी से अलग-अलग राह पकड़ लेनी चाहिए और निकट भविष्य में ऐसी नौबत भी आ सकती है कि राव औऱ भाजपा में दो-दो हाथ हो,औऱ फिर उसका परिणाम भी यहीं होगा कि हम तो डूबेंगे सनम पर तुम्हें भी साथ ले डूबेंगे I राव परिवार भी सयुंक्त नहीं है I इस समय राव को भी बड़ी सूझबुझ से काम लेना पड़ेगा I राव अजीत का परिवार भी राव के खिलाफ है और राव यादवेन्द्र कांग्रेस में हैं I भाजपा के अधिकांश नेता भी राव के खिलाफ है औऱ कांग्रेस तो विरोधी पार्टी है ही I
आज राव इंद्रजीत कि हालत ऐसी है जैसी पृथ्वीराज चौहान की थी I पृथ्वीराज चौहान की मोहम्मद गौरी से हारने का कारण एक ही था कि उसने राजा जयचंद सहित अनेक पड़ोसी राजाओं से भी बिगाड़ रखी थी I जब मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान पर हमला किया तो किसी अन्य राजा ने उसका साथ नहीं दिया औऱ मोहम्मद गौरी जीत गया औऱ पृथ्वीराज चौहान को बंदी बनाकर अफगानिस्तान ले गया I इसके साथ ही मोहम्मद गौरी ने अन्य राज्यों को भी जीत लिया औऱ वह जाते-जाते अपने गुलाम और अपनी बेटी के आशिक क़ुतुबउद्दीन एबक को अपनी बेटी के साथ-साथ भारत को भी दहेज के रूप दे गया I
आज ठीक पृथ्वीराज चौहान कि तरह राव इंद्रजीत की भी हालत है,वह स्वयं तो शक्तिशाली राजा है पर उन्होंने भी अपने असंतुष्टों कि एक फ़ौज खड़ी कर रखी है, जो कहीं ना कहीं अगले चुनाव में राव साहब को नुकसान पहुँचयेगी,जो एन मौक़े पर शादी में फूफा कि तरह रूठेंगे,जिनको मनाने के लिए राव इंद्रजीत को भी भरपूर प्रयास करना होंगा I भाजपा ने राव खेमे में पहले ही सेंध लगा रखी है,इसका प्रमाण यह है कि भाजपा नेताओं ने राव इंद्रजीत को उनके जन्मदिन कि शुभकामना तक भी नहीं दी I राव साहब को भी अब समझ लेना चाहिए कि अब लोकतंत्र है,राजतन्त्र नहीं I अगर अपनी जनता का नायक बने रहना है,तो जनता के बीच भी रहना होगा अन्यथा जनता उन्हें दर किनारे कर देगी I यह पब्लिक है,सब जानती है, इसलिए हर फैसला राव साहब को सोच-समझ कर लेना होगा अन्यथा वही होगा,जो वो नहीं चाहेगे I
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