परिवार पहचान पत्रः दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर लोग, नहीं हो रही कहीं सुनवाई गुरिंदरजीत सिंह
गुरुग्राम: एक तरफ हरियाणा सरकार जहां पीपीपी यानी परिवार पहचान पत्र को लागू कर सभी सेवाओं का डिजिटलाइजेशन की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर इस डिजिटलाइजेशन का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। जी हां... आपको दे कि हम बात कर रहे हैं परिवार पहचान पत्र (family identity card) की जिसके माध्यम से सरकार ने पहले आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) और आप गुलाबी व पीले राशन कार्ड (ration card) बनाने की योजना चलाई है, जिसमें अब बड़ी खामियां भी सामने आ रही है।
गुरुग्राम समाजसेवी गुरिंदरजीत सिंह अर्जुन नगर ने बताया सरकार द्वारा परिवार पहचान पत्र में आई तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए राज्य के सभी BDPO कार्यालयों में 3 जनवरी से 6 जनवरी तक कैंप लगाकर उन्हें हटाने की बात की थी, परंतु हैरान कर देने वाली बात यह है कि सरकार द्वारा जिन अधिकारी व कर्मचारियों को इन त्रुटियों की ठीक करने की जिम्मेवारी दी गई हैं, वही अधिकारी ही खुद सभी कार्य कर रहे हैं कि इनकम कम या ज्यादा करने का उनके पास कोई भी विकल्प नहीं है। यह पूरा सिस्टम चंडीगढ़ से चलता है और वही से ठीक होगा। परंतु इतनी ठंड में भी लोग अपनी फैमिली आईडी में हुई गलतियों को ठीक करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
गुरिंदरजीत सिंह ने कहा कि लोगों ने उनको बताया कि जब वे सीएससी सेंटर पर जाते हैं, तो वह बोलते हैं कि साईट का सर्वर नहीं चल रहा, आप BDPO कार्यालय में जाएं। जब BDPO कार्यालय में जाते हैं, तो वह बोलते हैं कि आप एडीसी कार्यालय में जाएं। और जब वह एडीसी कार्यालय में जाते हैं, तो वहां से जवाब मिलता है कि यह पूरा सिस्टम चंडीगढ़ से चलता है और वहीं से ही ठीक होगा, हमने आगे रिक्वेस्ट भेज दिया। और लोगो को 10-15 दिन का समय दे टाल दिया जाता है।
इस के चलते गरीब लोग बहुत परेशान है।
गुरिंदरजीत सिंह ने बताया कि कल 06.02.2023 को ही उन्होंने मनीष मक्कड़ के साथ मिलकर लोगो की आवाज उठाई थी। और दोनो ने लोगो के मिलकर एडीसी ऑफिस के बाहर नारे लगाए थे। जिसके चलते कुछ लोगो का काम हुआ और कई ऐसे थे जिन को कल आने को कहा।
आज 07.02.2023 को गुरिंदरजीत सिंह एडीसी ऑफिस गए। वहा पर कई और लोग भी आए हुए थे। उन्होंने लोगो को हो रही परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए कॉलोनियों में कैंप लगाने के लिए आवेदन पत्र देने एडीसी ऑफिस गए। साथ ही उनके और लोग भी थे। पर एडीसी मिले ही नही। अब तो ऐसा लग रहा है जैसे अधिकारी जानबूझ कर लोगो के पीपीपी में गलत जानकारी भर रहे है। ताकि लोग इन्ही कामों में लगे रहे। ऐसे में आए हुए लोगो ने अपनी बात सांझा की।
पहला मामला:-
श्यामवती निवासी नई बस्ती, गुरुग्राम ने बताया कि उसके परिवार की सालाना आय 80000 रूपए बताई है। उसके परिवार में उसके इलावा उसका पति, उसका एक बेटा और एक बेटी है। उसका राशन कार्ड काट दिया और उसे सरकार राशन की दुकान से राशन नही मिल रहा। वे कार्ड बनवाने के लिए दफ़्तर के कई चक्कर लगा चुकी है, पर आज तक कोई समाधान नही हुआ। उस ने अपना मामला गुरिंदरजीत सिंह को बताया। और वे गुरिंदरजीत सिंह के साथ एडीसी से मिलना चाहती थी। इस लिए वे एडीसी गुरुग्राम ऑफिस गए। और लगभग 3-4 घण्टे इंतजार की। पर पर एडीसी नही मिले। उन्होंने कहा कि अधिकारी और सरकार जनता के सेवक है, उन्हें जनता की बात की सुनवाई करनी चाहिए और लोगो को हो रही परेशानी से छुटकारा दिलाना चाहिए।
दूसरा मामला:-
गीता है, वे 4/8 माला, गुरुग्राम की रहने वाली है। उसके परिवार में उसके इलावा उसके पति और बेटा है। पति बीमार रहता है और बेटा बेरोजगार है। पर उसकी इनकम 6 लाख लिखी है। उसने कहा पहले उसके परिवार को पीले राशन कार्ड पर अनाज मिलता था। पर पीपीपी में गलत इनकम के चलते उसका राशन कार्ड काट दिया गया है। और वे पिछले एक साल से इस को सुधारने के लिए चक्कर लगा रही है। ऐसे में उसके पूछा गया क्या कोई अधिकारी उसके घर इंस्पेक्शन पर आए है, तो उसने बोला एक बार भी नहीं आए। और पिछले एक साल में वे जब पीपीपी का प्रिंट लेती है तो नया इनकम लिखा मिलता है। वे साल से पीपीपी में इनकम को ठीक करने लगी है और आज तक उसके परिवार की इनकम 6 लाख नहीं हुई। पर और आज भी लाइन में लगकर वे पीपीपी को ठीक कराने आई है। और वे कल भी आई थी। अब वे एडीसी गुरुग्राम से मिलना चाहती है, पर एडीसी ने व्यस्त होना का बहाना कर मिलने का समय नही दिया।
आपको बता दें कि इस पूरे मामलों को लेकर गुरिंदरजीत सिंह ने लोगो को साथ लेकर फैमिली आईडी का कार्य देख रहे कर्मचारियों को जब भी समस्या के बारे में बताया गया तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमारे यहां पर जो भी शिकायतें आ रही हैं हम उनको अपने मुख्यालय में भेज रहे हैं वहीं से इनको ठीक किया जाएगा।
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