यदि राव इंद्रजीत रेवाड़ी विधानसभा सीट से लड़े चुनाव,तो क्या होंगे परिणाम...



मुद्दो कि बजाये दुश्मन का दुश्मन दोस्त होने नीति पर होगा रेवाड़ी विधानसभा चुनाव

 

रेवाड़ी,22 फरवरी (पवन कुमार)I राव इंद्रजीत अगर अपने मुख्यमंत्री बनने कि महत्वकांशा को पूरा करना चाहते है तो निश्चित रूप से उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ना ही होगा I अब प्रश्न यह उठता है कि राव साहब कौनसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे,जहां से उनकी जीत सुरक्षित हो कर वह विधानसभा चुनाव लड़ सके,तो वह कोसली और रेवाड़ी विधानसभा I अब बात करते है कोसली की तो भाजपा जिसको टिकट देगी वो ही जीतेगा,चाहे वह राव इंद्रजीत हो,लक्ष्मण यादव हो या फिर जगदीश यादव हो I पिछले पांच सालों कि अगर हम बात करें तो ना तो राव इंद्रजीत कोसली में सक्रिय रहे और ना ही जगदीश यादव,कोसली में सक्रिय रहे तो कोसली विधायक लक्ष्मण यादव, जिनका एक पैर रेवाड़ी में तो एक पैर चंडीगढ़ में अब तो हौसले इतने बुलंद है विधानसभा में दहाड़ते हुए वास्तविकता से अवगत कराते है I 

राव इंद्रजीत अगर लक्ष्मण यादव से कोसली से पीछे हटने कि कहे तो शायद लक्ष्मण यादव  नहीं हटेंगे और ना ही भाजपा लक्ष्मण यादव को हटाएगी क्योंकि लक्ष्मण यादव कोसली विधानसभा में अपने पैर पूरी तरह जमा चुके है अगले विधानसभा चुनाव अपनी जीत को सुरक्षित रख सकते है I और कोसली में लक्ष्मण का पांव अंगद के पांव कि तरह जमता नज़र आ रहा है ,जिसे इंद्रजीत को हिलना शोभा नहीं देता क्योंकि वह भाजपा के साथ-साथ राव इंद्रजीत के नजदीकी है I लक्ष्मण यादव कि कोसली से टिकट कटनी लगभग असंभव है,लेकिन फिर भी प्यार, युद्ध और राजनीति में कुछ भी पूर्णरूप से नहीं कहा जा सकता है I भाजपा नहीं चाहेगी की सुरक्षित सीट को फेरबदल किया जाये I इसलिए भाजपा राव इंद्रजीत को रेवाड़ी विधानसभा से मैदान में उतरना चाहेगी क्योंकि एक तरफ उनका मुकाबला उस परिवार से होगा जो दस बार विधायक बने है और दूसरी तरफ राव साहब के खिलाफ वह मोर्चा रहेगा,जो  विधानसभा चुनाव में राव साहब की जमकर खिलाफत कर सकता है और राव साहब को हराने का भरपूर प्रयास करेगे I इस तरह राव साहब को दो मोर्चे पर एक साथ अपनी लड़ाई लड़नी होगी I इस लड़ाई में वह कितनो से आहात होंगे वह समय बताएगा I रेवाड़ी विधानसभा से राव इंद्रजीत का चुनाव लड़ना चुनौती पूर्ण होगा I कप्तान अजय यादव भी अपने पुत्र चिरंजीव राव को दुबारा विधायक बनाने के लिए पूरी ताकत झोकेंगे और इंद्रजीत विरोधी गुट भी पूरी ताकत लगायेगा कि राव इंद्रजीत न जीते,बेशक़ उन्हें अपना समर्थन चिरंजीव राव को ही क्यों न देना पड़े I आगे आने वाला समय बताएगा कि क्या होगा I पर यह सच है राव साहब से लिए चुनाव जीतना इतना आसान नहीं I


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