राव को लम्बी उड़ान उड़ने की बजाये अहीरवाल पर केंद्रित करनी होगी निगाहें
आरती राव का नामुमकिम नहीं है चुनाव जीतना ,पर जमीनी स्तर पर उतरना होगा
रेवाड़ी,12 फरवरी (पवन कुमार)I कल राव इंद्रजीत का जन्म दिन था I इस बार इंद्रजीत के जन्म दिन की शुभकामनायें देने वाले ज्यादा नज़र नहीं आये,या तो वह राव इंद्रजीत से ख़फ़ा हो गये ,या फिर भाजपा की बंदिशों के कारण अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा सके I शुभकामनाये देने वाले पोस्टरों में कहीं भी भाजपा का रंग नज़र नहीं आया,जो यह साबित करता है कि पानी औऱ तेल की तरह चला आ रहा राव-भाजपा मिश्रण अब अलग होता नज़र आ रहा है,अगर वे राव साहब से चोरी-छिपे मिले हो तो बात अलग है I इस बार का माहौल यह संकेत देता है कि अब अलग-अलग रहने में ही भलाई है,बस अब इंतजार है कि पहल कौन करें,जहां भाजपा को इंद्रजीत का कोई ठोस विकल्प नज़र नहीं आ रहा वहीं राव इंद्रजीत भी इस स्थिति में नहीं कि इंसाफ मंच को पुनःखड़ा कर सके I औऱ उनका किसी पार्टी में जाना अपना कद गिराना है I चुनाव का काउंट-डाउन शुरू हो चुका है I
राव इंद्रजीत के लिए सबसे बड़ा लक्ष्य आरती राव को राजनीति में स्थापित करना औऱ यह अभी नहीं,तो कभी नहीं जैसे हालत पैदा करना है I इसलिए इस बार राव इंद्रजीत आरती राव को जिताने के लिए पूरी ताकत झोकेंगे I जहां केंद्र सरकार राव वीरेंद्र सिंह के जन्मदिन पर डाक टिकट जारी करने वाली है वहीं,स्थानीय व प्रदेश भाजपा राव साहब को झुकाने का प्रयास कर रही है I राजा अगर जनता के बीच नहीं रहता तो उनके खिलाफ बगावत के सुर उठना स्वाभाविक है,इसी को क्रांति कहते है I वैसे तो राव इंद्रजीत से जनता को कोई परेशानी नहीं, ऐसा भी नहीं कि जनता उनका आगामी चुनाव में विरोध करेगी I
2019 में भी जनता विरोध में नहीं थी,पर राव इंद्रजीत के विरोध में भाजपा टिकट के दावेदारों के समर्थको के कारण सुनील मूसेपूर की हार हुईं I यह भी सच है कि अगर उस वक़्त भाजपा आरती राव को भी टिकट देती, तो भी उसका जनता विरोध नहीं करती I अब हालत बदल गये है I 2024 का विधानसभा चुनाव आरती राव के लिए जीतना अति आवश्यक है क्योंकि इस पर रामपुरा हॉउस की भविष्य की राजनीति टिकी हुईं है I राव इंद्रजीत ने सुनील मूसेपुर को टिकट दिलवाने के लिए जो ब्रह्मास्त्र चलाया था वह आरती राव को टिकट दिलवाने के लिए बचा कर रखना चाहिए था,ऐसी ही गलती महाभारत के कर्ण ने की,जो बाण उसने अर्जुन के लिए बचा कर रखा था,वह दुर्योधन के उकसाने पर घाटोत्कच्छ पर चला दिया I आने वाले कुछ दिन राजनीति में उथल-पुथल के होंगे I राव साहब ने भी आरती राव को राजनीति में जमाने के लिए सारे पत्ते खोल रखे है, अब आवश्यकता है प्रयासों की , अब राव इंद्रजीत को पूरा समय अहीरवाल को देना होगा,ताकि अपने वर्चस्व को कायम कर सके I अगर बच्चे का मां-बाप ध्यान ना रखे तो बच्चा पड़ोसियों की बात मानने लगता है औऱ ऐसी बहुत कम संभावना है कि वह बच्चे को सही राय देंगे I
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