होली 2023 जानिए पर्व काल, शुभयोग एवं राशी अनुसार रंग एवम् समृद्धि के लिए विशेष उपाय ज्योतिर्विद राघवेंद्ररविश राय गौड़ से :-


होली 2023 जानिए पर्व काल, शुभयोग एवं राशी अनुसार रंग एवम् समृद्धि के लिए विशेष उपाय 

ज्योतिर्विद राघवेंद्ररविश राय गौड़ से :- 





समूचे भारत वर्ष में होली के त्योहार का विशेष महत्व है. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन और होली की पूजाकी जाती है. वहीं, उसके अगले दिन यानी चैत्र प्रतिपदा तिथि को रंग खेला जाता है. बता दें कि इस बार होली का त्योहार 8 मार्च और होलिका दहन 07 मार्च के दिन किया जाएगा. आइए जानते है विस्तृत रूप में !



*कब है होलिका दहन?*

सनातन पंचाग  के अनुसार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 06 मार्च दिन मंगलवार को शाम 04 बजकर 17 मिनट पर प्रारंभ होगी और इस तिथि का समापन 07 मार्च दिन बुधवार को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर होगा. फाल्गुन पूर्णिमा तिथि में प्रदोष काल में होलिका दहन होती है. ऐसे में इस साल होलिका दहन 07 मार्च दिन मंगलवार को है.

होलिका दहन के दिन 07 मार्च को भद्रा सुबह 05 बजकर 15 मिनट तक है. ऐसे में प्रदोष काल में होलिका दहन के समय भद्रा का साया नहीं रहेगा.


*कब मनाई जाएगी रंगों वाली होली?(धुलेंडी)*

होली का पर्व चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। अगर प्रतिपदा तिथि दो दिन रहती है। तब पहले दिन होली मनाई जाती है। इस साल यही स्थिति है। जिस कारण धुलण्डी को लेकर लोग असमंजस में  हैं। होलिका दहन के अगले दिन होली का त्योहार मनाया जाएगा. ऐसे में इस साल होली का त्योहार 08 मार्च दिन बुधवार को मनाया जाएगा. 08 मार्च को चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि शाम 07 बजकर 42 मिनट तक है.


*होली का महत्व* पौराणिक कथा 

भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को आग में जलाकर मारने के लिए उसके पिता हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को तैयार किया. होलिका के पास एक चादर थी, जिसको ओढ़ लेने से उस पर आग का प्रभाव नहीं होता था. इस वजह से वह फाल्गुन पूर्णिमा को प्रह्लाद को आग में लेकर बैठ गई. भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रह्लाद बच गए और होलिका जलकर मर गई. इस वजह से हर साल होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों की होली मनाई जाती है. होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक के रूप में मनाया जाता है.


*विशेष संयोग :*

इस बार होली के खास मौके पर शनि 30 साल बाद स्वराशि कुंभ में विरामान हैं और देवगुरु बृहस्पति स्वराशि मीन में विराजमान हैं.


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ राशि में त्रिग्रही योग भी बन रहा है. कुंभ में शनि, सूर्य और बुध की युति का भी निर्माण हो रहा है. बता दें कि कुल 30 साल बाद होली पर ये ग्रहों की युति एक अद्भुक संयोग बना रही है होली पर बन रहे हैं 4 विशेष शुभ योग, पूजा, व्रत और दान का मिलेगा कई गुणा पुण्य

होली पर बन रहें है 4 शुभ योग, इन योग का असर पड़ेंगा सभी की जिंदगी पर, कौन से हैं ये 4 शुभ योग आइये जानते हैं विस्तार से इन योगों के बारे में.


फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 7 मार्च के दिन पड़ रही है, इस दिन होलिका दहन के दिन वाशी योग, सुनफा योग, शंख योग और सुकर्मा योग जैसे शुभ योगों का संयोग बन रहा है. समय की शुभता का लाभ उठाते हुए इस होली को कुछ खास बनाए और अपने कामनाओं को पूरा करने के इस पावन पर्व को हाथ से जाने ना दें. 


*जानिए राशि अनुसार उपयुक्त रंग:-*


मानव शरीर पर रंगों का वैज्ञानिक और ज्योतिषीय प्रभाव दोनों ही पड़ता है। यह इंसान की मनोवृति प्रभावित करता है। आप यदि अपनी राशि के अनुसार रंग लगाएं या कपड़े पहनें और खास रंग से बचें तो होली का उत्सव और भी प्रभावी हो जाएगा।


मेष व बृश्चिक: आप लाल,केसरिया व गुलाबी गुलाल का टीका लगाएं व लगवाएं और काले व नीले रंगों से बचें ।


बृष व तुलाः आपको सफेद, सिल्वर, भूरे, मटमैले रंगों से होली क्रीड़ा भाएगी । हरे रंगों से बचें।


मिथुन व कन्या: हरा रंग आपके मनोकूल रहेगा। लाल ,संतरी रंगों से बचें।


कर्कः पानी के रंगों से इस होली पर बचें। आस्मानी या चंदन का तिलक करें या करवाएं। काले नीले रंगों से परहेज रखें।


सिंहः पीला ,नारंगी और गोल्डन रंगों का उपयोग करें। काला,ग्रे, सलेटी व नीला रंग आपकी मनोवृति खराब कर सकते हैं।


धनु व मीनः राशि वालों के लिए पीला लाल नारंगी रंग फिज़ा को और रंगीन बनाएगा। काला रंग न लगाएं न लगवाएं।


मकर व कुंभः आप चाहे काला , नीला ,ग्रे रंग जितना मर्जी लगाएं या लगवाएं, आनंद रहेगी पर लाल ,गुलाबी गुलाल से बचें।


*समृद्धि के लिए विशेष उपाय :-*

होली  पर उपाय  का बड़ा महत्व बताया गया है. अगर आप अपनी जिंदगी में किसी भी स्तर पर परेशान हैं तो इन छोटे-छोटे उपाय से आप लाभ पा सकते हैं.  जानते हैं इन उपाय के बारे में. 


व्यापार में लाभ के लिए , करें ये उपाय 

. इस होलिका दहन के बाद होलिका का पूजन करें. पूजन करने के पश्चात नारियल, पान और सुपारी जलती होली को भेंट करें.

.होलिका दहन के अगले दिन सुबह होलिका की थोड़ी सी राख लाकर, एक लाल वस्त्र में स्फटिक श्रीयंत्र, चांदी के कुछ सिक्के और राख को बांधकर अपने घर अथवा प्रतिष्ठान की तिजोरी में रख दें.


व्यापार में गिरावट रोकने के लिए, करें ये उपाय 

.आप होली के दिन पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 गोमती चक्र और एक सिक्का चांदी का काले कपड़े में बांधकर व्यापार स्थल पर रखे ।

.होली की 11 बार परिक्रमा करके 108 बार ‘ऊँ महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जाप करें।


परिवार के सुख, स्वास्थ्य के लिए, करें ये उपाय

.होलिका दहन के दिन परिवार के सभी सदस्यों के पैर के अंगूठे से लेकर हाथ को सिर से ऊपर पूरा ऊँचा करके कच्चा सूत नाप कर होली में डालें.(ध्यान रखे आपका पैर सूत पर न लगे)

.होली की विभूति यानि राख घर जरुर लायें. पुरुष इस भस्म को मस्तक पर और महिला अपने गले में लगाएं इससे स्वास्थ्य सुख बना रहेगा.


विद्यार्थी अच्छे नंबर पाने के लिए, करें ये उपाय

.बच्चे के हाथों से पान, नारियल और सुपारी को होलिका दहन वाली जगह पर दान कर दें.इस उपाय से जरूर लाभ मिलेगा.


वास्तु दोष से मुक्ति पाने के लिए, करें ये उपाय

.होलिका दहन के अगले दिन सर्वप्रथम उठकर स्नान कर स्वच्छ होकर अपने इष्टदेव को गुलाल अर्पित करें.अपने इष्ट देव का निवास स्थान ईशान कोण में रख कर पूजन करें. यह उपाय करने से ग्रह दोष, वास्तु दोष समाप्त हो जाता है और घर में शांति, सुख-सुविधा धनेश्वरी की वर्षा होती है.


नौकरी प्राप्ति के लिए होली, करें ये उपाय

.होलिका दहन के दिन 8 नींबू लेकर उसे अपने ऊपर से 21 बार उतारे यानि यह क्रिया एंटी क्लोकवाईस करें.इन्हें ले जाकर जलती होली में चढ़ा दें. 


दरिद्रता के नाश के लिए, करें ये उपाय

.होली की रात पूर्व दिशा की ओर मुंह करके, आसन लगाकर, सात कौड़ियों व एक छोटे शंख को मसूर की दाल की ढ़ेरी पर स्थापित कर लें.इसके पश्चात मूंगे या फिर तुलसी की माला से ऊँ गं गणपतये नमः.मंत्र का 5 माला जाप करें.मंत्र-जप संपन्न होने पर समस्त सामग्री को किसी निर्जन स्थान पर गड्ढा खोदकर दबा दें.ऐसा करने से निश्चित ही आपकी दरिद्रता का नाश होगा.


आर्थिक संकट दूर करने के लिए, करें ये उपाय

.घर या प्रतिष्ठान पर कोई भी एक कील ले जाकर जिस स्थान पर होली जलनी हो, वहां की मिट्टी में दबा दें.

अगले दिन उस कील को निकालकर मुख्य-द्वार के बाहर की मिट्टी में दबा दें.इस उपाय से आपके निवास या प्रतिष्ठान में किसी प्रकार की नकारात्मक शक्ति का प्रवेश नहीं होगा,न ही किसी प्रकार का आर्थिक संकट आप पर आएगा.


वागीशा यस्य वदने लक्ष्मीर्यस्य च वक्षसि 

यस्यास्ते हृदये संवित् तं नृसिंहमहं भजे ॥



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