एनएलजीआई-आईसी की सिल्वर जुबली कॉन्फ्रेंस में हुई ग्रीस उद्योग में नई संभावनाओं पर चर्चा
- एनएलजीआई-आईसी कर रहा है 'न्यू फ्रंटियर्स इन ग्रीस इंडस्ट्री-मूविंग टुवार्ड्स नेट जीरो' विषय पर तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन
गुरुग्राम। ग्रीस उद्योग अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण घटक है। भारत में ग्रीस उद्योग के विकास और संभावनाओं को समर्पित नेशनल ल्यूब्रिकेशन ग्रीस इंस्टीट्यूट-इंडिया चैप्टर (एनएलजीआई-आईसी) ग्रैंड हयात गुरुग्राम में तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर रहा है। शुक्रवार, तीन मार्च को माननीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। श्री सुधीर सचदेवा, चेयरमैन, सिद्धार्थ ग्रीस एंड ल्यूब्स और श्री एसएसवी रामकुमार, प्रेसिडेंट, एनएलजीआई-इंडिया चैप्टर की अध्यक्षता में आयोजित किए जा रहे कॉन्फ्रेंस की थीम 'न्यू फ्रंटियर्स इन ग्रीस इंडस्ट्री-मूविंग टुवार्ड्स नेट जीरो' रखी गई है।
उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश लगातार विकास की राह पर अग्रसर है। हम सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से हैं। देश को मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने और आत्मनिर्भर बनाने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में ग्रीस इंडस्ट्री का अहम योगदान होगा। अपने उद्घाटन संबोधन में श्री सुधीर सचदेवा ने कहा, 'हम ग्रीस उद्योग का समावेशी विकास चाहते हैं। इस कॉन्फ्रेंस में दुनियाभर से ग्रीस उद्योग की सम्मानित हस्तियां हिस्सा ले रही हैं।' भारत में ग्रीस बाजार सालाना अनुमानित 1.8 लाख टन का है और साल दर साल 4% सीएजीआर की दर से वृद्धि के साथ 2030 तक इसके 2.5 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर भारत सरकार का फोकस ग्रीस की बढ़ती मांग में बहुत अहम है, क्योंकि यह सभी प्रकार के अर्थ मूविंग उपकरणों के ल्यूब्रिकेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खनन और कंस्ट्रक्शन उद्योग अगले 10 वर्षों में 10% सीएजीआर से बढ़ने का अनुमान है। प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का उद्देश्य 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ भारत में बुनियादी ढांचे में क्रांति लाना है। विकास के पथ पर ये सभी कदम ग्रीस उद्योग के विकास में योगदान देंगे। सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में इन संभावनाओं पर चर्चा की गई। पहले दिन, 'ग्लोबल ग्रीस एंड ल्यूब्रिकेंट इंडस्ट्री सिनेरियो एंड फ्यूचर आउटलुक' पर एक पैनल डिस्कशन किया गया। सत्र की अध्यक्षता और संचालन डॉ आर के मल्होत्रा, पूर्व चेयरमैन इंडियन ऑयल और महानिदेशक एफआईपीआई ने की। ग्लोबल वार्मिंग और सस्टेनेबिलिटी के ज्वलंत वैश्विक मुद्दों पर भी पूर्ण सत्र आयोजित किया गया। डॉ एसएसवी रामकुमार, डायरेक्टर (आरएंडडी), इंडियन ऑयल और प्रेसिडेंट, एनएलजीआई-आईसी की अध्यक्षता एवं मॉडरेशन में 'फ्यूचर ऑटो मोबिलिटी के लिए ग्रीस और गियर ऑयल्स' पर पैनल चर्चा में भी अहम निष्कर्ष सामने आए।
दूसरे दिन एनएलजीआई, ईएलजीआई एंड सीएलजीआई एक्टिविटीज एंड ग्रीस प्रोडक्शन सर्वे जारी होगा तथा ऊर्जा परिदृश्य और सस्टेनेबिलिटी पर पूर्ण सत्र होगा। डॉ. ई सयाना, सिद्धार्थ ग्रीस एंड ल्यूब्स प्राइवेट लिमिटेड और डॉ. टी सिंह, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड की अध्यक्षता में ग्रीस टेक्नोलॉजीज के नए मोर्चे पर तकनीकी सत्र भी दूसरे दिन के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। सम्मेलन के तीसरे और अंतिम दिन ग्रीस कंपोजिशन और ग्रीस उद्योग में नए मोर्चे पर तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे। नेशनल ल्यूब्रिकेशन ग्रीस इंस्टीट्यूट, यूएसए (मूल निकाय) को 1933 में स्थापित किया गया था। एनएलजीआई-इंडिया चैप्टर की स्थापना 1997 में हुई थी। इसका मुख्यालय आईओसी आर एंड डी सेंटर, फरीदाबाद में है।
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