कौन कितने पानी में ?....रेवाड़ी विधानसभा सीट से भाजपा की टिकट के दावेदार
रेवाड़ी से टिकट दावेदारों को दर किनारे कर गेम चेंज ओवर का फार्मूला उपयोग में ला सकती है भाजपा हाई कमान
रेवाड़ी,06 अप्रैल (पवन कुमार )I रेवाड़ी विधानसभा से भाजपा टिकट कि दावेदारी को लेकर तूफान थम ही नहीं रहा है I टिकट के दावेदारों को चुनाव लड़ने से पहले टिकट पाने के लिए अपनी पूरी ताक़त झोकनी होगी I एक तरफ नरेंद्र मोदी से निजी सम्बन्ध होने के कारण इंद्रजीत आरती राव के लिए टिकट मांगेगे,दूसरी तरफ रघु यादव केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के दम पर सर्जन यादव के लिए टिकट मांगेगे, तीसरी तरफ,रणधीर कापड़ीवास सुधा यादव के नजदीकी होने के कारण अपने उतराधकारी मुकेश कापड़ीवास के लिए टिकट मांगेगे,चौथे मनोहरलाल के नजदीकी होने का कारण बताते हुए सतीश खोला अपने लिए टिकट मांगेगे और यह भी हो सकता है नरवीर राव प्रशांत यादव (सन्नी) के लिए टिकट मांगे I भाजपा की टिकट पाने कि चाह ने उम्मीदवारों के मुकाबले को ज्यादा संघर्ष पूर्ण बना दिया है I भाजपा से टिकट पाने के जितने दावेदार होंगे, उतना ही रेवाड़ी विधायक को ज्यादा फायदा होगा, क्यों टिकट तो एक को ही मिलेगी और जिसको टिकट नहीं मिलेगी वह विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी ताल ठोकेंगा ,जो रेवाड़ी विधायक के लिए लिए फायदा करेगी I क्योंकि बिल्लीयों कि लड़ाई में हमेशा बंदर को ही फायदा मिलता है I अब हम भाजपा की टिकट की दावेदारी को लेकर समीक्षा करते है कि कौन कितने पानी में है ? किसी भी पार्टी में टिकट की दावेदारी के लिए कद को नापा जाता है I सबसे पहले हम बात करते है आरती राव की, वह अपने पिता राव इंद्रजीत और दादा राव बीरेंद्र के दम पर दावेदारी ठोकेगी क्योंकि राव परिवार का अपना अच्छा खासा वोट बैंक तो है,पर रेवाड़ी विधानसभा में राव परिवार की वोटरों से दूरियां होने के कारण पिछले विधानसभा चुनावों में कप्तान परिवार से मात खाते आये है I आरती राव वैसे तो जनता के बीच सक्रिय है और उन्हें कहीं ना कहीं टिकट की दावेदारी और चुनाव में फायदा जरूर मिलेगा,पिछले विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारकर अपनी ताक़त को तोला, और अपने उम्मीदवार को जीत के करीब तक ले गये I
लेकिन आरती राव रेवाड़ी कि जनता के बीच यह कहकर वोट मांगे कि मैं अहीवाल की बेटी हूं और मुझे अपनी बेटी समझकर साथ दो और मैं भी बेटी समझकर आपकी सेवा करुँगी तो निश्चित रूप से राव परिवार के पुराने नकारात्मक रवईये को नज़रअंदाज़ कर देगी और हो सकता है साहनुभूति वश वह रेवाड़ी से सीट निकाल भी ले जायें, लेकिन अगर वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में रेवाड़ी से चुनाव लड़ी तो वोट कुछ कम मिलेंगे I दूसरे नंबर पर टिकट कि दावेदारी में पूर्व विधायक या मंत्री कि होती है I रघुयादव और रणधीर कापड़ीवास पूर्व विधायक है और दोनों रेवाड़ी से ही एक-एक बार विधायक रहे है I उनकी खुद कि दावेदारी को तो हो सकता है जनता स्वीकार करे पर उनके उत्तराधिकारी को जनता स्वीकार करेगी या नहीं, कहा नहीं जा सकता I रघुयादव केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के सहारे सर्जन यादव को भाजपा कि टिकट दिलवाने का पूरा प्रयास करेंगे I इसी आधार पर पूर्व विधायक रणधीर कापड़ीवास पूर्व सांसद सुधायादव के समर्थन और सहयोग से अपने उत्तराधिकारी मुकेश कापड़ीवास को टिकट दिलवाने कि कोशिश करेंगे I मुकेश कापड़ीवास और सर्जन की टिकट की दावेदारी भूपेंद्र यादव और सुधा यादव के कद के ऊपर निर्भर करेगी,वैसे अभी तक तो यह माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की केंद्र में राव सांसद इंद्रजीत और पूर्व सांसद सुधा यादव से ज्यादा से चलती है, इसलिए सर्जन यादव को कम आंकना सही नहीं है, बेशक रेवाड़ी की जनता उनको ज्यादा ना जानती हो, लेकिन रघुयादव को तो जनता जानती है, वह क्रन्तिकारी विधायक रहे है I यही हाल रणधीर कापड़ीवास का भी है वह केवल एक बार विधायक बने हो पर वह 1996 से लगातार रेवाड़ी से विधानसभा चुनाव लड़ते आये है I उनके गिनती दूसरे या तीसरे नंबर पर हमेशा रही है I
इससे यह तो साबित होता है कि रणधीर कापड़ीवास ने अपने वोटरों को बांध कर रखा हुआ है पर उनके भतीजे मुकेश कापड़ीवास उनको कितना केश कर पाते है, यह उनके ऊपर निर्भर है I चौथे नंबर पर टिकट की दावेदारी में नाम आता है सतीश खोला का I सतीश खोला मैं और मेरी पार्टी कि नीति पर पिछले 6 सालों से जनता के बीच रहकर जनहित कार्य कर रहे है I सही मायने में कहें तो टिकट के अन्य दावेदारों से सतीश खोला लोगों के बीच ज्यादा सक्रिय है,उनके मुख्यमंत्री मनोहरलाल से अच्छे सम्बन्ध और नरवीर के नजदीकी माने जाते है, पर अभी तक राव नरवीर उनके किसी कार्यक्रम में देखे नहीं गये,लेकिन फिर भी वह निरंतर पिछले 6 सालों से पार्टी की कल्याण योजनाओं को प्रमोट किया है I पार्टी अगर सेवक के रूप में देखे तो टिकट कि दावेदारी में सबसे ज्यादा हक़ सतीश खोला का है,लेकिन अगर उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दी तो चुनाव लड़ने कि चाह में वह बागी हो सकते है और रायता भी बिखेर सकते है I पांचवे दावेदार प्रशांत यादव (सन्नी )I उनका मासूम सा मुस्कराता चेहरा उनके प्रति साहनीभूति पैदा करता है I सन्नी यादव बेशक राजनीति के दांव पेच ना जानते हो पर अभिमन्यु कि तरह चुनावी दंगल में एक बार फिर उतरेगे और हो सकता है राव नरवीर उनके लिए टिकट की दावेदारी का प्रयास कर सकते है I भाजपा हाईकमान के लिए रेवाड़ी विधानसभा से टिकट देना किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है I अगर भाजपा हाई कमान इन टिकट के दावेदारों में से किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंची तो भाजपा टिकट को लेकर एक और खेल खेल सकती है, जिसे गेमचेंज ओवर कह सकते है,जैसे क्रिकेट में अगर शुरू के तीन-चार खिलाड़ी दस-बीस रन पर आउट हो जाते है तो फिल कपिल देव या धोनी को पासा पलटने के लिए उतरा जाता है I राव का मुख्य उदेश्य है आरती राव को विधायक बनाना है,यह भी सच है कि आरती राव के लिए रेवाड़ी से ज्यादा सुरक्षित सीट कोसली है अगर वर्तमान कोसली विधायक लक्ष्मण यादव चुनाव ना लड़े तो,पर यह भी मुश्किल कि वह कोसली से चुनाव ना लड़े I वह एक ही सूरत में कोसली से चुनाव लड़ना छोड़ सकते है कि उन्हें रेवाड़ी से भाजपा कि टिकट मिले I
लक्ष्मण यादव रेवाड़ी में रहते है और धीरे-धीरे वह रेवाड़ी में भी सक्रिय हो रहे है I सीटिंग विधायक की टिकट पर दावेदारी सबसे ज्यादा बनती है I उनके राव इंद्रजीत,रणधीर कापड़ीवास,रघुयादव, सतीश खोला से अच्छे सम्बन्ध है और ऐसा भी नहीं की उनके सुधा यादव और नरवीर से सम्बन्ध खराब हो और भूपेंद्र यादव के बारे में कुछ कह नहीं सकता पर इतना अवश्य है की लक्ष्मण यादव से खराब नहीं I लक्ष्मण यादव अब विधानसभा में अहीरवाल की आवाज़ भी उठा रहे I उन्होंने कोसली और अहीवाल की कई समस्याओं को विधानसभा में उठाया है, जिन पर अमल किया जा रहा है I उनके विधानसभा में निरंतर मुद्दे उठाना उनकी दावेदारी को मजबूत करता है I भाजपा हाई कमान हो सकता है कि रेवाड़ी से टिकट वितरण विवाद को खत्म करने के लिए लक्ष्मण यादव की टिकट पर मोहर लगा दे I लक्ष्मण यादव की यह काबिलियत है कि वह सबसे तालमेल बना लेते है I उनकी किसी से नाराजगी भी नहीं और भाजपा को रेवाड़ी में खड़ा करने उनकी भी अहम् भूमिका रही है I उनके नाम पर सबकी सहमति हो सकती है I
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