जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने की प्राधिकरण की 61वीं सीपीसी बैठक की अध्यक्षता
- जीएमडीए ताऊ देवीलाल स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल कोर्ट विकसित करेगा
- सीपीसी बैठक में बरसाती नालों की डिसिल्टिंग के तीन कार्यों को मंजूरी
गुरुग्राम, 16 मईः गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) की 61वीं कोर प्लानिंग सेल (सीपीसी) बैठक जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री पी.सी. मीणा की अध्यक्षता में हुई। इस अवसर पर प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
शहर के सेक्टर-38 स्थित ताऊ देवी लाल स्टेडियम में बास्केटबॉल कोर्ट विकसित करने का प्रस्ताव इन्फ्रा 1 डिवीजन द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्ताव के तहत दो आउटडोर बास्केट बॉल कोर्ट और एक इंडोर बास्केट बॉल कोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप विकसित किया जाएगा। इस योजना में ड्रेसिंग रूम, शौचालय, फ्लड लाइट, मॉड्यूलर डेक ब्लीचर्स जैसी सभी सुविधाओं को भी शामिल किया गया है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 2.3 करोड़ रुपये है, जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी और निर्देश दिए कि अंतर्राष्ट्रीय मानक और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।
“शहर में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए जीएमडीए ताऊ देवी लाल स्टेडियम में बास्केटबॉल कोर्ट परिसर का विकास और उन्नयन करेगा, जिसमें भविष्य में शीर्ष स्तर के टूर्नामेंट आयोजित किए जा सकते हैं। हमारे खिलाड़ियों को गुणवत्तापूर्ण खेल गंतव्य प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सभी विशिष्टताओं को शामिल किया जाएगा”, जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री पी.सी. मीणा, ने कहा।
आज सीपीसी की बैठक में करीब 16.11 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत के ड्रेनेज नेटवर्क के डिसिल्टिंग कार्य के प्रस्ताव पेश किए गए, जिन्हें जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने मंजूरी दी। इसमे शामिल हैः
- सेक्टर 66/67 में 1.35 किलोमीटर आरसीसी पाइप ड्रेन और सेक्टर 58/59 में 1.65 किलोमीटर आरसीसी पाइप ड्रेन की हाई पावर सुपर सकर मशीन से डिसिल्टिंग करना।
- हाई पावर सुपर सकर मशीन के माध्यम से सेक्टर-72ए से सेक्टर-37 तक स्टॉर्म वाटर ड्रेन लेग-।।। के 13 किलोमीटर की डिसिल्टिंग करना।
- 52/52ए सेक्टर डिवाइडिंग रोड के दोनों तरफ करीब 5 किलोमीटर की आरसीसी पाइप ड्रेन की डिसिल्टिंग करना शामिल है।
“मानसून से पहले शहर में स्टॉर्म वाटर के नालों की सफाई की जा रही है। आज की बैठक में, सड़क पर जलभराव की स्थिति को रोकने के लिए मास्टर स्टॉर्म वाटर ड्रेन के विभिन्न हिस्सों को डीसिल्टिंग के लिए लिया गया है, जिनमें गाद होने के कारण वे वांछित क्षमता में बरसाती पानी का निपटान करने में सक्षम नहीं हैं”, जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा।
जीएमडीए द्वारा शहर में ड्रेनेज नेटवर्क का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। नालों में मौजूद गाद के स्तर को निर्धारित करने के लिए टीम द्वारा डिजिटल तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में चल रही विभिन्न परियोजनाओं में एजेंसियों द्वारा किए जा रहे डिसिल्टिंग कार्य पर भी कड़ी निगरानी रखी जाती है और सीसीटीवी निरीक्षण के माध्यम से पूरे किए गए कार्य की प्रभावशीलता सुनिश्चित की जाती है।
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