सिरसा जनसंवाद कार्यक्रम में दिखा खट्टर साहब का अहंकारी रूप : माईकल सैनी
गुरुग्राम 16/5/2023 तरविंदर सैनी (माईकल) आम आदमी पार्टी नेता ने कहा कि खट्टर सरकार का अहंकारी रूप उभर कर सामने आया है उनके तानाशाही रवैये ने स्पस्ट कर दिया है कि उन्हें लोकतांत्रिक मूल्यों की कोई परवाह नहीं जिसकी एक नजीर पेश करते हुए उन्होंने आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता की पिटाई करने का आदेश दिया उसके इतर एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी जहाँ मंच पर ही महिला सरपंच की फरियाद नहीं सुनी गई तो उसने अपना आँचल दुपट्टा ही सीएम के चरणों में डालना पड़ा , वहीं एक अधेड़ महिला का उपहास उड़ाने का मामला भी सामने आया , कुल मिलाकर जनता के गले नहीं उतरा सीएम साहब का जनसंवाद कार्यक्रम !
सिरसा में जनसंवाद कार्यक्रम कर रहे माननीय मुख्यमंत्री जी , जिन्हें स्वम् उम्र की एक दहलीज पार किए अरसा बित चुका हैं 72 साल की उम्र के हो चले है परन्तु जनसंवाद कार्यक्रम में सजे-सँवरे वृद्ध की भांति मंच पर अपनी बात रख रहे मुख्यमंत्री जी को जब भीड़ में से एक 55 वर्षीय ग्रामीण महिला अपनी पीड़ा सुना रही थी तभी उस महिला को खट्टर साहब ने अहंकारवश अथवा मखोलिया अंदाज में कहा - ओ माई तू बैठ जा मुझे पता है तुझे किस ने पढ़ाकर भेजा है तू बैठ जा , तू चुप हो जा मैं जानता हूँ तेरी समस्या क्या है , ओ माई देख मैं भी तो तेरा बेटा हूँ जैसी बातें कह 72 वर्षीय सीएम साहब 55 वर्षीय महिला को माँ बता रहे थे ?
माईकल सैनी कहते हैं कि ऐसे जनसंवाद कार्यक्रम में जहां जनता की बात सुनी ही नहीं जानी थी तो क्या जरूरत थी और क्या मुख्यमंत्री महोदय आपकी भाषाशैली जो ठीक नहीं उसको सुनने कबतल्क आते रहें लोग ?
माईकल सैनी ने खट्टर साहब को उनके द्वारा लिए गए संकल्पों की याद दिलाते हुए पूछा है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करते हुए जो संकल्प लिए कि - मैं मनोहर लाल खट्टर भारत के संविधान उसकी अखंडता एवं गोपनीयता की शपथ लेता हूँ कि - विधि द्वारा निर्धारित नियमों की पालना में बगैर किसी भेदभाव को किए सभी जन को समान रूप से देखते हुए लोगों के हित में उनकी भावनाओं को मद्देनजर रखकर न्याय दिलाने के लिए कार्य करूँगा !
मैं मनोहर लाल खट्टर जनता द्वारा ,जनता के लिए चुनी हुई सरकार का सच्ची निष्ठा ,मेहनत और लगन एवं ईमानदारी के साथ निर्वाहन करूँगा >याद नहीं क्या ? खैर...
समर्ण रहे कि जनता का मखोल उड़ाने, महिलाओं का आँचल कदमों में डलवाने , बेटियों को धरनों पर बैठाने ,युवाओं को रोजगार के लिए ठोकरे खाने, कर्मचारियों, मजदूरों और व्यापारियों का दमन करने के लिए नहीं चुना था प्रदेश की जनता भाजपा को - होश में आए सरकार नहीं तो जनता आती है ।
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