जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने की प्राधिकरण की 62वीं सीपीसी बैठक की अध्यक्षता



- गुरुग्राम शहर के लिए सड़क नेटवर्क की भविष्य की योजना के लिए दिशा-निर्देश जारी किए 

- नए गुरुग्राम में सड़क उन्नयन परियोजनाओं को दी मंजूरी

गुरुग्राम, 06 जूनः गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री पी.सी. मीणा ने आज प्राधिकारण की 62वीं कोर प्लानिंग सेल (सीपीसी) बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने मौजूदा परियोजनाओं की समीक्षा की और नई परियोजनाओं का जायजा लिया और इस बैठक में जीएमडीए के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

आज सीपीसी की बैठक में करीब 79.33 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से न्यू गुरुग्राम की 5 प्रमुख सड़कों के पुनर्निर्माण के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें सेक्टर 102/102ए की 1.3 किलोमीटर की मास्टर डिवाइडिंग रोड, सेक्टर 106/109 की 1.86 किलोमीटर की मास्टर डिवाइडिंग रोड, सेक्टर 114 आउटर की 780 मीटर की मास्टर डिवाइडिंग रोड, सेक्टर 102A/103 की 1.8 किलोमीटर की मास्टर डिवाइडिंग रोड और सेक्टर 106/103 की 1.8 किलोमीटर की मास्टर डिवाइडिंग रोड शामिल है। इन कार्यों के तहत मौजूदा 6 लेन के मुख्य कैरिजवे, फुटपाथ और ड्रेनेज नेटवर्क का पुनर्निर्माण किया जाएगा।   

“ये प्रमुख क्षेत्र की सड़कें हैं जो आगामी द्वारका एक्सप्रेस-वे से जुड़ रही हैं और निकट भविष्य में यहां यातायात में वृद्धि देखने को मिलेगी। वर्तमान में ये सड़कें जर्जर हालत में हैं और जीएमडीए सड़क की मौजूदा स्थिति में सुधार करेगा ताकि निवासियों को सुरक्षित और सुगम आवागमन का अनुभव मिल सके और साथ ही सेक्टर 102 में आगामी शीतला माता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके”, जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री पी.सी. मीणा, ने कहा।    

राजीव चौक पर सरफेस ड्रेन और  बॉक्स ड्रेन के निर्माण के प्रस्ताव को जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने मंजूरी दी और कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिए। 

मोबिलिटी डिवीजन द्वारा यह प्रस्तुत किया गया कि सेक्टर 44, 45 और 52 के टी-जंक्शन (कन्हई-टी जंक्शन) में सुधार के लिए काम जल्द ही एजेंसी को आवंटित किया जाएगा, ताकि चैराहे पर वाहनों और पैदल यात्रियों की आवाजाही में सुधार किया जा सके।  

जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इंजीनियरिंग विंग को शहर में महत्वपूर्ण बिंदुओं और चैराहों की पहचान करने के लिए एक प्रारंभिक अध्ययन करने का निर्देश दिया, जहां भविष्य में शहर के विकास और यातायात को ध्यान में रखते हुए सड़क बुनियादी विकास के लिए अंडरपास, फ्लाईओवर और एफओबी के निर्माण की योजना बनाई जाए। यातायात की भीड़ के प्रमुख बिंदुओं की पहचान की जानी चाहिए और शहर के लिए वाहन और गैर मोटर चालित परिवहन दोनों को सुविधाजनक बनाने की योजना बनाई जा सके। 

“गुरुग्राम तीव्र गति से विकास कर रहा है और अगले 1-2 दशकों में शहर की बढ़ती जरूरतों और मांगों के साथ तालमेल रखने के लिए और शहर के गतिशीलता कारक को प्रभावित करने वाले किसी भी संभावित मुद्दों को दूर करने के लिए, एक फ्यूचरिस्टिक प्लेनिंग की जानी चाहिए। जीएमडीए उन प्रमुख जंक्शन, सड़कों आदि की पहचान करेगा, जहां आवश्यक बुनियादी ढांचे की समय पर योजना और निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए रीमॉडलिंग और अपग्रेडेशन की आवश्यकता है। हम व्यापक रूप से विशेषज्ञों और नागरिकों को भविष्य में संभावित ट्रैफिक जाम के स्थानों को प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित करते हैं, ताकि जनता के लाभ के लिए ऐसे मुद्दों को समय पर हल किया जा सके,”  जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री पी.सी. मीणा, ने कहा।    


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